जुलाई 18, 2025 3:35 पूर्वाह्न

राष्ट्रपति मुर्मू ने राज्यसभा के लिए विविध विशेषज्ञों को नामित किया

करेंट अफेयर्स: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यसभा नामांकन 2025, उज्ज्वल निकम, हर्ष वर्धन श्रृंगला, डॉ. मीनाक्षी जैन, सी. सदानंदन मास्टर, संविधान का अनुच्छेद 80, मनोनीत सदस्य, उच्च सदन, भारत की संसद

Diverse Experts Nominated to Rajya Sabha by President Murmu

संसद को मिला विशेषज्ञता का नया बल

12 जुलाई 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने केंद्र सरकार की सिफारिश पर चार प्रतिष्ठित व्यक्तियों को राज्यसभा के लिए नामित किया। ये नामांकन संविधान के अनुच्छेद 80(1)(a) के तहत हुए हैं, जो साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा जैसे क्षेत्रों में असाधारण योगदान देने वाले व्यक्तियों को उच्च सदन में मनोनीत करने का अधिकार देता है।
यह कदम राज्यसभा में गैरराजनीतिक क्षेत्रों के विशेषज्ञों की आवाज़ को जगह देकर नीतिगत चर्चाओं को अधिक समृद्ध बनाता है।

मनोनीत सदस्यों का महत्व

राज्यसभा में मनोनीत सीटें उन व्यक्तियों के लिए आरक्षित होती हैं जिन्होंने सार्वजनिक जीवन में उल्लेखनीय योगदान दिया हो। ये सदस्य चुने नहीं जाते, बल्कि योग्यता के आधार पर नामित किए जाते हैं, जिससे संसद को बाहरी क्षेत्रों की विशेषज्ञता मिलती है।
Static GK: राज्यसभा में अधिकतम 12 सदस्य संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत मनोनीत किए जा सकते हैं।

नामित चार प्रमुख व्यक्तित्व

उज्ज्वल निकम
प्रसिद्ध सरकारी वकील, जो आतंकवाद और संगठित अपराध से जुड़े कई महत्त्वपूर्ण मुकदमों का हिस्सा रहे हैं। उनका कानूनी अनुभव न्यायिक सुधारों और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चर्चाओं में उपयोगी सिद्ध होगा।

सी. सदानंदन मास्टर
एक समर्पित शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता जिन्होंने ग्रामीण शिक्षा और युवाओं के उत्थान के लिए कई दशकों तक काम किया है। उनके अनुभव से सामाजिक कल्याण और ग्राम विकास की नीतियों को नई दिशा मिलेगी।

हर्षवर्धन श्रृंगला
अनुभवी राजनयिक और G20 शिखर सम्मेलन 2023 के मुख्य समन्वयक रहे हैं। उन्होंने विदेश सचिव और अमेरिका में भारत के राजदूत जैसे प्रमुख पदों पर कार्य किया है। विदेश नीति और रणनीतिक मामलों पर उनकी जानकारी संसद में अमूल्य होगी।
Static GK Tip: श्रृंगला भारत के पूर्व विदेश सचिव भी रह चुके हैं।

डॉ. मीनाक्षी जैन
राजनीति विज्ञान और भारतीय इतिहास की विद्वान, जो कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथों की लेखिका हैं। उनका शैक्षणिक योगदान संस्कृति, शिक्षा और ऐतिहासिक संदर्भों पर संसद में गहन विमर्श को बढ़ावा देगा।

विधायी प्रक्रिया में विशेषज्ञता का समावेश

यह नामांकन प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि संसद में कानून निर्माण बहुविषयक दृष्टिकोण से हो। कानूनी, सामाजिक, कूटनीतिक और शैक्षणिक विशेषज्ञता से विधायी चर्चाएं अधिक सटीक और सारगर्भित होंगी।
Static GK Fact: गैर-राजनीतिक विशेषज्ञों को नामित करने की परंपरा दो सदनीय व्यवस्थाओं (बिकैमराल सिस्टम) में विचारों की विविधता को सुनिश्चित करने के लिए अपनाई गई है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
नामांकन की तिथि 12 जुलाई 2025
संविधान का प्रावधान अनुच्छेद 80(1)(a)
राज्यसभा में कुल मनोनीत सदस्य सीमा 12
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
विधिक क्षेत्र से नामांकन उज्ज्वल निकम
सामाजिक सेवा क्षेत्र से सी. सदानंदन मास्टर
कूटनीति क्षेत्र से हर्षवर्धन श्रृंगला
इतिहास और शिक्षा क्षेत्र से डॉ. मीनाक्षी जैन
प्रमुख पूर्व मनोनीत सदस्य डॉ. एस. राधाकृष्णन
G20 2023 मेज़बान शहर नई दिल्ली
Diverse Experts Nominated to Rajya Sabha by President Murmu
  1. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 12 जुलाई 2025 को राज्यसभा के लिए चार विशेषज्ञों का मनोनयन किया।
  2. ये मनोनयन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80(1)(a) के तहत किए गए।
  3. राज्यसभा में विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता वाले अधिकतम 12 मनोनीत सदस्य हो सकते हैं।
  4. एक प्रमुख सरकारी वकील, उज्ज्वल निकम को कानून और न्याय के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए मनोनीत किया गया।
  5. निकम हाई-प्रोफाइल आतंकवाद और आपराधिक मामलों को संभालने के लिए जाने जाते हैं।
  6. एक सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद्, सी. सदानंदन मास्टर को भी मनोनीत किया गया।
  7. वे जमीनी स्तर पर युवाओं की भागीदारी और ग्रामीण शिक्षा के प्रयासों के लिए जाने जाते हैं।
  8. एक वरिष्ठ राजनयिक, हर्षवर्धन श्रृंगला, विदेश नीति में अनुभव रखते हैं।
  9. श्रृंगला ने 2023 में भारत के विदेश सचिव और जी20 के मुख्य समन्वयक के रूप में कार्य किया।
  10. इतिहासकार और विद्वान डॉ. मीनाक्षी जैन को शिक्षा और भारतीय इतिहास में उनके कार्य के लिए चुना गया।
  11. उन्होंने राजनीति विज्ञान और भारतीय संस्कृति पर अंतर्दृष्टि प्रदान करने वाली पुस्तकें लिखी हैं।
  12. इन नामांकनों का उद्देश्य संसदीय बहसों में क्षेत्र-विशिष्ट विशेषज्ञता लाना है।
  13. मनोनीत सदस्य निर्वाचित नहीं होते, बल्कि योग्यता और उपलब्धियों के आधार पर चुने जाते हैं।
  14. यह राज्यसभा में समावेशी, बहु-विषयक और गैर-राजनीतिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है।
  15. अनुच्छेद 80 राष्ट्रपति को साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा में विशेष ज्ञान वाले सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार देता है।
  16. भारत के पहले उपराष्ट्रपति डॉ. एस. राधाकृष्णन एक उल्लेखनीय पूर्व मनोनीत सदस्य थे।
  17. उच्च सदन विशेषज्ञ इनपुट के साथ कानून की समीक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  18. यह प्रणाली सूचित कानून निर्माण के लिए द्विसदनीय संसदों में वैश्विक प्रथाओं को प्रतिबिंबित करती है।
  19. ऐसे नामांकन ज्ञान-समर्थित लोकतंत्र के विचार को सुदृढ़ करते हैं।
  20. ये विविध नियुक्तियाँ राष्ट्रीय नीति निर्माण में विश्वसनीयता और गहराई जोड़ती हैं।

Q1. संविधान के किस अनुच्छेद के तहत जुलाई 2025 में चार व्यक्तियों को राज्यसभा में नामित किया गया था?


Q2. निम्नलिखित में से कौन-से प्रसिद्ध कानूनी विशेषज्ञ को 2025 में राज्यसभा में नामित किया गया है?


Q3. राज्यसभा नामांकन से पहले हर्षवर्धन श्रृंगला ने कौन-सी प्रमुख राजनयिक भूमिका निभाई थी?


Q4. राज्यसभा में अधिकतम कितने सदस्यों को नामित किया जा सकता है?


Q5. 2025 में राज्यसभा में नामित किए गए किस सदस्य के पास भारतीय इतिहास और शिक्षा का विशेषज्ञता क्षेत्र है?


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