जुलाई 19, 2025 5:28 पूर्वाह्न

यमुना में अमोनिया प्रदूषण: दिल्ली का जल संकट गहराया

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Ammonia Pollution in Yamuna: Delhi's Water Crisis Deepens

दिल्ली की पानी की लगातार बढ़ती समस्या

दिल्ली एक बार फिर गंभीर जल संकट से जूझ रही है, जिसकी वजह है यमुना नदी में बढ़ता अमोनिया प्रदूषण। इस मुद्दे ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है, जहाँ आम आदमी पार्टी (AAP) ने हरियाणा सरकार पर अत्यधिक अमोनिया युक्त पानी यमुना में छोड़ने का आरोप लगाया है, जिससे राजधानी के लाखों लोगों की जल आपूर्ति बाधित हो रही है।

अमोनिया क्या है और यह खतरनाक क्यों है?

अमोनिया एक तीव्र गंध वाली रंगहीन गैस है, जिसका उपयोग उर्वरकों, सफाई उत्पादों और उद्योगों में होता है। जब यह पानी में मिल जाता है और सुरक्षित सीमा से ऊपर चला जाता है, तो यह स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए नुकसानदायक होता है। इसके मुख्य स्रोत हैं: कृषि से बहाव, औद्योगिक अपशिष्ट, और असंसाधित सीवेज। यमुना जैसे नदी तंत्र में इसका प्रवेश जल गुणवत्ता को बिगाड़ता है और शुद्धिकरण की प्रक्रिया को जटिल बना देता है।

दिल्ली की जल आपूर्ति पर प्रभाव

दिल्ली जल बोर्ड (DJB) केवल 1 ppm (पार्ट पर मिलियन) से कम अमोनिया स्तर वाले पानी को ही प्रभावी रूप से शुद्ध कर सकता है। शीतकाल में जब पानी का प्रवाह कम होता है, तब अमोनिया स्तर बढ़ जाता है, जिससे राजधानी में जल कटौती की नौबत आती है। नतीजा: कई इलाकों में साफ पानी की भारी किल्लत हो जाती है।

रासायनिक उपचार की जटिलता

अमोनिया के उपचार में क्लोरीन का उपयोग होता है, लेकिन यह एक संवेदनशील संतुलन है। 1 ppm अमोनिया नाइट्रोजन को शुद्ध करने के लिए लगभग 11.5 किलोग्राम क्लोरीन प्रति लीटर की जरूरत होती है। कम क्लोरीन से रोगाणु जीवित रह सकते हैं, और ज्यादा अमोनिया होने पर पूरा उपचार प्रणाली विफल हो सकता है। यह रासायनिक संघर्ष रोज़ाना जल संयंत्रों में देखा जाता है।

सरकारी कार्रवाई में देरी

वज़ीराबाद अमोनिया उपचार संयंत्र की घोषणा मार्च 2023 में की गई थी, लेकिन यह अब तक निर्माणाधीन है। दूसरी ओर, हरियाणा सरकार ने भी प्रदूषण के स्रोत पर नियंत्रण के लिए कोई बड़ा कदम नहीं उठाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सीमा पार जल संकट तभी हल हो सकता है जब राज्यस्तरीय समन्वय और सहयोग बढ़े।

यमुना: जीवन रेखा

यमुना नदी, जो उत्तराखंड के यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलती है, कई राज्यों से बहती हुई प्रयागराज में गंगा से मिलती है। यह भारत की प्रमुख नदियों में से एक है, जो पीने के पानी, सिंचाई, जैव विविधता आदि का प्रमुख स्रोत है।

यमुना की मुख्य सहायक नदियाँ

  • टोंस नदी – सबसे बड़ी सहायक नदी, उत्तराखंड से निकलती है
  • हिंडन नदी – औद्योगिक प्रदूषण के लिए कुख्यात
  • गिरि और चंबल नदियाँ – प्रवाह और पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में सहायक

ये नदियाँ केवल भौगोलिक धारा नहीं हैं, बल्कि उत्तर भारत की जल और पारिस्थितिकीय स्थिरता का आधार हैं।

STATIC GK SNAPSHOT

विषय विवरण
अमोनिया की सुरक्षित सीमा (DJB) 1 ppm से कम
क्लोरीन आवश्यकता 11.5 किलोग्राम प्रति लीटर (1 ppm अमोनिया नाइट्रोजन के लिए)
यमुना उद्गम यमुनोत्री ग्लेशियर, उत्तराखंड
प्रभावित राज्य उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश
संगम स्थल त्रिवेणी संगम, प्रयागराज
प्रमुख सहायक नदियाँ टोंस, चंबल, हिंडन, गिरि
प्रस्तावित उपचार संयंत्र वज़ीराबाद, दिल्ली (घोषणा – मार्च 2023)
Ammonia Pollution in Yamuna: Delhi's Water Crisis Deepens
  1. 2025 में यमुना नदी में अमोनिया स्तर में वृद्धि ने दिल्ली में बड़े जल संकट को जन्म दिया है।
  2. आम आदमी पार्टी (AAP) ने हरियाणा सरकार पर यमुना में अधिक अमोनिया छोड़ने का आरोप लगाया है।
  3. अमोनिया एक विषैला गैस है, जिसका उपयोग उर्वरकों और उद्योगों में होता है; यह पानी में अधिक मात्रा में हानिकारक होता है।
  4. अमोनिया प्रदूषण के मुख्य स्रोत हैं – कृषि अपवाह, औद्योगिक कचरा, और अशोधित सीवेज
  5. दिल्ली जल बोर्ड (DJB) को 1 ppm से अधिक अमोनिया वाले जल को शुद्ध करने में कठिनाई होती है।
  6. सर्दियों में, जब यमुना में स्वच्छ जल का प्रवाह घट जाता है, तब संकट और भी बढ़ जाता है।
  7. दिल्ली के कई क्षेत्रों में जल कटौती होती है जब शोधन संयंत्र अमोनिया को निष्क्रिय करने में विफल होते हैं।
  8. DJB क्लोरीन उपचार का उपयोग करता है – 1 लीटर जल में 1 ppm अमोनिया के लिए5 किलो क्लोरीन की आवश्यकता होती है।
  9. क्लोरीन की अधिकता या कमी, या तो रोगाणु की उपस्थिति बनाए रखती है या शोधन को प्रभावहीन बना देती है।
  10. वज़ीराबाद अमोनिया उपचार संयंत्र, जिसे मार्च 2023 में प्रस्तावित किया गया था, अभी भी निर्माणाधीन है।
  11. हरियाणा में प्रदूषण नियंत्रण की कमी, दिल्ली की पेयजल आपूर्ति को लगातार प्रभावित कर रही है
  12. विशेषज्ञों ने अंतरराज्यीय समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया है ताकि सीमापार जल प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
  13. यमुना नदी की उत्पत्ति उत्तराखंड के यमुनोत्री हिमनद से होती है।
  14. यह नदी उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, और उत्तर प्रदेश से होकर बहती है।
  15. यमुना और गंगा का संगम प्रयागराज (इलाहाबाद) में त्रिवेणी संगम कहलाता है।
  16. टोंस नदी, यमुना की सबसे बड़ी सहायक नदी, उत्तराखंड में उत्पन्न होती है।
  17. हिंडन नदी को औद्योगिक अपशिष्ट के कारण गंभीर प्रदूषण का सामना करना पड़ता है।
  18. चंबल और गिरी नदियाँ, यमुना प्रणाली की पारिस्थितिकी स्थिरता में योगदान देती हैं।
  19. यह संकट पर्यावरणीय प्रशासन और नदी प्रबंधन की विफलता को उजागर करता है।
  20. अमोनिया प्रदूषण और जल उपचार रसायन विज्ञान को समझना, भूगोल और पर्यावरण विषयों की परीक्षा तैयारी के लिए अत्यंत आवश्यक है।

Q1. दिल्ली जल बोर्ड (DJB) उपचार संयंत्र कितने ppm तक अमोनिया का सुरक्षित रूप से उपचार कर सकते हैं?


Q2. आम आदमी पार्टी (AAP) के अनुसार, यमुनाएं नदी में अमोनिया प्रदूषण का मुख्य स्रोत कौन सा राज्य है?


Q3. 1 ppm अमोनिया नाइट्रोजन वाले एक लीटर पानी का उपचार करने के लिए अनुमानित कितनी मात्रा में क्लोरीन की आवश्यकता होती है?


Q4. 2023 में दिल्ली में समर्पित अमोनिया उपचार संयंत्र कहां प्रस्तावित था?


Q5. यमुनाएं नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी कौन सी है?


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