जुलाई 18, 2025 12:57 अपराह्न

महाकुंभ 2025: भाषा और तकनीक के संगम की अनोखी मिसाल

करेंट अफेयर्स: महाकुंभ 2025: भाषिणी के साथ विश्वास और प्रौद्योगिकी को जोड़ना, महाकुंभ 2025 भाषिणी, प्रयागराज आध्यात्मिक तकनीक, डिजिटल समावेशन भारत, राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन, एआई चैटबॉट कुंभ सहयोगी, यूपी112 आपातकालीन आवाज समर्थन, भाषिनी खोया और पाया, भारतीय बहुभाषी तकनीकी प्लेटफार्म

Mahakumbh 2025: Bridging Faith and Technology with Bhashini

एक भाषा में सभी को जोड़ने की पहल

महाकुंभ 2025 सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं होगा, बल्कि तकनीक के जरिये एक समावेशी अनुभव भी बनेगा। 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित होने वाले इस आयोजन में देशभर से करोड़ों श्रद्धालु जुटेंगे। इन्हीं श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सरकार ने भाषिणी नामक एक रियल टाइम भाषा अनुवाद प्लेटफ़ॉर्म शुरू किया है, जिसे इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने विकसित किया है।

हर क्षेत्रीय भाषा को मंच पर लाना

कल्पना कीजिए कि कोई तमिलनाडु से आया श्रद्धालु प्रयागराज की भीड़ में अपनी बात कह नहीं पा रहा। अब भाषिणी की मदद से वह अपनी मातृभाषा में बात करेगा और सामने वाला उसे हिंदी या अंग्रेज़ी में अनुवादित संवाद के रूप में समझ पाएगा। 11 भाषाओं में उपलब्ध यह तकनीक कियोस्क और मोबाइल ऐप्स के माध्यम से उपलब्ध होगी।

लॉस्ट एंड फाउंड सेवा में तकनीकी बदलाव

डिजिटल लॉस्ट एंड फाउंड सुविधा भाषिणी की सबसे उपयोगी सेवाओं में से एक है। अगर कोई श्रद्धालु अपना सामान खो देता है, तो वह अपनी भाषा में बोलकर उसे रिपोर्ट कर सकता है। प्लेटफ़ॉर्म अपने आप उसे अनुवाद करके हेल्प डेस्क तक पहुंचा देगा। इससे मदद लेना और देना दोनों आसान हो जाता है।

एआई से लैस कुंभ सहायाक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया कुंभ सहायाक एआई चैटबॉट, Llama LLM जैसे एआई मॉडल्स का उपयोग करता है। यह चैटबॉट श्रद्धालुओं को दिशानिर्देश, आयोजन की जानकारी और पूजा के समय आदि कई विवरण उनकी भाषा में उपलब्ध कराता है।

आपातकालीन सेवाओं में भाषाई सहयोग

यूपी 112 आपात सेवा को भी भाषिणी से जोड़ा गया है। इसमें ‘CONVERSE’ टूल के ज़रिए कोई भी व्यक्ति अपनी भाषा में बात करके पुलिस को सहायता के लिए कॉल कर सकता है। यह अनुवाद सुविधा तुरंत कॉल रिसीवर को समझ आने वाले रूप में जानकारी देती है।

डिजिटल समावेशन की ओर एक बड़ा कदम

भाषिणी, राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य है कि भारत के हर नागरिक को तकनीक तक अपनी भाषा में पहुंच मिल सके। महाकुंभ जैसे आयोजनों में इसका उपयोग इस मिशन की सफलता का सशक्त उदाहरण है। यह सिर्फ तकनीक नहीं, एक समाज को जोड़ने वाला माध्यम बन गया है।

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विषय तथ्य
महाकुंभ 2025 तिथियां 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025
भाषिणी भाषा समर्थन 11 भाषाओं में रियल टाइम अनुवाद (9 भारतीय + 2 विदेशी)
उपयोग की गई तकनीक Llama LLM, वॉइस व टेक्स्ट अनुवाद सुविधा
आपात सेवा एकीकरण यूपी112 के साथ रियल टाइम वॉइस अनुवाद
प्रमुख सेवाएं डिजिटल लॉस्ट एंड फाउंड, एआई चैटबॉट, वॉइस-इनेबल्ड कियोस्क
मिशन का नाम राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन

महाकुंभ 2025 यह दिखाता है कि आस्था और तकनीक साथ आकर लोगों को सशक्त बना सकते हैं। चाहे कोई वस्तु खो गई हो, कोई दिशा चाहिए या आपातकाल में सहायता लेनी हो—भाषा अब बाधा नहीं है। UPSC, TNPSC या SSC जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए यह एक बेहतरीन उदाहरण है डिजिटल गवर्नेंस और तकनीकी समावेशन का।

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Mahakumbh 2025: Bridging Faith and Technology with Bhashini
  1. महाकुंभ 2025, 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक प्रयागराज में आयोजित होगा।
  2. इस आयोजन में भाशिनी, एक रीयलटाइम भाषा अनुवाद प्लेटफॉर्म को एकीकृत किया गया है, जिसे MeitY द्वारा विकसित किया गया है।
  3. भाशिनी 11 भाषाओं (9 भारतीय और 2 विदेशी) में अनुवाद को सपोर्ट करता है।
  4. इसका उद्देश्य विविध तीर्थयात्रियों के लिए महाकुंभ को अधिक समावेशी बनाना है।
  5. यात्रियों को वॉयसआधारित कियोस्क और मोबाइल ऐप्स के माध्यम से अपनी मातृभाषा में संवाद करने की सुविधा मिलती है।
  6. एक प्रमुख नवाचार है डिजिटल लॉस्ट एंड फाउंड सिस्टम, जो कई भाषाओं में उपलब्ध है।
  7. तीर्थयात्री अपनी गुम वस्तुएं अपनी भाषा में बोलकर डिजिटल सहायक को रिपोर्ट कर सकते हैं।
  8. कुंभ सह‘AI’यकएक एआई चैटबॉट है जो कार्यक्रम की जानकारी, अनुष्ठानों और मार्गदर्शन की सुविधा देता है।
  9. यह चैटबॉट LLaMA LLM तकनीक का उपयोग करता है जो बुद्धिमान और बहुभाषीय संवाद संभव बनाता है।
  10. यूपी 112 आपातकालीन हेल्पलाइन, भाशिनी के CONVERSE टूल के साथ एकीकृत की गई है।
  11. रीयलटाइम वॉइस ट्रांसलेशन के जरिए पुलिस को क्षेत्रीय भाषाओं में तुरंत प्रतिक्रिया देने में मदद मिलती है।
  12. भाशिनी भाषा की बाधाओं को कम करता है और भीड़ प्रबंधन को सुचारु बनाता है
  13. यह राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य डिजिटल समानता को बढ़ावा देना है।
  14. देश के सभी क्षेत्रों से आए तीर्थयात्री, बिना भाषा रुकावट के भाग ले सकें, इसके लिए यह प्लेटफॉर्म सहायक है।
  15. डिजिटल कियोस्क, मोबाइल ऐप्स और वॉयस असिस्टेंट्स आगंतुकों की सुगमता को बढ़ाते हैं।
  16. यह पहल तकनीकसक्षम अध्यात्म और समावेशी शासन को प्रोत्साहित करती है।
  17. स्टार्टअप्स और नवप्रवर्तकों को भाशिनी प्लेटफॉर्म पर इनोवेशन के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
  18. यह धार्मिक आयोजनों में नागरिकप्रथम डिजिटल समाधान की दिशा में बदलाव को दर्शाता है।
  19. सरकार एआई और बहुभाषी तकनीक के माध्यम से सुरक्षित और सूचित तीर्थयात्रा सुनिश्चित कर रही है।
  20. SSC, UPSC, TNPSC जैसी परीक्षाओं के लिए, महाकुंभ 2025 आस्था, तकनीक और डिजिटल सशक्तिकरण के संगम का महत्वपूर्ण उदाहरण है।

Q1. महाकुंभ 2025 में भाषिणी प्लेटफॉर्म का मुख्य उद्देश्य क्या है?


Q2. महाकुंभ 2025 के दौरान भाषिणी प्लेटफॉर्म कितनी भाषाओं का समर्थन करता है?


Q3. प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तारीखें क्या हैं?


Q4. महाकुंभ तीर्थयात्रियों के लिए लॉन्च किया गया एआई-समर्थित चैटबॉट का नाम क्या है?


Q5. कुंभ सह‘AI’यक चैटबॉट को कौन-सी उन्नत AI तकनीक से संचालित किया गया है?


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