मकर संक्रांति पर ऐतिहासिक पहल
14 जनवरी 2025, मकर संक्रांति के दिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन मौसम की शुरुआत की—जो भारत की मौसम प्रणाली को आधुनिक बनाने की एक दूरदर्शी पहल है।
इस दिन भारतीय मौसम विभाग (IMD) की 150वीं वर्षगांठ भी मनाई गई, जिसने दशकों से भारत की कृषि, परिवहन और आपदा प्रबंधन में अहम भूमिका निभाई है। अब, मिशन मौसम IMD को एक तकनीक–सक्षम भविष्य की ओर ले जा रहा है, जिसमें अधिक सटीक पूर्वानुमान और रियल-टाइम जानकारी सभी के लिए उपलब्ध होगी।
पूर्वानुमान से कार्रवाई तक: क्या करेगा मिशन मौसम?
₹2000 करोड़ के प्रारंभिक बजट के साथ, यह मिशन कई बुनियादी बदलाव लाएगा:
- डेटा मॉडलिंग में सुधार
- आधुनिक वेदर लैब्स का निर्माण
- अलर्ट सिस्टम का उन्नयन
- मौसम की जानकारी को विभिन्न क्षेत्रों तक पहुँचाना
इसका असर इन प्रमुख क्षेत्रों में देखा जाएगा:
- कृषि – बुआई और सिंचाई हेतु वर्षा की सटीक भविष्यवाणी
- विमानन – उड़ान सुरक्षा के लिए मौसम चेतावनी
- रक्षा – चरम मौसम में सैन्य संचालन
- पर्यटन – यात्रा के लिए मौसम आधारित सलाह
- स्वास्थ्य – प्रदूषण और लू की चेतावनियाँ
- आपदा प्रबंधन – बाढ़, चक्रवात और गर्मी के तनाव के लिए समय रहते अलर्ट
एक अलर्ट से आम जीवन से विज्ञान को जोड़ने का लक्ष्य है।
प्रयोगशाला में मौसम बनाना: पुणे का क्लाउड चैंबर
मिशन मौसम का एक प्रमुख लक्ष्य है मौसम में संशोधन—जैसे कृत्रिम वर्षा कराना (cloud seeding) या कोहरा कम करना। इसके लिए, सरकार पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) में एक उन्नत क्लाउड चैंबर की स्थापना करेगी।
यह प्रयोगशाला बूंदों के वर्षा में परिवर्तित होने की प्रक्रिया का अध्ययन करेगी। मानो एक छोटे बक्से में मानसून को दोहराना, जिससे सूखा और तूफान जैसे हालात से निपटने के लिए समाधान विकसित किया जा सके।
उत्कृष्टता का नेटवर्क: कौन हैं इस मिशन के पीछे?
इस मिशन को तीन प्रमुख संस्थान आगे बढ़ा रहे हैं:
- IMD (भारतीय मौसम विभाग) – वर्ष 1875 में स्थापित, दैनिक पूर्वानुमान, चक्रवात और चेतावनी प्रणाली संभालता है।
- IITM पुणे – जलवायु विज्ञान, मानसून मॉडलिंग और वायु गुणवत्ता में विशेषज्ञ।
- NCMRWF नोएडा – मध्यम अवधि के पूर्वानुमान और समुद्र-मौसम संवाद में माहिर।
ये तीनों संस्थान पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत काम करते हैं और अनुसंधान, अनुभव और नवाचार के साथ मिशन मौसम को अमल में ला रहे हैं।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान (GK) स्नैपशॉट – प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु
विषय | विवरण |
लॉन्च तिथि | 14 जनवरी 2025 (मकर संक्रांति) |
अवसर | भारतीय मौसम विभाग की 150वीं वर्षगांठ (स्थापना – 1875) |
बजट आवंटन | ₹2000 करोड़ (प्रारंभिक दो वर्षों के लिए) |
मुख्य संस्थान | IMD, IITM पुणे, NCMRWF नोएडा |
मंत्रालय | पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय |
अनुसंधान सुविधा | क्लाउड चैंबर – IITM पुणे |
मौसम प्रबंधन लक्ष्य | क्लाउड सीडिंग, कोहरा नियंत्रण, सूखा प्रबंधन |
लक्षित क्षेत्र | कृषि, विमानन, रक्षा, पर्यटन, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन |