संकट का बदलता आकार
भारत एक बड़े स्वास्थ्य संकट की ओर बढ़ रहा है। 2050 तक भारत में 450 मिलियन से अधिक लोग मोटापे से ग्रसित हो सकते हैं—जबकि 2021 में यह संख्या 180 मिलियन थी। इसमें 232 मिलियन महिलाएँ और 218 मिलियन पुरुष शामिल होंगे, जिससे भारत चीन (627M) और अमेरिका (214M) के बाद दुनिया में तीसरे स्थान पर होगा। यह केवल एक स्वास्थ्य समस्या नहीं बल्कि एक आर्थिक और सामाजिक चुनौती भी है, जिसका संबंध खानपान, तनाव और जीवनशैली से है।
दशकों में बढ़ा यह संकट
यह संकट अचानक नहीं आया। 1990 से 2021 तक भारत में मोटे पुरुषों की संख्या 15 मिलियन से बढ़कर 81 मिलियन और महिलाओं की संख्या 21 मिलियन से 98 मिलियन हो गई। वैश्विक स्तर पर पुरुष मोटापा 155.1% और महिला मोटापा 105% बढ़ा है। यह प्रवृत्ति शहरीकरण और बदलती जीवनशैली की ओर इशारा करती है।
खतरे में हैं बच्चे भी
सबसे चिंताजनक बात यह है कि अब बच्चे भी इस संकट की चपेट में हैं। 5 से 14 वर्ष के उम्र वर्ग में मोटे बच्चों की संख्या 1990 से 2021 के बीच दोगुनी हो गई है, जिससे 93 मिलियन से अधिक बच्चे प्रभावित हैं। भारत में बाल मोटापे के मामले में दूसरा स्थान है। लड़के, लड़कियों की तुलना में तेजी से वजन बढ़ा रहे हैं, जो खानपान और व्यायाम में लैंगिक असमानता की ओर इशारा करता है।
वजन क्यों बढ़ रहा है?
इन आंकड़ों के पीछे संस्कृति और जीवनशैली में बदलाव है। अल्ट्रा–प्रोसेस्ड फूड, स्क्रीन पर समय की अधिकता और शारीरिक गतिविधियों की कमी मोटापे को बढ़ावा दे रहे हैं। शहरीकरण के साथ भारत के शहर तेजी से फैल रहे हैं लेकिन सक्रिय जीवनशैली के लिए पर्याप्त सार्वजनिक स्थान नहीं बन रहे हैं। इससे आसान कैलोरी और कठिन स्वास्थ्य की स्थिति बन गई है।
चिकित्सा प्रभाव और आवश्यक सुधार
मोटापा कई गैर–संक्रामक रोगों (NCDs) से जुड़ा हुआ है—जैसे डायबिटीज, हृदय रोग और उच्च रक्तचाप। भारत जैसे देश के लिए, जहाँ अब भी कुपोषण एक चुनौती है, यह दोहरा बोझ घातक सिद्ध हो सकता है। विशेषज्ञ केवल जागरूकता पोस्टर से आगे जाने की वकालत कर रहे हैं। अब समय है कि भारत एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य रणनीति अपनाए जिसमें पोषण शिक्षा, सामुदायिक आहार कार्यक्रम, स्वस्थ शहरी योजना और अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों पर कर जैसे उपाय शामिल हों।
STATIC GK SNAPSHOT
विषय | विवरण |
भारत का मोटापा अनुमान (2050) | 450 मिलियन (पुरुष: 218M, महिलाएं: 232M) |
वैश्विक शीर्ष देश (2050) | चीन (627M), अमेरिका (214M), भारत (450M) |
भारत के मोटे बच्चे (2021) | विश्व में दूसरा स्थान |
वयस्क मोटापा वृद्धि (1990–2021) | पुरुष: +155.1%, महिलाएं: +105% |
प्रमुख कारण | प्रोसेस्ड खाद्य, निष्क्रियता, जीवनशैली |
संबंधित रोग | डायबिटीज, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप |
तत्काल आवश्यकता | व्यापक सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीति |