जुलाई 19, 2025 1:17 पूर्वाह्न

यूनियाला केरलेन्सिस: केरल के वेस्टर्न घाट से मिला एक दुर्लभ वनस्पति रत्न

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Uniyala keralensis: Kerala’s Western Ghats Yields a New Botanical Gem

दशकों बाद पुनः खोजा गया एक दुर्लभ पौधा

भारत में वनस्पति अनुसंधान के क्षेत्र में बड़ी प्रगति के रूप में वैज्ञानिकों ने यूनियाला केरलेन्सिस नामक एक नई स्थानिक पौधा प्रजाति की पहचान की है, जो केरल के अगस्त्यमाला बायोस्फीयर रिजर्व में पाई गई है। यह पौधा लगभग 27 वर्ष पहले संग्रहित किया गया था लेकिन लंबे समय तक गलत वर्गीकृत रहा। नवीन टैक्सोनोमिक विश्लेषण से इसकी सही पहचान की गई, जो पश्चिमी घाट की अद्भुत जैव विविधता को रेखांकित करती है।

अद्वितीय वनस्पति पहचान और पुनः वर्गीकरण

सूर्यमुखी कुल (Asteraceae) के अंतर्गत आने वाला यह पौधा पहले वर्नोनिया मल्टीब्रैक्टिएटा समझा गया था। आधुनिक हर्बेरियम अध्ययन और संरचनात्मक विश्लेषण से इसे एक नवीन वंश “Uniyala” में स्थानांतरित किया गया है। यह भारत की वनस्पति टैक्सोनॉमी में एक महत्वपूर्ण सुधार है और यह दर्शाता है कि पूर्ववर्ती रिकॉर्ड की वैज्ञानिक पुनर्समीक्षा से नई खोज संभव होती है।

रूप-रंग और पुष्पकाल

यह पौधा एक झाड़ी है जिसकी ऊँचाई तीन मीटर तक होती है। अगस्त से अप्रैल तक इसके हल्के बैंगनी फूल खिलते हैं। इसके चौड़े पत्ते, लंबे डंठल और कम पार्श्व नसें इसे अन्य प्रजातियों से अलग करते हैं। इसकी लंबी पुष्प अवधि इसे परागण के लिए महत्वपूर्ण पौधा भी बना सकती है।

प्राकृतिक वितरण और पारिस्थितिकी

यह प्रजाति अगस्त्यमाला पहाड़ियों की ढलानों पर पाई जाती है, 700 से 1,400 मीटर ऊँचाई तक। क्षेत्रीय सर्वेक्षणों के अनुसार लगभग 5,000 पौधे चार अलगअलग उपजनसंख्या समूहों में पाए गए हैं, जो 250 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए हैं। यह पौधा सूरज वाले वन क्षेत्रों में पनपता है, जिससे पता चलता है कि संरक्षित वन क्षेत्र कितने आवश्यक हैं।

संरक्षण के लिए तत्काल शोध की आवश्यकता

IUCN रेड लिस्ट में इसे डेटा डेफिशिएंट (DD) श्रेणी में रखा गया है, जिसका अर्थ है कि इसके संरक्षण जोखिम का मूल्यांकन करने के लिए पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसकी खोज दर्शाती है कि पश्चिमी घाट जैव विविधता संरक्षण को और अधिक गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। प्रजनन जैविकी, निवास स्थान विश्लेषण और जलवायु अथवा मानव प्रभाव पर शोध अनिवार्य है।

स्थैतिक सामान्य ज्ञान सारांश तालिका

पहलु जानकारी
वैज्ञानिक नाम यूनियाला केरलेन्सिस (Uniyala keralensis)
पौधा परिवार एस्टरेसी (सूर्यमुखी कुल)
खोज स्थान अगस्त्यमाला बायोस्फीयर रिजर्व, केरल
ऊँचाई सीमा 700 से 1,400 मीटर
ज्ञात जनसंख्या लगभग 5,000 पौधे (4 उप-समूहों में)
भौगोलिक विस्तार 250 वर्ग किमी
पुष्पकाल अगस्त से अप्रैल
IUCN स्थिति डेटा डेफिशिएंट (DD)
पूर्व गलत पहचान वर्नोनिया मल्टीब्रैक्टिएटा
पारिस्थितिक क्षेत्र पश्चिमी घाट – यूनेस्को विश्व विरासत स्थल
Uniyala keralensis: Kerala’s Western Ghats Yields a New Botanical Gem
  1. Uniyala keralensis एक नई पुनःवर्गीकृत पौध प्रजाति है, जिसे केरल के अगस्थ्यमलई जैवमंडल में खोजा गया है।
  2. यह Asteraceae कुल से संबंधित है, जिसे सूरजमुखी परिवार के रूप में जाना जाता है।
  3. इस पौधे को 27 वर्ष पहले संग्रहित किया गया था, लेकिन इसे Vernonia multibracteata के रूप में गलत पहचाना गया था।
  4. आधुनिक हरबेरियम और संरचनात्मक अध्ययन ने इसे Uniyala नामक नए वंश के तहत सही तरीके से वर्गीकृत किया।
  5. यह खोज पश्चिमी घाट की समृद्ध स्थानिक जैव विविधता और वर्गीकरण क्षमता को दर्शाती है।
  6. Uniyala keralensis एक झाड़ीदार पौधा है जो लगभग 3 मीटर तक ऊँचा बढ़ता है और इसमें हल्के बैंगनी फूल होते हैं।
  7. इसका फूलने का समय अगस्त से अप्रैल तक रहता है — जो स्थानीय वनस्पतियों में सबसे लंबा है।
  8. इसकी पहचान चौड़ी पत्तियों, लंबे पेटियोल्स और न्यूनतम पार्श्व शिराओं से होती है।
  9. यह पौधा 700–1,400 मीटर की ऊँचाई वाले धूपयुक्त जंगलों के खुले क्षेत्रों में पनपता है।
  10. मैदान में किए गए अध्ययनों में, लगभग 5,000 पौधे चार उपजनसंख्याओं में दर्ज किए गए हैं।
  11. इसकी कुल भौगोलिक सीमा लगभग 250 वर्ग किलोमीटर तक सीमित है।
  12. यह पौधा अगस्थ्यमलई पहाड़ियों का मूल निवासी है, जो कि पश्चिमी घाट का एक यूनेस्को धरोहर क्षेत्र है।
  13. इस पौधे को IUCN रेड लिस्ट में “Data Deficient (DD)” श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है।
  14. प्रजाति पर पारिस्थितिकी संबंधी डेटा की कमी, तत्काल संरक्षण शोध की आवश्यकता को इंगित करती है।
  15. यह खोज पुराने वनस्पति रिकॉर्ड्स को आधुनिक उपकरणों से पुनःजांचने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
  16. अगस्थ्यमलई जैवमंडल, आज भी नई प्रजातियाँ उत्पन्न करके अपनी वैश्विक जैव विविधता का मूल्य साबित करता है।
  17. Uniyala के पुष्प गुण, इसे अपने आवास में एक मूल्यवान मधु स्रोत बना सकते हैं।
  18. यह पुनर्वर्गीकरण, भारतीय वनस्पति वर्गीकरण में एक बड़ा अद्यतन माना जा रहा है।
  19. इस प्रजाति का संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और मानवीय हस्तक्षेप जैसी चुनौतियों के बीच बेहद आवश्यक है।
  20. Uniyala keralensis, पश्चिमी घाट की नाजुक पारिस्थितिकी प्रणालियों की सुरक्षा की आवश्यकता का प्रतीक है।

Q1. Uniyala keralensis वनस्पति प्रजाति की खोज कहाँ की गई थी?


Q2. Uniyala keralensis किस पादप कुल (फैमिली) के अंतर्गत वर्गीकृत है?


Q3. Uniyala keralensis को पहले किस नाम से गलत पहचाना गया था?


Q4. IUCN के अनुसार Uniyala keralensis की स्थिति क्या है?


Q5. Uniyala keralensis की ज्ञात जंगली आबादी का अनुमानित आंकड़ा क्या है?


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