महामारी के बाद वन्यजीव और मानव स्वास्थ्य को जोड़ने की पहल
कोविड-19 महामारी के पांच वर्ष बाद, भारत ने भविष्य की महामारियों से निपटने के लिए राष्ट्रीय वन्यजीव स्वास्थ्य नीति (NWHP) का प्रारूप तैयार किया है। यह नीति जूनोटिक रोगों की बढ़ती आशंका के मद्देनज़र लाई गई है, क्योंकि आंकड़ों के अनुसार 60% से अधिक मानव संक्रमण पशुओं से उत्पन्न होते हैं। यह नीति वन हेल्थ दृष्टिकोण को अपनाती है जो मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य को एकीकृत करता है और भारत के नेशनल वन हेल्थ मिशन के अनुरूप है।
निगरानी और कार्रवाई के लिए संरचना तैयार करना
इस नीति का निर्माण सेंट्रल जू अथॉरिटी (CZA) के निर्देशन में और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय के सहयोग से किया जा रहा है। एक कोर वर्किंग ग्रुप और सात थीमैटिक ग्रुप्स ने स्थलीय, समुद्री और पक्षी पारिस्थितिक तंत्रों में रोग प्रबंधन हेतु अनुशंसाएँ दी हैं। नीति का एक प्रमुख प्रस्ताव है नेशनल रेफरल सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ (NRC-W) की स्थापना, जो वन्यजीव मृत्यु और रोग प्रकोपों की जांच करेगा।
वन्यजीव स्वास्थ्य डेटाबेस और रियल-टाइम रिपोर्टिंग
नीति के तहत एक राष्ट्रीय वन्यजीव स्वास्थ्य डेटाबेस तैयार किया जाएगा जो रीयल–टाइम निगरानी के लिए केंद्रीय मंच के रूप में कार्य करेगा। यह प्रणाली पशुपालन और मानव स्वास्थ्य डाटा नेटवर्क से एकीकृत होगी, जिससे रिपोर्टिंग तेज, अलर्ट प्रणाली बेहतर और तैयारी अधिक सुदृढ़ हो सकेगी। इसके साथ वाइल्डलाइफ हेल्थ इंफॉर्मेशन सिस्टम भी प्रस्तावित है, जो डेटा को मानकीकृत करेगा और वन अधिकारियों, पशु चिकित्सकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बीच समन्वय बढ़ाएगा।
फील्ड लैब्स और सीमा क्षेत्रों में पशु सुरक्षा
नीति के अंतर्गत महत्वपूर्ण वन्यजीव क्षेत्रों के पास सैटेलाइट डायग्नोस्टिक लैब्स की स्थापना का प्रस्ताव है। ये प्रयोगशालाएँ तेज़ और सटीक रोग परीक्षण की सुविधा देंगी जिससे रोगों का शीघ्र पता चल सकेगा। इसके अलावा, नीति में राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों के पास के इलाकों में पशुओं का टीकाकरण बढ़ाने पर जोर है, जिससे पालतू पशुओं और वन्यजीवों के बीच संक्रमण का खतरा कम हो सके।
एकीकृत प्रणाली के लिए मंत्रालयों का समन्वय
फिलहाल, वन्यजीव संरक्षण पर्यावरण मंत्रालय के अंतर्गत आता है जबकि पशु स्वास्थ्य कृषि मंत्रालय की जिम्मेदारी है, जिससे प्रतिक्रियाएँ बिखरी हुई होती हैं। NWHP का उद्देश्य इन प्रशासनिक खांचों को समाप्त करना है और एक एकीकृत रोग निगरानी प्रणाली विकसित करना है, जो संयुक्त कार्रवाई और बेहतर संवाद को संभव बनाएगी। यह नीति भारत की स्रोत–स्तर पर महामारी रोकथाम रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकती है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान सारांश तालिका
पहलु | जानकारी |
नीति का नाम | राष्ट्रीय वन्यजीव स्वास्थ्य नीति (NWHP) |
स्थिति | पर्यावरण मंत्रालय व CZA द्वारा समीक्षा अधीन |
निर्माणकर्ता | सेंट्रल जू अथॉरिटी एवं प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय |
मुख्य उद्देश्य | वन्यजीव रोग निगरानी, परीक्षण, सामुदायिक स्वास्थ्य |
प्रस्तावित संस्था | नेशनल रेफरल सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ (NRC-W) |
निगरानी क्षेत्र | स्थलीय, समुद्री, पक्षी पारिस्थितिकी |
प्रस्तावित प्रणाली | वाइल्डलाइफ हेल्थ डेटाबेस, हेल्थ इंफॉर्मेशन सिस्टम |
फील्ड संरचना | महत्वपूर्ण क्षेत्रों के पास सैटेलाइट डायग्नोस्टिक लैब्स |
एकीकृत दृष्टिकोण | मानव, पशु, पर्यावरण स्वास्थ्य का वन हेल्थ दृष्टिकोण |
जुड़ा हुआ मिशन | नेशनल वन हेल्थ मिशन |