जुलाई 18, 2025 3:40 अपराह्न

मिशन अमृत सरोवर: जल संरक्षण की ओर भारत का सतत प्रयास

करेंट अफेयर्स: मिशन अमृत सरोवर 2025, ग्रामीण जल सुरक्षा भारत, जल संरक्षण योजनाएं, भारत में तालाब पुनरुद्धार, BISAG-N भू-स्थानिक तकनीक, MGNREGS जल परियोजनाएं, तमिलनाडु जल मिशन

Mission Amrit Sarovar: Reviving India’s Water Bodies for a Sustainable Future

ग्रामीण जल संकट का समाधान

मिशन अमृत सरोवर की शुरुआत अप्रैल 2022 में भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट से निपटने के उद्देश्य से की गई थी। इस पहल का लक्ष्य हर जिले में 75 तालाबों का निर्माण या पुनर्जीवन करना है, जिससे देशभर में 50,000 तालाब बनाए जाएं। जनवरी 2025 तक मिशन ने उम्मीदों को पार करते हुए 68,000 से अधिक तालाबों को पूर्ण कर लिया है। यह भारत की जल सुरक्षा और जलवायु सहनशीलता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

चरणबद्ध कार्यान्वयन

मिशन को फेज़ आधारित रूप में लागू किया गया है। पहले चरण में तालाबों के तेजी से निर्माण और जीर्णोद्धार पर ध्यान केंद्रित किया गया। अब फेज़ II में स्थानीय समुदायों की भागीदारी पर ज़ोर दिया जाएगा ताकि परियोजना दीर्घकालिक रूप से सफल रहे। इसका उद्देश्य है कि हर जिले में जल संरक्षण की संस्कृति को विकसित किया जाए।

बहुमंत्रालयीय सहयोग

इस मिशन की सबसे बड़ी विशेषता है कई केंद्रीय मंत्रालयों का संयुक्त प्रयास। इसमें ग्रामीण विकास मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय सहित आठ मंत्रालय शामिल हैं। तकनीकी सहायता भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भूसूचना संस्थान (BISAG-N) द्वारा दी जा रही है, जो प्रगति की निगरानी और योजना निर्माण में मदद करता है।

तकनीक आधारित योजना

जल संसाधनों की पहचान और प्रबंधन में भूस्थानिक तकनीक की प्रमुख भूमिका है। इससे प्रशासन उचित स्थानों पर तालाब निर्माण या पुनर्जीवन सुनिश्चित कर पाता है। यह न केवल लागत में बचत करता है, बल्कि प्रभावशीलता भी बढ़ाता है।

उल्लेखनीय प्रगति

2025 की शुरुआत तक 81,000 से अधिक संभावित जल स्रोतों की पहचान की गई थी, जिनमें से 66,000+ तालाब पूर्ण हो चुके हैं। तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने जिला स्तरीय लक्ष्यों की पूर्ति में अग्रणी भूमिका निभाई है।

चुनौतियों का समाधान

कुछ राज्यों में अब भी भूमि की उपलब्धता और संसाधनों की कमी जैसी बाधाएं सामने आ रही हैं। इन्हें दूर करने के लिए मनरेगा (MGNREGS) जैसी योजनाओं के माध्यम से धन और मानव संसाधनों की व्यवस्था की जा रही है। राज्यों द्वारा चलाई जा रही स्थानीय योजनाएं भी इस प्रयास को बल देती हैं।

जनभागीदारी से आत्मनिर्भरता

मिशन में ग्राम पंचायतों, स्वयंसेवी संगठनों और आम नागरिकों की भागीदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे स्थानीय लोगों में स्वामित्व की भावना उत्पन्न होती है और वे इन जल स्रोतों की देखभाल और संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।

जल सुरक्षा की दिशा में मिशन का दृष्टिकोण

मिशन अमृत सरोवर केवल एक बुनियादी ढांचा परियोजना नहीं है, बल्कि जल सततता की दिशा में एक सामाजिक आंदोलन है। इससे न केवल सिंचाई और आजीविका के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों की सामूहिक ज़िम्मेदारी को भी बढ़ावा मिलेगा।

स्थैतिक सामान्य ज्ञान सारांश (STATIC GK SNAPSHOT)

विषय विवरण
लॉन्च वर्ष अप्रैल 2022
लक्ष्य प्रति जिला 75 तालाब (कुल 50,000)
पूर्ण तालाब (जनवरी 2025) 68,000+
कार्यान्वयन मंत्रालय ग्रामीण विकास, जल संसाधन आदि
तकनीकी भागीदार BISAG-N
प्रमुख समर्थन योजना मनरेगा (MGNREGS)
अग्रणी राज्य तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल
उद्देश्य जल सुरक्षा, जलवायु सहनशीलता
पहचाने गए कुल जल स्रोत 81,000+
फेज़ II का मुख्य उद्देश्य समुदाय की भागीदारी
Mission Amrit Sarovar: Reviving India’s Water Bodies for a Sustainable Future
  1. मिशन अमृत सरोवर की शुरुआत अप्रैल 2022 में ग्रामीण जल संकट को दूर करने के लिए की गई थी।
  2. इस मिशन का लक्ष्य है प्रत्येक ज़िले में 75 तालाब, और पूरे देश में 50,000 जल स्रोत विकसित करना।
  3. जनवरी 2025 तक, 68,000 से अधिक तालाबों का पुनरुद्धार या निर्माण किया जा चुका है।
  4. योजना में BISAG-N की सहायता से भू-स्थानिक डेटा का उपयोग कर सटीक योजना बनाई जा रही है।
  5. द्वितीय चरण में सामुदायिक भागीदारी के ज़रिए दीर्घकालिक जल स्थिरता को बढ़ावा दिया जाएगा।
  6. ग्रामीण विकास और जल संसाधन समेत 8 मंत्रालय मिशन में शामिल हैं।
  7. मनरेगा (MGNREGS) के माध्यम से धन और श्रमिक तालाबों के पुनर्जीवन में लगाए जा रहे हैं।
  8. अब तक 81,000 से अधिक संभावित तालाबों की पहचान की जा चुकी है।
  9. तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल इस मिशन के श्रेष्ठ प्रदर्शनकर्ता राज्यों में शामिल हैं।
  10. यह मिशन जलवायु अनुकूलता और पर्यावरणीय स्थिरता को सहयोग करता है।
  11. पंचायतों, एनजीओ और ग्रामीणों के सहयोग से स्थानीय भागीदारी को प्रोत्साहित किया गया है।
  12. यह पहल भारत के जलवायु एक्शन लक्ष्यों और रोज़गार सृजन के उद्देश्यों से जुड़ी है।
  13. BISAG-N तकनीकी मंच से परियोजनाओं की रीयल-टाइम ट्रैकिंग संभव हो पाती है।
  14. यह पहल प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
  15. कुछ राज्यों में भूमि और संसाधनों की कमी जैसी बाधाएँ अब भी बनी हुई हैं।
  16. इन कमियों को दूर करने के लिए राज्य विशेष योजनाओं से अतिरिक्त फंड दिया जा रहा है।
  17. यह योजना सिंचाई, भूजल पुनर्भरण और स्थानीय रोज़गार में वृद्धि करती है।
  18. मिशन सामुदायिक स्वामित्व के ज़रिए जल-सुरक्षित भविष्य का निर्माण करता है।
  19. चरणबद्ध कार्यान्वयन से बेहतर योजना और संसाधन आवंटन संभव होता है।
  20. यह मिशन स्थिरता के लिए अंतर्विभागीय समन्वय का एक आदर्श मॉडल बन गया है।

Q1. मिशन अमृत सरोवर के तहत कितने तालाबों को लक्षित किया गया है?


Q2. कौन सी तकनीकी संस्था इस मिशन में जियोस्पेशियल डेटा के साथ सहयोग करती है?


Q3. जनवरी 2025 तक मिशन के तहत कितने तालाब पूर्ण हो चुके थे?


Q4. कौन सी सरकारी योजना मिशन के लिए मानव संसाधन और धन का समर्थन प्रदान करती है?


Q5. मिशन के दूसरे चरण का मुख्य फोकस क्या है?


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