महाराष्ट्र में परियोजनाओं की डिजिटल निगरानी को मिली नई पहचान
महाराष्ट्र सरकार ने आधार कार्ड जैसी एक 13-अंकीय जियो-टैग्ड यूनिक इन्फ्रा ID प्रणाली शुरू की है, जिससे राज्य की सभी आधारभूत संरचना परियोजनाओं की निगरानी डिजिटल तरीके से की जा सकेगी। अब सड़क, बांध, नाली जैसी हर सार्वजनिक परियोजना की एक विशिष्ट पहचान होगी जो उसकी स्थिति, उद्देश्य और प्रगति को ट्रैक करेगी।
यह पहल केवल डेटा संग्रह के लिए नहीं, बल्कि ब्यूरोक्रेसी में पारदर्शिता, परियोजनाओं की दोहराव से बचाव और विभागीय समन्वय सुनिश्चित करने के लिए की गई है।
यूनिक इन्फ्रा ID का क्या है विशेष महत्व?
यह 13 अंकों वाला अल्फान्यूमेरिक कोड परियोजना के स्थान, योजना, वर्ष, जिले और प्रकार को दर्शाता है। उदाहरण के लिए, “M25RURWRDRODW001” कोड में राज्य (M), वर्ष (25), योजना (RUR), जिला (WRD), संपत्ति प्रकार (ROD) आदि की जानकारी मिलती है।
हर स्वीकृत परियोजना को यह ID अनिवार्य रूप से दी जाएगी, जिससे उसकी स्थिति उपग्रह तकनीक से जियो-टैगिंग द्वारा वास्तविक समय में निगरानी की जा सके।
वर्धा से हुई पायलट योजना की शुरुआत
इस योजना की शुरुआत 9 जून 2025 को वर्धा जिले से की गई। अब 1 अक्टूबर 2025 से यह पूरे राज्य के सभी विभागों में लागू होगी। मार्च 2026 तक 2020 से चल रही सभी पुरानी परियोजनाओं को भी इस प्रणाली में शामिल कर लिया जाएगा।
यह पहल महाराष्ट्र सरकार के डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा देने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
तकनीकी सहायता और पारदर्शिता
इस प्रणाली की तकनीकी रीढ़ है MRSAC (महाराष्ट्र रिमोट सेंसिंग एप्लिकेशन सेंटर), जो हर परियोजना को उपग्रह के माध्यम से जियो-टैग करेगा। इससे निर्माण कार्य की प्रगति, देरी और लागत अधिकता पर नजर रखना आसान होगा।
Infra ID पोर्टल अब सार्वजनिक उपयोग के लिए लाइव है, जहां आम लोग और अधिकारी प्रगति देख सकते हैं।
जवाबदेही के लिए स्थानीय निगरानी
हर जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में निगरानी समिति बनाई जाएगी जो अप्रयुक्त परियोजनाओं की ID को रद्द करने या जानकारी अपडेट करने का कार्य करेगी। इससे स्थानीय स्तर पर जवाबदेही और नियंत्रण संभव होगा।
यह यूनिक ID प्रणाली भले ही शांतिपूर्वक शुरू हुई हो, लेकिन यह स्मार्ट गवर्नेंस की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक कदम है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विवरण | जानकारी |
योजना का नाम | इंफ्रास्ट्रक्चर यूनिक ID प्रणाली |
कार्यान्वयन संस्था | महाराष्ट्र सरकार |
पायलट जिला | वर्धा (विदर्भ) |
प्रयुक्त तकनीक | MRSAC (रिमोट सेंसिंग एवं जियो-टैगिंग) |
कोड प्रारूप | 13 अंकों का अल्फान्यूमेरिक (राज्य, वर्ष, योजना आदि) |
सार्वजनिक शुभारंभ | 9 जून 2025 |
पूर्ण कार्यान्वयन तिथि | 1 अक्टूबर 2025 |
लक्ष्य पूरा करने की तिथि | मार्च 2026 |
प्रथम चरण में विभाग | लोक निर्माण, ग्रामीण/शहरी विकास, सिंचाई आदि |