जुलाई 17, 2025 4:06 पूर्वाह्न

मराठा किले यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल

समसामयिक विषय: मराठा सैन्य परिदृश्य, यूनेस्को विश्व धरोहर सूची, पेरिस में 47वां सत्र, छत्रपति शिवाजी महाराज, किला वास्तुकला, भारतीय विरासत, रायगढ़ किला, प्रतापगढ़, साल्हेर किला, विरासत पर्यटन, 2024-25 नामांकन चक्र

Maratha Forts Join UNESCO World Heritage List

मराठा सैन्य उत्कृष्टता को मिली वैश्विक मान्यता

भारत के मराठा सैन्य किलों को 11 जुलाई 2025 को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया। यह ऐतिहासिक घोषणा पेरिस में आयोजित 47वें विश्व धरोहर समिति के अधिवेशन में की गई। यह भारत की सैन्य एवं वास्तुशिल्प विरासत के लिए गर्व का क्षण है।
इस सूची में वे 12 ऐतिहासिक किले शामिल किए गए हैं जो 17वीं से 19वीं शताब्दी के बीच मराठा साम्राज्य की रणनीतिक योजना और किले निर्माण में विशेषज्ञता को दर्शाते हैं।

नामांकित किलों की सूची

इन मान्यता प्राप्त किलों का विस्तार महाराष्ट्र और तमिलनाडु में है, जो मराठा किलेबंदी की विविधता को दर्शाते हैं। इनमें शामिल हैं:
रायगढ़ किला – छत्रपति शिवाजी महाराज की राजधानी
प्रतापगढ़, राजगढ़, शिवनेरी, और साल्हेर – प्रमुख पहाड़ी किले
सिंधुदुर्ग, सुवर्णदुर्ग, विजयदुर्ग, और खांदेरी – तटीय किले
लोहगढ़, पन्हाला, और जिंजी किला – समतल और चट्टानी इलाकों में स्थित किले
इन किलों को उनकी रणनीतिक रचना, विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप निर्माण और जल प्रबंधन तथा बहुस्तरीय रक्षा प्रणाली जैसी नवाचार तकनीकों के आधार पर चुना गया।

शिवाजी महाराज और मराठा सैन्य रणनीति

छत्रपति शिवाजी महाराज ने इन किलों के निर्माण में केंद्रीय भूमिका निभाई थी। उनके काल में किले केवल रक्षा संरचनाएँ नहीं, बल्कि प्रशासन और प्रतिरोध के केंद्र भी थे।
Static GK तथ्य: शिवाजी महाराज ने अपने शासनकाल में लगभग 370 किले बनवाए या पुनर्निर्मित किए, जो मुगलों और उपनिवेशवादी शक्तियों के विरुद्ध मराठा प्रतिरोध की रीढ़ बने।

यूनेस्को की मान्यता और भारत के प्रयास

यूनेस्को ने यह घोषणा X (पूर्व में ट्विटर) पर की। यह नामांकन 2024–25 की विश्व धरोहर नामांकन चक्र का हिस्सा था, जिसमें भारत ने एक विस्तृत डोजियर के साथ इन किलों की ऐतिहासिक और वास्तुशिल्पीय महत्ता प्रस्तुत की।
यह मान्यता भारत की वैश्विक विरासत संरक्षण में भूमिका को सुदृढ़ करती है और भविष्य में ऐसे स्मारकों के संरक्षण एवं पुनर्स्थापन को बढ़ावा देगी।
Static GK तथ्य: वर्ष 2025 तक भारत के पास कुल 43 विश्व धरोहर स्थल हैं, जो वैश्विक रूप से छठा सबसे अधिक है।

पर्यटन और संरक्षण पर प्रभाव

इस मान्यता से महाराष्ट्र और तमिलनाडु के इन स्थलों पर पर्यटन में वृद्धि की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे स्थानीय रोजगार, जन-जागरूकता, तथा पर्यटन अवसंरचना में सुधार होगा।
यह सूचीबद्धता युवाओं को भारत की सैन्य और स्थापत्य विरासत से जोड़ने वाले शैक्षिक कार्यक्रमों को भी प्रेरित कर सकती है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
यूनेस्को में शामिल होने की तिथि 11 जुलाई 2025
सूचीबद्ध किलों की कुल संख्या 12
प्रमुख मराठा नेता छत्रपति शिवाजी महाराज
यूनेस्को अधिवेशन 47वां अधिवेशन, पेरिस
मुख्य किले रायगढ़, प्रतापगढ़, शिवनेरी, सिंधुदुर्ग, जिंजी
शामिल राज्य महाराष्ट्र और तमिलनाडु
यूनेस्को नामांकन चक्र 2024–25 विश्व धरोहर चक्र
रणनीतिक विशेषताएँ बहुभौगोलिक अनुकूलन, जल भंडारण, प्राकृतिक छलावरण
भारत में पहले से मौजूद विश्व धरोहर स्थल 42 (2025 से पहले)
पर्यटन प्रभाव स्थानीय गौरव, रोजगार, संरक्षण निधि में वृद्धि
Maratha Forts Join UNESCO World Heritage List
  1. 11 जुलाई, 2025 को 12 मराठा किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया।
  2. यह समावेश पेरिस में आयोजित 47वें यूनेस्को सत्र के दौरान हुआ।
  3. इन किलों को उनकी रणनीतिक वास्तुकला के लिए “मराठा सैन्य परिदृश्य” के रूप में मान्यता दी गई।
  4. छत्रपति शिवाजी महाराज ने मराठों की किला-निर्माण विरासत का नेतृत्व किया।
  5. शिवाजी की राजधानी, रायगढ़ किला, सूचीबद्ध प्रमुख किलों में से एक है।
  6. अन्य किलों में प्रतापगढ़, साल्हेर, राजगढ़, शिवनेरी और सिंधुदुर्ग शामिल हैं।
  7. ये किले विभिन्न भूभागों – पहाड़ी, तटीय और मैदानी इलाकों में फैले हुए हैं, जो अनुकूलनशीलता को दर्शाते हैं।
  8. मराठा किले स्तरित सुरक्षा और उन्नत जल प्रबंधन प्रणालियों के लिए जाने जाते हैं।
  9. यह नामांकन 2024-25 यूनेस्को विश्व धरोहर चक्र के तहत प्रस्तुत किया गया था।
  10. भारत में अब 43 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं, जो विश्व स्तर पर छठे स्थान पर है।
  11. तमिलनाडु में जिंजी किला मराठा साम्राज्य की दक्षिणी सीमा को दर्शाता है।
  12. ये किले सैन्य गढ़ और प्रशासनिक केंद्र के रूप में कार्य करते थे।
  13. शिवाजी को अपने शासनकाल के दौरान 370 से अधिक किलों के निर्माण या सुधार का श्रेय दिया जाता है।
  14. यह घोषणा यूनेस्को द्वारा सोशल मीडिया पर प्लेटफ़ॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से साझा की गई थी।
  15. सुवर्णदुर्ग और खंडेरी जैसे किले मराठा नौसैनिक रणनीतियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  16. इस मान्यता से महाराष्ट्र और तमिलनाडु में विरासत पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
  17. स्थानीय रोजगार, संरक्षण निधि और बुनियादी ढांचे के विकास से लाभ होने की संभावना है।
  18. यह सूची विरासत संरक्षण में भारत की वैश्विक छवि के लिए एक बड़ा बढ़ावा है।
  19. शैक्षिक पहल से युवाओं में जागरूकता को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
  20. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारत का अपनी सैन्य और स्थापत्य विरासत पर गर्व और मजबूत होगा।

Q1. मराठा किलों को आधिकारिक रूप से यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में कब शामिल किया गया?


Q2. कौन-सा किला छत्रपति शिवाजी महाराज की राजधानी था और यूनेस्को सूची में शामिल किया गया?


Q3. यूनेस्को विश्व धरोहर नामांकन के अंतर्गत कितने मराठा किलों को मान्यता दी गई?


Q4. इन मराठा किलों का प्रतिनिधित्व किन प्रकार के भौगोलिक क्षेत्रों से होता है?


Q5. इन किलों को यूनेस्को को किस नामांकन चक्र में प्रस्तावित किया गया था?


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