नववर्ष में नवोन्मेष की नई कक्षा
2024 के अंत में, भारत ने सिर्फ कैलेंडर नहीं बदला—बल्कि अंतरिक्ष तकनीक में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। 31 दिसंबर 2024 को, स्पेस–टेक स्टार्टअप मनस्तु स्पेस ने अपने पर्यावरण–अनुकूल प्रोपल्शन सिस्टम VYOM 2U का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण ISRO के PSLV-C60 मिशन के तहत POEM-4 प्लेटफॉर्म पर हुआ और भारत को ग्रीन प्रोपल्शन तकनीक में अग्रणी बना दिया।
VYOM 2U क्या है और क्यों महत्वपूर्ण है
VYOM 2U एक ग्रीन प्रोपल्शन सिस्टम है। पारंपरिक उपग्रह थ्रस्टर्स जहरीले ईंधन का उपयोग करते हैं, लेकिन VYOM 2U गैर–विषैला और पर्यावरण–सुरक्षित ईंधन पर चलता है। यह इंजीनियरों, अंतरिक्ष यात्रियों और वायुमंडल के लिए अधिक सुरक्षित है। इसकी खासियत है सटीक और नियंत्रित थ्रस्ट देना, जिससे उपग्रह की स्थिति को प्रदूषण के बिना समायोजित किया जा सकता है।
इस परीक्षण में इसने POEM-4 प्लेटफॉर्म को 24 डिग्री तक झुका दिया, जो इसकी मिशन–तैयारी और वास्तविक नियंत्रण क्षमता को दर्शाता है।
POEM: स्टार्टअप्स के लिए ऑर्बिटल प्रयोगशाला
POEM (PSLV ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल) ISRO की एक कम लागत वाली पहल है, जिसमें रॉकेट के चौथे चरण को एक अंतरिक्ष प्रयोगशाला में बदल दिया जाता है। मुख्य उपग्रह के प्रक्षेपण के बाद, स्टार्टअप्स और शोधकर्ता अपनी तकनीकों का परीक्षण कर सकते हैं। मनस्तु स्पेस ने इसे “Adyanta” कोडनेम के तहत प्रयोग किया—इससे समय और संसाधनों की बचत हुई।
IIT बॉम्बे से लेकर ऑर्बिट तक
मनस्तु स्पेस की स्थापना 2017 में Tushar Jadhav और Ashtesh Kumar ने की थी, जो IIT बॉम्बे के पूर्व छात्र हैं। संस्थान के समर्थन और विशेषज्ञ मार्गदर्शन से उन्होंने छात्र परियोजना को एक पूर्ण उत्पाद में बदला। यह कहानी भारत के डीप–टेक उद्यमिता में विश्वास और स्टार्टअप्स की अंतरिक्ष में बढ़ती भूमिका का प्रतीक है।
TRL-8: व्यावसायिक उड़ान के लिए तैयार तकनीक
इस परीक्षण के साथ, VYOM 2U को TRL-8 (Technology Readiness Level 8) प्रमाणन प्राप्त हुआ, जिसका अर्थ है कि यह तकनीक अब वास्तविक अंतरिक्ष स्थितियों में सफल सिद्ध हो चुकी है और व्यावसायिक उपयोग के लिए तैयार है। अब भारत और विदेशी उपग्रह साझेदारियों का रास्ता खुल गया है।
क्यों ग्रीन प्रोपल्शन है भविष्य
पारंपरिक रॉकेट ईंधन विषैला और महंगा होता है। जैसे-जैसे अंतरिक्ष में उपग्रहों और मलबे की भीड़ बढ़ रही है, हरित (ग्रीन) समाधान अनिवार्य हो गए हैं। ग्रीन प्रोपल्शन के लाभ:
• अंतरिक्ष प्रदूषण में कमी
• उपग्रह तकनीशियनों के लिए जोखिम कम
• छोटे अंतरिक्ष एजेंसियों और स्टार्टअप्स के लिए अधिक सुलभ मिशन लागत
VYOM 2U भविष्य के ऑर्बिटल कचरा सफाई मिशनों में भी उपयोगी हो सकता है।
आगे क्या: बीज और अंतरिक्ष मलबा
मनस्तु स्पेस केवल इंजन तक सीमित नहीं है। POEM-4 के साथ वे आगे इन प्रयोगों की योजना बना रहे हैं:
• सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में बीज अंकुरण परीक्षण – अंतरिक्ष कृषि की दिशा में पहला कदम
• अंतरिक्ष मलबा पकड़ने के लिए रोबोटिक भुजाएं – स्वच्छ और सुरक्षित ऑर्बिट के लिए
यह पहलें मंगल या चंद्र कॉलोनियों जैसे दीर्घकालिक मानव अंतरिक्ष मिशनों के लिए आधार तैयार करती हैं।
STATIC GK SNAPSHOT – प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जानकारी सारांश
विषय | तथ्य |
कंपनी का नाम | मनस्तु स्पेस |
संस्थापक | तुषार जाधव और अष्टेश कुमार (IIT बॉम्बे, 2017) |
प्रोपल्शन सिस्टम का नाम | VYOM 2U |
परीक्षण तिथि | 31 दिसंबर 2024 |
लॉन्च यान | PSLV-C60 |
प्लेटफॉर्म | POEM-4 (PSLV ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल) |
कोडनेम | Adyanta |
प्रमाणन स्तर | TRL-8 (व्यावसायिक उपयोग हेतु तैयार) |
मुख्य विशेषता | गैर-विषैला, पर्यावरण अनुकूल ईंधन आधारित प्रोपल्शन |
भविष्य के लक्ष्य | अंतरिक्ष कृषि, मलबा हटाना, व्यावसायिक उपग्रह उपयोग |