एक भाषा में सभी को जोड़ने की पहल
महाकुंभ 2025 सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं होगा, बल्कि तकनीक के जरिये एक समावेशी अनुभव भी बनेगा। 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित होने वाले इस आयोजन में देशभर से करोड़ों श्रद्धालु जुटेंगे। इन्हीं श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सरकार ने भाषिणी नामक एक रियल टाइम भाषा अनुवाद प्लेटफ़ॉर्म शुरू किया है, जिसे इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने विकसित किया है।
हर क्षेत्रीय भाषा को मंच पर लाना
कल्पना कीजिए कि कोई तमिलनाडु से आया श्रद्धालु प्रयागराज की भीड़ में अपनी बात कह नहीं पा रहा। अब भाषिणी की मदद से वह अपनी मातृभाषा में बात करेगा और सामने वाला उसे हिंदी या अंग्रेज़ी में अनुवादित संवाद के रूप में समझ पाएगा। 11 भाषाओं में उपलब्ध यह तकनीक कियोस्क और मोबाइल ऐप्स के माध्यम से उपलब्ध होगी।
लॉस्ट एंड फाउंड सेवा में तकनीकी बदलाव
डिजिटल लॉस्ट एंड फाउंड सुविधा भाषिणी की सबसे उपयोगी सेवाओं में से एक है। अगर कोई श्रद्धालु अपना सामान खो देता है, तो वह अपनी भाषा में बोलकर उसे रिपोर्ट कर सकता है। प्लेटफ़ॉर्म अपने आप उसे अनुवाद करके हेल्प डेस्क तक पहुंचा देगा। इससे मदद लेना और देना दोनों आसान हो जाता है।
एआई से लैस कुंभ सहायाक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया कुंभ सहायाक एआई चैटबॉट, Llama LLM जैसे एआई मॉडल्स का उपयोग करता है। यह चैटबॉट श्रद्धालुओं को दिशा–निर्देश, आयोजन की जानकारी और पूजा के समय आदि कई विवरण उनकी भाषा में उपलब्ध कराता है।
आपातकालीन सेवाओं में भाषाई सहयोग
यूपी 112 आपात सेवा को भी भाषिणी से जोड़ा गया है। इसमें ‘CONVERSE’ टूल के ज़रिए कोई भी व्यक्ति अपनी भाषा में बात करके पुलिस को सहायता के लिए कॉल कर सकता है। यह अनुवाद सुविधा तुरंत कॉल रिसीवर को समझ आने वाले रूप में जानकारी देती है।
डिजिटल समावेशन की ओर एक बड़ा कदम
भाषिणी, राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य है कि भारत के हर नागरिक को तकनीक तक अपनी भाषा में पहुंच मिल सके। महाकुंभ जैसे आयोजनों में इसका उपयोग इस मिशन की सफलता का सशक्त उदाहरण है। यह सिर्फ तकनीक नहीं, एक समाज को जोड़ने वाला माध्यम बन गया है।
Static GK Snapshot for Competitive Exams
विषय | तथ्य |
महाकुंभ 2025 तिथियां | 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 |
भाषिणी भाषा समर्थन | 11 भाषाओं में रियल टाइम अनुवाद (9 भारतीय + 2 विदेशी) |
उपयोग की गई तकनीक | Llama LLM, वॉइस व टेक्स्ट अनुवाद सुविधा |
आपात सेवा एकीकरण | यूपी112 के साथ रियल टाइम वॉइस अनुवाद |
प्रमुख सेवाएं | डिजिटल लॉस्ट एंड फाउंड, एआई चैटबॉट, वॉइस-इनेबल्ड कियोस्क |
मिशन का नाम | राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन |
महाकुंभ 2025 यह दिखाता है कि आस्था और तकनीक साथ आकर लोगों को सशक्त बना सकते हैं। चाहे कोई वस्तु खो गई हो, कोई दिशा चाहिए या आपातकाल में सहायता लेनी हो—भाषा अब बाधा नहीं है। UPSC, TNPSC या SSC जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए यह एक बेहतरीन उदाहरण है डिजिटल गवर्नेंस और तकनीकी समावेशन का।
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