ऐतिहासिक मराठा वीर को समर्पित श्रद्धांजलि
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ठाणे जिले के भिवंडी में राज्य के पहले छत्रपति शिवाजी महाराज मंदिर का उद्घाटन किया। यह आयोजन मार्च 2025 की शिवाजी जयंती पर हुआ। यह मंदिर शिवाजी महाराज के जीवन, साहस और आदर्शों को समर्पित है और आध्यात्मिक चिंतन व देशभक्ति प्रेरणा का स्थल बनने की उम्मीद है। सीएम फडणवीस ने घोषणा की कि इसे जल्द ही राज्य–मान्य तीर्थस्थल घोषित किया जाएगा।
मराठा किला वास्तुशैली में बना मंदिर
मंदिर की संरचना मराठा किलों की वास्तुकला को दर्शाती है, जिसे विजयकुमार पाटिल द्वारा डिज़ाइन किया गया है। 2,500 वर्ग फुट क्षेत्र में बना मंदिर 5,000 वर्ग फुट की किले-प्रेरित परिधि में स्थित है जिसमें बुर्ज, प्रहरी पथ और एक 42 फीट ऊँचा प्रवेश द्वार शामिल है। परिसर में 6.5 फीट ऊँची शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित की गई है, जिसे अयोध्या के राम लल्ला मूर्ति–निर्माता अरुण योगीराज ने तैयार किया है। दीवारों पर 36 शिल्प–पैनल लगाए गए हैं, जो शिवाजी के युद्धों और नेतृत्व के महत्वपूर्ण क्षणों को दर्शाते हैं।
शिवाजी भक्तों के लिए एक नया आध्यात्मिक केंद्र
मंदिर की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उपस्थिति इसे मराठा अनुयायियों और सांस्कृतिक यात्रियों के लिए एक लोकप्रिय स्थल बनाएगी। सीएम फडणवीस ने मंदिर की तुलना भगवान राम से पहले भगवान हनुमान के स्मरण से की, यह बताते हुए कि शिवाजी महाराज हिन्दू अस्मिता और धर्म रक्षक के रूप में देखे जाते हैं। इसे राजकीय तीर्थस्थल घोषित करना सांस्कृतिक एकता और ऐतिहासिक गर्व को मजबूत करने की दिशा में कदम है।
विरासत, देशभक्ति और उपासना का संगम
यह मंदिर केवल धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि शिवाजी महाराज के आदर्शों का जीवित संग्रहालय भी है। यहाँ की हर मूर्ति और डिज़ाइन उनके शासन सिद्धांतों, सैन्य दृष्टिकोण और नैतिक मूल्यों को प्रदर्शित करती है। ऐतिहासिक पर्यटन और सांस्कृतिक शिक्षा में बढ़ती रुचि को देखते हुए, यह मंदिर राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक बनेगा, जो युवाओं और आगंतुकों को प्रेरणा और राष्ट्रभक्ति की भावना से भर देगा।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान सारांश तालिका
पहलु | जानकारी |
स्थान | भिवंडी, ठाणे जिला, महाराष्ट्र |
उद्घाटनकर्ता | मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस |
उद्घाटन अवसर | शिवाजी जयंती – मार्च 2025 |
वास्तुकला शैली | मराठा किला प्रेरित, डिज़ाइन: विजयकुमार पाटिल |
मुख्य मूर्ति | 6.5 फीट शिवाजी प्रतिमा – अरुण योगीराज द्वारा |
प्रमुख विशेषताएँ | 42 फीट प्रवेश द्वार, 36 ऐतिहासिक जीवन पैनल, सभा मंडप |
कुल क्षेत्रफल | मंदिर – 2,500 वर्ग फुट; परिसर – 5,000 वर्ग फुट |
ऐतिहासिक महत्त्व | महाराष्ट्र में शिवाजी को समर्पित पहला मंदिर |
धार्मिक दर्जा | राज्य-मान्य तीर्थस्थल घोषित किया जाएगा |
व्यापक प्रभाव | सांस्कृतिक पर्यटन, मराठा गौरव पुनरुद्धार, युवा प्रेरणा |