जुलाई 22, 2025 8:34 अपराह्न

राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस 2025: भारत की प्रतिरक्षण विरासत को समर्पित

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National Vaccination Day 2025: Honouring India’s Immunisation Legacy

प्रतिरक्षण और जनस्वास्थ्य को समर्पित एक दिन

हर वर्ष 16 मार्च को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस भारत की टीके से रोके जा सकने वाले रोगों के खिलाफ लड़ाई की याद दिलाता है। इसकी शुरुआत 1995 में पल्स पोलियो कार्यक्रम के तहत ओरल पोलियो वैक्सीन की पहली खुराक देने से हुई थी। यह अभियान 2014 में भारत को डब्ल्यूएचओ द्वारा पोलियोमुक्त घोषित कराने में निर्णायक साबित हुआ। यह उपलब्धि जनसहभागिता, सामूहिक प्रयास और मजबूत स्वास्थ्य तंत्र की शक्ति को दर्शाती है।

स्वास्थ्यकर्मियों और जनभागीदारी को सम्मान

यह दिवस केवल टीकों तक सीमित नहीं है, बल्कि उन आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कर्मचारियों, नर्सों और डॉक्टरों को सम्मान देने का अवसर भी है जो देश के दूरदराज़ इलाकों में जाकर जीवनरक्षक टीके पहुंचाते हैं। यह ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में गलत सूचना और टीका झिझक को दूर करने के लिए सामुदायिक भागीदारी को भी प्रोत्साहित करता है। झुंड प्रतिरक्षा (herd immunity) और रोग नियंत्रण के लिए समाज का विश्वास और सहयोग आवश्यक है।

भारत के स्वास्थ्य पर टीकाकरण का प्रभाव

लगातार प्रयासों के कारण भारत में खसरा, डिप्थीरिया, टिटनेस और हेपेटाइटिस बी जैसी बीमारियों में उल्लेखनीय गिरावट आई है। खसरारूबेला अभियान ने बच्चों में खसरे की घटनाओं को काफी कम किया। DTP टीके ने डिप्थीरिया और काली खांसी से होने वाली बाल मृत्यु दर को घटाया है। इन प्रयासों से कोल्ड चेन प्रणाली, स्वास्थ्यकर्मियों का प्रशिक्षण और डिजिटल रिकॉर्डिंग जैसी स्वास्थ्य व्यवस्थाएं भी सशक्त हुई हैं।

प्रमुख टीकाकरण अभियान जो भारत को आगे बढ़ा रहे हैं

2014 में शुरू हुआ मिशन इंद्रधनुष शिशुओं और गर्भवती महिलाओं में 90% पूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य रखता है। सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) दुनिया के सबसे बड़े मुफ्त टीकाकरण अभियानों में से एक है, जो 12 गंभीर बीमारियों के खिलाफ सुरक्षा देता है। कोविड-19 वैक्सीनेशन अभियान में कोवैक्सिन और कोविशील्ड जैसे टीकों का प्रयोग कर भारत ने वैश्विक संकट में अपनी तेजी और क्षमता सिद्ध की।

टीकाकरण से जुड़ी चुनौतियाँ और आगे का रास्ता

हालाँकि भारत ने कई उपलब्धियाँ हासिल की हैं, पर वैक्सीन झिझक, दूरदराज़ क्षेत्रों तक पहुँच और बूस्टर डोज़ का छूट जाना अब भी चुनौती हैं। इनके समाधान के लिए मोबाइल टीकाकरण वैन, ड्रोन डिलीवरी, और डिजिटल ट्रैकिंग प्लेटफ़ॉर्म जैसे नवाचार आवश्यक हैं। स्थानीय नेताओं की भागीदारी और जागरूकता अभियानों के माध्यम से टीकाकरण कवरेज को और मजबूत किया जा सकता है।

स्थैतिक सामान्य ज्ञान सारांश तालिका

पहलु विवरण
मनाया जाता है 16 मार्च (हर वर्ष)
पहली बार मनाया गया 1995 (पल्स पोलियो कार्यक्रम की शुरुआत)
भारत पोलियो-मुक्त घोषित 2014 (WHO द्वारा)
प्रमुख टीकाकरण कार्यक्रम मिशन इंद्रधनुष, सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP), कोविड अभियान
लक्षित प्रमुख बीमारियाँ पोलियो, खसरा, टिटनेस, डिप्थीरिया, हेपेटाइटिस बी
अभियान की प्रमुख उपलब्धियाँ पोलियो उन्मूलन, बाल मृत्यु दर में गिरावट
मौजूदा चुनौतियाँ वैक्सीन झिझक, पहुँच की कमी, बूस्टर डोज़ छूट
सुझाए गए समाधान जागरूकता अभियान, मोबाइल क्लिनिक, डिजिटल ट्रैकिंग

 

National Vaccination Day 2025: Honouring India’s Immunisation Legacy
  1. राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस हर साल 16 मार्च को मनाया जाता है, ताकि भारत की टीकाकरण सफलता को उजागर किया जा सके।
  2. इसकी शुरुआत 1995 में पल्स पोलियो कार्यक्रम के साथ हुई थी।
  3. भारत को 2014 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा पोलियो मुक्त घोषित किया गया था।
  4. यह दिन आशा कार्यकर्ताओं, नर्सों, आंगनवाड़ी कर्मचारियों और डॉक्टरों के योगदान को सम्मान देता है।
  5. यह ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में समुदाय जागरूकता और भागीदारी को बढ़ावा देता है।
  6. 2014 में शुरू किया गया मिशन इंद्रधनुष, 90% पूर्ण टीकाकरण कवरेज का लक्ष्य रखता है।
  7. सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) में 12 जानलेवा बीमारियों को शामिल किया गया है।
  8. UIP के तहत टीके पोलियो, खसरा, टिटनेस, डिफ्थीरिया और हेपेटाइटिस B जैसी बीमारियों को लक्षित करते हैं।
  9. कोविड-19 टीकाकरण अभियान ने भारत की आपातकालीन प्रतिक्रिया में गति और क्षमता को दर्शाया।
  10. भारत के टीके Covaxin और Covishield ने कोविड रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  11. टीकाकरण ने भारत में शिशु मृत्यु दर और मातृ स्वास्थ्य जोखिम को कम करने में मदद की।
  12. खसरारुबेला अभियान के चलते खसरे के मामलों में तेज गिरावट आई।
  13. DTP टीका ने डिफ्थीरिया, काली खांसी और टिटनेस से होने वाली मृत्यु दर में भारी कमी की।
  14. कोल्ड चेन लॉजिस्टिक्स और डिजिटल रिकॉर्ड सिस्टम्स ने टीके की आपूर्ति को बेहतर बनाया।
  15. गलत जानकारी के कारण टीका झिझक, अब भी कुछ क्षेत्रों में टीकाकरण को बाधित करती है।
  16. दूरस्थ क्षेत्रों में पहुंच सुधारने हेतु मोबाइल वैक्सीन वैन और ड्रोन प्रस्तावित किए गए हैं।
  17. बूस्टर डोज़ का फॉलोअप, भारत की टीकाकरण व्यवस्था में एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।
  18. स्थानीय समुदाय नेता और प्रभावशाली व्यक्ति, टीकाकरण जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  19. यह दिन सार्वजनिक स्वास्थ्य, रोग रोकथाम और सार्वभौमिक टीकाकरण कवरेज को रेखांकित करता है।
  20. राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस 2025, भारत की स्वास्थ्य देखभाल की विरासत और भविष्य की दृष्टि दोनों को सम्मान देता है।

 

Q1. भारत में राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस हर वर्ष किस तिथि को मनाया जाता है?


Q2. भारत ने 2014 में कौन सी प्रमुख स्वास्थ्य उपलब्धि हासिल की थी?


Q3. भारत में टीकाकरण दर सुधारने के लिए 2014 में कौन-सा कार्यक्रम शुरू किया गया था?


Q4. भारत में टीकाकरण अभियानों को अभी भी कौन सी चुनौती प्रभावित करती है?


Q5. टीकाकरण की अंतिम छोर तक प्रभावी डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए कौन सा उपाय सुझाया गया है?


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