महिला विकास बनाम महिला-नेतृत्व विकास की समझ
लोकमाता देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती पर आयोजित महिला सशक्तिकरण महा सम्मेलन 2025 में प्रधानमंत्री ने एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रस्तुत किया—“महिला विकास” से आगे बढ़कर “महिला–नेतृत्व विकास” को भारत के विकास की आधारशिला बनाना चाहिए।
पहलू | महिला विकास | महिला-नेतृत्व विकास |
मूल दर्शन | महिला को कल्याण की लाभार्थी मानना | महिला को परिवर्तन की नेतृत्वकर्ता मानना |
प्रमुख ध्यान | महिला को सेवा उपलब्ध कराना | महिला को नेतृत्व और निर्णय में सक्षम बनाना |
महिला की भूमिका | सहायता प्राप्त करने वाली लाभार्थी | निर्णय लेने वाली परिवर्तनकत्री |
कार्यनीति | ऊपर से नीचे की योजना क्रियान्वयन | नीचे से ऊपर की सहभागिता और नेतृत्व |
महिला–नेतृत्व विकास का उद्देश्य महिलाओं को नीति निर्माण, अर्थव्यवस्था और समाज में सक्रिय भागीदारी दिलाना है, जबकि पारंपरिक महिला विकास केवल सहायता और सेवा उपलब्धता तक सीमित रहता है।
भारत में महिला-नेतृत्व विकास का महत्व
आर्थिक सशक्तिकरण
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) के अनुसार, यदि भारत में लैंगिक समानता को बढ़ावा दिया जाए, तो देश का जीडीपी 30% तक बढ़ सकता है। इसका सीधा संबंध महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी और नेतृत्व क्षमता से है।
नेतृत्व और प्रेरणा
महिलाओं के नेतृत्व में समाज में रोल मॉडल तैयार होते हैं। ऑपरेशन सिन्दूर में कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह जैसी महिलाओं ने ऐसे क्षेत्रों में नेतृत्व किया, जो पहले पुरुष प्रधान माने जाते थे।
समावेशी विकास
जब महिलाएं निर्णय प्रक्रियाओं में शामिल होती हैं, तो नीतियां विविध आवश्यकताओं को प्रतिबिंबित करती हैं। इससे समावेशी और संतुलित विकास को बल मिलता है।
- 80% से अधिक खादी कारीगर महिलाएं हैं।
• 50% से अधिक महिलाएं रेशम उत्पादन (सेरीकल्चर) में कार्यरत हैं।
ये आंकड़े दर्शाते हैं कि महिलाएं पहले से ही ग्रामीण और पारंपरिक अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन चुकी हैं।
निष्कर्ष
महिला–नेतृत्व विकास भारत के विकास में क्रांतिकारी परिवर्तन की नींव रखता है। अब महिलाएं केवल योजनाओं की लाभार्थी नहीं, बल्कि विकास की योजनाकार और निर्माता हैं। यह दृष्टिकोण वैश्विक लैंगिक समानता लक्ष्यों के अनुरूप है और एक संतुलित, समावेशी और समृद्ध भारत की ओर अग्रसर करता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय/शब्द | विवरण |
महिला विकास | कल्याण केंद्रित, महिलाएं सहायता प्राप्तकर्ता |
महिला-नेतृत्व विकास | सशक्तिकरण केंद्रित, महिलाएं सक्रिय नेता एवं निर्णयकर्ता |
आर्थिक प्रभाव | लैंगिक समानता से भारत का GDP 30% तक बढ़ सकता है (NFHS) |
प्रेरणादायक उदाहरण | कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह |
प्रमुख भागीदारी | खादी क्षेत्र में >80% महिलाएं, सेरीकल्चर में >50% महिलाएं |
प्रमुख आयोजन | लोकमाता देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती पर महिला सशक्तिकरण सम्मेलन |