जुलाई 20, 2025 8:20 पूर्वाह्न

राष्ट्रीय बालिका दिवस 2025: भारत की बेटियों को सशक्त बनाने की ओर एक उज्जवल कदम

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National Girl Child Day 2025: Empowering India’s Daughters for a Brighter Tomorrow

बालिकाओं के अधिकार और विकास के लिए राष्ट्रीय प्रतिबद्धता

हर वर्ष 24 जनवरी को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय बालिका दिवस भारत में बालिकाओं के अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए सरकार की नवीन प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इसकी शुरुआत 2008 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने की थी, ताकि समाज में लैंगिक भेदभाव के विरुद्ध जागरूकता लाई जा सके और समान अवसरों को बढ़ावा दिया जा सके।

24 जनवरी की ऐतिहासिक महत्ता

यह दिन भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पदभार ग्रहण की स्मृति से जुड़ा है। यह सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि महिला नेतृत्व और सशक्तिकरण का प्रतीक है। यह याद दिलाता है कि भारत की लाखों बालिकाओं को अभी भी शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, बाल विवाह और लैंगिक हिंसा से जुड़े गंभीर मुद्दों का सामना करना पड़ता है।

सरकारी योजनाएँ जो बदलाव ला रही हैं

भारत सरकार और राज्य सरकारों ने कई योजनाएँ शुरू की हैं जो बालिकाओं की शिक्षा और सुरक्षा को प्राथमिकता देती हैं:

  • बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना: बाल लिंगानुपात में सुधार और शिक्षा के अवसरों का विस्तार।
  • सुकन्या समृद्धि योजना: बालिकाओं के लिए बचत योजना, जिसमें माता-पिता को उच्च ब्याज दर पर धन जमा करने की सुविधा मिलती है।
  • राज्य स्तरीय योजनाएं जैसे मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना और बालिका समृद्धि योजना बालिकाओं के शिक्षा, पोषण और विवाह के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं।

कानूनी उपाय जो सुरक्षा और अधिकार सुनिश्चित करते हैं

भारत में बालिकाओं की सुरक्षा और अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए सख्त कानून भी लागू किए गए हैं:

  • बाल विवाह निषेध अधिनियम (2006)नाबालिग विवाह को रोकने के लिए कानूनी दंड।
  • पॉक्सो अधिनियम (2012) – बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों से सुरक्षा।
  • जुवेनाइल जस्टिस अधिनियम (2015) – जोखिम में पड़े बच्चों के लिए देखभाल, पुनर्वास और न्याय की व्यवस्था।
  • ट्रैक चाइल्ड पोर्टल और चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 – गुमशुदा या संकट में पड़े बच्चों के लिए तकनीकी सहायता प्रणाली

कानून के ज़रिए लिंग आधारित पक्षपात के विरुद्ध लड़ाई

लड़कियों के जन्म से पहले लिंग चयन को रोकने के लिए पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम (PNDT) 1994 को 2002 में संशोधित किया गया। यह अधिनियम भ्रूण के लिंग की जांच पर सख्त प्रतिबंध लगाता है। वहीं गर्भ समापन अधिनियम (MTP Act) केवल चिकित्सकीय कारणों से गर्भपात की अनुमति देता है — लिंग आधारित गर्भपात पूर्णतः अवैध है।

Static GK Snapshot (स्थैतिक सामान्य ज्ञान)

श्रेणी विवरण
शुरुआत का वर्ष 2008 (महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा)
मनाने की तिथि 24 जनवरी
प्रमुख योजनाएं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना
मुख्य कानून पीएनडीटी अधिनियम 1994 (संशोधित 2002), पॉक्सो अधिनियम 2012
2011 का लिंगानुपात 943 महिलाएं प्रति 1000 पुरुष
2036 का अनुमानित लिंगानुपात 952 महिलाएं प्रति 1000 पुरुष
बाल सुरक्षा साधन ट्रैक चाइल्ड पोर्टल, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098

National Girl Child Day 2025: Empowering India’s Daughters for a Brighter Tomorrow
  1. राष्ट्रीय बालिका दिवस हर वर्ष 24 जनवरी को भारत में मनाया जाता है।
  2. इस दिन की शुरुआत 2008 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा की गई थी।
  3. 24 जनवरी को इंदिरा गांधी के भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने की स्मृति में चुना गया।
  4. यह दिन लैंगिक भेदभाव खत्म करने और बेटियों को समान अवसर देने पर केंद्रित है।
  5. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना बालिकाओं की शिक्षा, समानता और लिंगानुपात सुधार को बढ़ावा देती है।
  6. सुकन्या समृद्धि योजना बालिकाओं की शिक्षा और विवाह के लिए बचत को प्रोत्साहित करती है।
  7. बालिका समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना जैसे राज्य-स्तरीय कार्यक्रम बेटियों को आर्थिक सहायता देते हैं।
  8. बाल विवाह निषेध अधिनियम (2006) नाबालिग विवाह को रोकने के लिए बनाया गया है।
  9. POCSO अधिनियम (2012) नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है।
  10. जुवेनाइल जस्टिस अधिनियम (2015) कानून से टकराव में आई और ज़रूरतमंद बच्चों के देखभाल और संरक्षण को सुनिश्चित करता है।
  11. मिशन वात्सल्य में ट्रैक चाइल्ड पोर्टल और बाल सहायता हेल्पलाइन 1098 शामिल हैं।
  12. पीएनडीटी अधिनियम (1994, संशोधित 2002) गर्भावस्था के दौरान लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगाता है।
  13. एमटीपी अधिनियम चिकित्सा कारणों से गर्भपात की अनुमति देता है, लेकिन लिंग चयन के उद्देश्य से नहीं
  14. 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में बाल लिंगानुपात 943 लड़कियाँ प्रति 1000 लड़के दर्ज किया गया।
  15. 2036 तक अनुमानित बाल लिंगानुपात 952 लड़कियाँ प्रति 1000 लड़के तक पहुँचने की संभावना है।
  16. लैंगिक हिंसा, स्कूल छोड़ने की दर, और स्वास्थ्य असमानता बालिकाओं की प्रमुख चुनौतियाँ हैं।
  17. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से लागू की जाती है।
  18. यह दिवस शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और सशक्तिकरण को बालिका विकास के चार स्तंभों के रूप में रेखांकित करता है।
  19. POCSO और JJ अधिनियम मिलकर बच्चों को कानूनी संरक्षण और पुनर्वास प्रदान करते हैं।
  20. राष्ट्रीय बालिका दिवस 2025, बेटियों के अधिकारों, गरिमा और विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराता है।

Q1. भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस कब मनाया जाता है?


Q2. कौन-सी योजना बालिका की शिक्षा और विवाह के लिए बचत को बढ़ावा देती है?


Q3. भारत में लिंग परीक्षण आधारित भ्रूण जांच पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून कौन-सा है?


Q4. भारत के लिए 2036 तक अनुमानित लिंगानुपात क्या है?


Q5. मिशन वात्सल्य के तहत असुरक्षित बच्चों पर निगरानी रखने के लिए कौन-सा पोर्टल प्रयोग किया जाता है?


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