महंगाई दर में बड़ी गिरावट दर्ज
जून 2025 में भारत की सीपीआई महंगाई दर घटकर 2.1% हो गई, जो जनवरी 2019 के बाद सबसे कम स्तर है। यह दर अमेरिका (2.7%) और ब्रिटेन (3.6%) से भी कम है। गिरावट का मुख्य कारण खाद्य मुद्रास्फीति का नकारात्मक होना (-1.1%) है, जो मजबूत आपूर्ति पक्ष की स्थिति को दर्शाता है। इससे भारतीय रिजर्व बैंक को राहत मिली है, जो पिछले तिमाहियों में उच्च महंगाई से जूझ रहा था।
मानसून और रिकार्ड फसल से राहत
2024 का मानसून सामान्य से 7.6% अधिक वर्षा लेकर आया, जिससे मिट्टी की नमी, जल स्तर, और सिंचाई जलाशयों को बल मिला।
Static GK Fact: भारत में 70% वार्षिक वर्षा जून-सितंबर के दक्षिण–पश्चिम मानसून के दौरान होती है।
358.78 लाख टन गेहूं का भंडार, जो चार वर्षों में सबसे अधिक है, तथा रिकार्ड चावल भंडार, जन वितरण प्रणाली (PDS) को मज़बूत करने में सहायक बने हैं।
खरीफ बुवाई में सुधार
24 मई 2025 को मानसून की जल्दी शुरुआत और निरंतर वर्षा ने खरीफ बुवाई को बढ़ावा दिया। अधिकांश राज्यों ने 2024 की तुलना में अधिक बुवाई की। हालांकि, अरहर, सोयाबीन, और कपास की बुवाई में कीट हमलों और कम बाज़ार भाव के कारण गिरावट आई। किसानों ने इसका विकल्प मक्का में ढूंढा, जिसका उपयोग इथेनॉल और पशु चारे में होता है।
Static GK Tip: भारत, विश्व के शीर्ष 5 मक्का उत्पादकों में शामिल है।
आयात नीति से कीमतों में स्थिरता
2024–25 में सरकार ने महंगाई को नियंत्रित करने के लिए रिकॉर्ड मात्रा में दाल और खाद्य तेलों का आयात किया। मार्च 2026 तक प्रमुख दालों पर आयात शुल्क शून्य या बहुत कम रखा गया है।
मई 2025 में खाद्य तेल पर शुल्क में भी कटौती की गई, जिससे घरेलू उत्पादन की कमी का असर कम हुआ।
उर्वरक की कमी एक नई चुनौती
1 जुलाई 2025 को यूरिया और डीएपी स्टॉक पिछले वर्ष की तुलना में कम रहे। खासतौर पर चीन से उर्वरक आयात में गिरावट आई है, क्योंकि वहां निर्यात पर रोक लगाई गई। इससे घरेलू उर्वरक कीमतें बढ़ी हैं और अगर यह स्थिति फसल के संवेदनशील चरणों में बनी रहती है, तो उत्पादन पर असर हो सकता है।
Static GK Fact: भारत, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उर्वरक उपभोक्ता है।
भविष्य की स्थिति मानसून और इनपुट पर निर्भर
हालांकि मौसम की शुरुआत अनुकूल रही है, लेकिन लंबी सूखा अवधि फसल वृद्धि को प्रभावित कर सकती है। विशेष रूप से पत्तियों और फूलों की अवस्था में जल की अधिक जरूरत होती है। लगातार सिंचाई, उर्वरक आपूर्ति, और अच्छी वर्षा से ही उत्पादन और महंगाई नियंत्रण संभव होगा।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
सीपीआई महंगाई दर (जून 2025) | 2.1% |
खाद्य मुद्रास्फीति | -1.1% |
अधिक वर्षा | सामान्य से 7.6% अधिक |
गेहूं का भंडार | 358.78 लाख टन |
मानसून की शुरुआत | 24 मई 2025 |
फसल गिरावट | अरहर, सोयाबीन, कपास |
सरकारी उपाय | दाल व तेल पर शुल्क में कटौती |
उर्वरक संकट | चीन से आयात में गिरावट |
उर्वरक भंडार | जुलाई 2024 से कम |
प्रमुख जोखिम | मानसून की निरंतरता और इनपुट आपूर्ति |