जुलाई 18, 2025 8:33 पूर्वाह्न

राष्ट्रीय नदी यातायात और नेविगेशन प्रणाली: भारत के जलमार्गों के लिए एक परिवर्तनकारी पहल

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National River Traffic and Navigation System: A Game-Changer for India’s Waterways

प्रौद्योगिकी से जल परिवहन का कायाकल्प

भारत अपने अंतर्देशीय जल परिवहन प्रणाली को आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ी छलांग लगा रहा है। हाल ही में राष्ट्रीय नदी यातायात और नेविगेशन प्रणाली (NRT&NS) की शुरुआत की गई, जिसे अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद की दूसरी बैठक के दौरान लॉन्च किया गया। यह पहल Inland Waterways Authority of India (IWAI) द्वारा संचालित है। अब नावों और मालवाहक जहाजों की आवाजाही रियलटाइम निगरानी और स्मार्ट नेविगेशन सिस्टम के जरिए अधिक सुरक्षित और कुशल बन जाएगी।

जलमार्गों पर क्यों दिया जा रहा है जोर?

भारत में करीब 14,500 किलोमीटर लंबे नौगम्य जलमार्ग हैं, लेकिन अब तक इसका पूर्ण उपयोग नहीं हो पाया है। गंगा, ब्रह्मपुत्र और गोदावरी जैसी नदियाँ व्यापार के लिए शानदार मार्ग बन सकती हैं, लेकिन मॉनिटरिंग की कमी और पुरानी तकनीक बाधा बन रही थी। अब NRT&NS इस अंतर को दूर करने के लिए आया है, जिससे परिवहन लागत कम होगी और सड़कों और रेलों पर भार भी घटेगा।

रियल-टाइम डेटा की अहम भूमिका

इस प्रणाली का मूल आधार है रियलटाइम तकनीकसैटेलाइट ट्रैकिंग और सेंसर डेटा के जरिए अब जहाजों की सटीक लोकेशन, जल स्तर, और जोखिम की जानकारी पहले ही मिल जाएगी। उदाहरण के लिए, गंगा पर चलने वाली एक कार्गो बोट को आस-पास की ट्रैफिक, उथले क्षेत्र, और डॉकिन्ग पॉइंट की चेतावनी समय रहते मिल जाएगी। इससे सुरक्षा और कुशलता दोनों में बढ़ोतरी होगी।

भारत का बढ़ता जलमार्ग नेटवर्क

आज भारत में 111 राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किए जा चुके हैं, जो राज्यों, नदियों, नहरों और बैकवाटर क्षेत्रों को जोड़ते हैं। अगर इन्हें सही ढंग से प्रबंधित किया जाए तो ये कम लागत वाले और पर्यावरण के अनुकूल व्यापार मार्ग बन सकते हैं। NRT&NS की मदद से ये जलमार्ग अब एक संगठित नेटवर्क की तरह कार्य कर सकेंगे। इससे दूरदराज के क्षेत्रों में रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

दीर्घकालिक दृष्टिकोण: स्मार्ट और सतत विकास

यह प्रणाली केवल तकनीक तक सीमित नहीं है—यह भारत के हरित विकास और ईंधन निर्भरता कम करने के राष्ट्रीय लक्ष्य से भी जुड़ी है। जलमार्ग से माल ढुलाई करना सड़क और रेल की तुलना में कम प्रदूषण करता है। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में भारत की परिवहन प्रणाली स्मार्ट, सुरक्षित और पर्यावरणअनुकूल हो।

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए स्थैतिक जीके स्नैपशॉट

विषय तथ्य
कुल नौगम्य जलमार्ग 14,500 किलोमीटर अंतर्देशीय जलमार्ग
राष्ट्रीय जलमार्गों की संख्या 111 आधिकारिक रूप से घोषित जलमार्ग
प्रमुख एजेंसी Inland Waterways Authority of India (IWAI)
NRT&NS की विशेषता रियल-टाइम ट्रैकिंग और स्मार्ट नेविगेशन
प्रमुख लाभ परिवहन लागत में कमी, व्यापार में वृद्धि, क्षेत्रीय संपर्क में सुधार

भारत की नदियाँ केवल विरासत नहीं, बल्कि भविष्य की प्रगति का माध्यम भी बन रही हैं। NRT&NS जैसी डिजिटल पहल से अब ये नदियाँ व्यापार और कनेक्टिविटी के नए अध्याय लिखने को तैयार हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए यह विषय अत्यंत महत्वपूर्ण है।

National River Traffic and Navigation System: A Game-Changer for India’s Waterways
  1. भारत ने राष्ट्रीय नदी यातायात और नौवहन प्रणाली (NRT&NS) लॉन्च की है ताकि अंतर्देशीय जल परिवहन को आधुनिक बनाया जा सके।
  2. यह प्रणाली द्वितीय अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद बैठक में प्रस्तुत की गई।
  3. इस पहल का नेतृत्व भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) कर रहा है।
  4. NRT&NS रियलटाइम ट्रैकिंग और स्मार्ट नेविगेशन उपकरणों का उपयोग करता है ताकि जलयान संचालन को बेहतर बनाया जा सके।
  5. भारत के पास 14,500 किमी लंबे नौगम्य जलमार्ग हैं, परंतु अधिकांश अभी भी कम उपयोग में हैं।
  6. गंगा, ब्रह्मपुत्र और गोदावरी जैसी नदियाँ, अंतर्देशीय परिवहन के लिए अपार संभावनाएं रखती हैं।
  7. यह प्रणाली जलयानों की निगरानी, ट्रैफिक नियंत्रण और लॉजिस्टिक्स दक्षता को बढ़ाती है।
  8. उपग्रह ट्रैकिंग और सेंसर आधारित अलर्ट देरी रोकने और सुरक्षा बढ़ाने में सहायक हैं।
  9. अब जलयानों को उथले क्षेत्र, ट्रैफिक और डॉकिंग प्वाइंट्स की जानकारी समय रहते मिल सकेगी।
  10. यह पहल लॉजिस्टिक्स लागत को घटाएगी और सड़क रेलवे पर दबाव कम करेगी।
  11. भारत ने अब तक 111 राष्ट्रीय जलमार्गों को अधिसूचित किया है, जिनमें नदियाँ, नहरें और बैकवाटर शामिल हैं।
  12. ये जलमार्ग, सड़क और रेल परिवहन की तुलना में पर्यावरणअनुकूल व्यापार मार्ग हैं।
  13. NRT&NS भारत के जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करता है क्योंकि यह कम उत्सर्जन वाले परिवहन को बढ़ावा देता है।
  14. जलमार्गों से लास्ट माइल कनेक्टिविटी मिलती है जो ग्रामीण और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं को बल देती है।
  15. यह प्रणाली भारत के डिजिटल और हरित अवसंरचना के सपने का हिस्सा है।
  16. यह ईंधन पर निर्भरता घटाने और सतत लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा देने में सहायक है।
  17. IWAI भारत में डिजिटल रिवर ट्रांसपोर्ट सिस्टम के विकास में मुख्य भूमिका निभा रहा है।
  18. रियलटाइम डेटा जल स्तर, जलयान की गति और मार्ग की सुरक्षा की निगरानी करता है।
  19. यदि सफल रहा, तो NRT&NS अन्य विकासशील देशों के लिए आदर्श मॉडल बन सकता है।
  20. डिजिटल जलमार्ग अवसंरचना के साथ भारत हरित और स्मार्ट परिवहन भविष्य की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

Q1. NRT&NS का पूरा नाम क्या है?


Q2. किस संगठन ने NRT&NS प्रणाली की शुरुआत की?


Q3. भारत में वर्तमान में कितने किलोमीटर की नौगम्य अंतर्देशीय जलमार्ग उपलब्ध हैं?


Q4. भारत में कुल कितने राष्ट्रीय जलमार्ग (National Waterways) घोषित किए गए हैं?


Q5. NRT&NS की एक प्रमुख विशेषता क्या है?


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