जुलाई 18, 2025 8:44 पूर्वाह्न

महाराष्ट्र ने लॉन्च की Geo-Tagged Infra ID प्रणाली, अब हर परियोजना की होगी डिजिटल निगरानी

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Maharashtra Launches Geo-Tagged Infra ID System for Better Project Tracking

महाराष्ट्र में परियोजनाओं की डिजिटल निगरानी को मिली नई पहचान

महाराष्ट्र सरकार ने आधार कार्ड जैसी एक 13-अंकीय जियो-टैग्ड यूनिक इन्फ्रा ID प्रणाली शुरू की है, जिससे राज्य की सभी आधारभूत संरचना परियोजनाओं की निगरानी डिजिटल तरीके से की जा सकेगी। अब सड़क, बांध, नाली जैसी हर सार्वजनिक परियोजना की एक विशिष्ट पहचान होगी जो उसकी स्थिति, उद्देश्य और प्रगति को ट्रैक करेगी।

यह पहल केवल डेटा संग्रह के लिए नहीं, बल्कि ब्यूरोक्रेसी में पारदर्शिता, परियोजनाओं की दोहराव से बचाव और विभागीय समन्वय सुनिश्चित करने के लिए की गई है।

यूनिक इन्फ्रा ID का क्या है विशेष महत्व?

यह 13 अंकों वाला अल्फान्यूमेरिक कोड परियोजना के स्थान, योजना, वर्ष, जिले और प्रकार को दर्शाता है। उदाहरण के लिए, “M25RURWRDRODW001” कोड में राज्य (M), वर्ष (25), योजना (RUR), जिला (WRD), संपत्ति प्रकार (ROD) आदि की जानकारी मिलती है।
हर स्वीकृत परियोजना को यह ID अनिवार्य रूप से दी जाएगी, जिससे उसकी स्थिति उपग्रह तकनीक से जियो-टैगिंग द्वारा वास्तविक समय में निगरानी की जा सके।

वर्धा से हुई पायलट योजना की शुरुआत

इस योजना की शुरुआत 9 जून 2025 को वर्धा जिले से की गई। अब 1 अक्टूबर 2025 से यह पूरे राज्य के सभी विभागों में लागू होगी। मार्च 2026 तक 2020 से चल रही सभी पुरानी परियोजनाओं को भी इस प्रणाली में शामिल कर लिया जाएगा।

यह पहल महाराष्ट्र सरकार के डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा देने की दिशा में एक मजबूत कदम है।

तकनीकी सहायता और पारदर्शिता

इस प्रणाली की तकनीकी रीढ़ है MRSAC (महाराष्ट्र रिमोट सेंसिंग एप्लिकेशन सेंटर), जो हर परियोजना को उपग्रह के माध्यम से जियो-टैग करेगा। इससे निर्माण कार्य की प्रगति, देरी और लागत अधिकता पर नजर रखना आसान होगा।
Infra ID पोर्टल अब सार्वजनिक उपयोग के लिए लाइव है, जहां आम लोग और अधिकारी प्रगति देख सकते हैं।

जवाबदेही के लिए स्थानीय निगरानी

हर जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में निगरानी समिति बनाई जाएगी जो अप्रयुक्त परियोजनाओं की ID को रद्द करने या जानकारी अपडेट करने का कार्य करेगी। इससे स्थानीय स्तर पर जवाबदेही और नियंत्रण संभव होगा।

यह यूनिक ID प्रणाली भले ही शांतिपूर्वक शुरू हुई हो, लेकिन यह स्मार्ट गवर्नेंस की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक कदम है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विवरण जानकारी
योजना का नाम इंफ्रास्ट्रक्चर यूनिक ID प्रणाली
कार्यान्वयन संस्था महाराष्ट्र सरकार
पायलट जिला वर्धा (विदर्भ)
प्रयुक्त तकनीक MRSAC (रिमोट सेंसिंग एवं जियो-टैगिंग)
कोड प्रारूप 13 अंकों का अल्फान्यूमेरिक (राज्य, वर्ष, योजना आदि)
सार्वजनिक शुभारंभ 9 जून 2025
पूर्ण कार्यान्वयन तिथि 1 अक्टूबर 2025
लक्ष्य पूरा करने की तिथि मार्च 2026
प्रथम चरण में विभाग लोक निर्माण, ग्रामीण/शहरी विकास, सिंचाई आदि

 

Maharashtra Launches Geo-Tagged Infra ID System for Better Project Tracking
  1. महाराष्ट्र ने सार्वजनिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर नज़र रखने के लिए 9 जून, 2025 को जियो-टैग्ड इंफ्रा यूनिक आईडी सिस्टम लॉन्च किया।
  2. प्रत्येक परियोजना को एक 13-वर्ण अल्फ़ान्यूमेरिक इंफ्रा आईडी दी जाती है, जो एक पंक्ति में परियोजना विवरण कैप्चर करती है।
  3. इंफ्रा आईडी में राज्य, वर्ष, योजना, जिला, संपत्ति का प्रकार और एक सीरियल नंबर शामिल है।
  4. जियो-टैगिंग उपग्रह प्रौद्योगिकी का उपयोग करके वास्तविक समय, स्थान-आधारित निगरानी सुनिश्चित करती है।
  5. विदर्भ में वर्धा जिले को रोलआउट के लिए पायलट स्थान के रूप में चुना गया था।
  6. सभी सरकारी विभागों में 1 अक्टूबर, 2025 से पूर्ण कार्यान्वयन शुरू हो जाएगा।
  7. मार्च 2026 तक, सिस्टम में 2020 से पहले की परियोजनाएँ शामिल होंगी।
  8. MRSAC (महाराष्ट्र रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर) मुख्य तकनीकी सहायता प्रदान करता है।
  9. इस पहल का उद्देश्य लालफीताशाही को कम करना, दोहराव से बचना और अंतर-विभागीय समन्वय में सुधार करना है।
  10. इंफ्रा आईडी पोर्टल लाइव है, जो अधिकारियों और जनता दोनों को परियोजना की जानकारी प्रदान करता है।
  11. आधिकारिक मंजूरी के बाद नई परियोजनाओं के लिए इंफ्रा आईडी अनिवार्य होगी।
  12. पीएम गति शक्ति से प्रेरित, यह योजना स्थानीय फोकस के साथ मल्टी-मॉडल इंफ्रा ट्रैकिंग का समर्थन करती है।
  13. प्रत्येक जिले में परियोजना आईडी की निगरानी, ​​संशोधन या रद्द करने के लिए एक कलेक्टर समिति होगी।
  14. डिजिटल शासन सुधार महाराष्ट्र की बुनियादी ढांचा रणनीति का केंद्र हैं।
  15. यह प्रणाली लागत निगरानी, ​​प्रगति ट्रैकिंग और देरी का पता लगाने की अनुमति देती है।
  16. इसमें शामिल विभागों में लोक निर्माण, सिंचाई, शहरी और ग्रामीण विकास शामिल हैं।
  17. इंफ्रा आईडी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए आधार की तरह काम करती है, जो जवाबदेही सुनिश्चित करती है।
  18. त्वरित कार्रवाई के लिए सिस्टम के माध्यम से छोड़ी गई या विलंबित परियोजनाओं को चिह्नित किया जा सकता है।
  19. यह योजना सार्वजनिक कार्यों में पारदर्शिता और विकेंद्रीकृत निगरानी को मजबूत करती है।
  20. महाराष्ट्र सभी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को विशिष्ट आईडी के साथ जियो-टैग करने वाला पहला राज्य बन गया।

Q1. महाराष्ट्र की नई 13-अंकीय जियो-टैग्ड इंफ्रा आईडी प्रणाली का मुख्य उद्देश्य क्या है?


Q2. इंफ्रा आईडी परियोजना के लिए कौन सा ज़िला पायलट स्थान के रूप में चुना गया था?


Q3. इस पहल के तहत जियो-टैगिंग प्रक्रिया के लिए कौन सी तकनीकी एजेंसी ज़िम्मेदार है?


Q4. महाराष्ट्र में सभी जिलों और विभागों के लिए इस प्रणाली को अपनाना कब से अनिवार्य है?


Q5. महाराष्ट्र की इंफ्रा आईडी पहल किस राष्ट्रीय स्तर की योजना के साथ संरेखित है?


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