रिकॉर्ड-ब्रेकिंग गिद्ध गणना
मध्य प्रदेश ने 2025 की पहली चरण की गिद्ध जनगणना में 12,981 गिद्धों की रिकॉर्ड संख्या दर्ज की है, जिससे यह भारत का शीर्ष गिद्ध संरक्षण राज्य बन गया है। यह आंकड़ा 2024 में 10,845 और 2019 में 8,397 था। यह सरकारी संरक्षण प्रयासों की सफलता को दर्शाता है—विशेषकर प्राकृतिक आवास सुरक्षा, पशु दवाओं पर नियंत्रण और जन जागरूकता अभियान की बदौलत गिद्धों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
वैज्ञानिक गणना मॉडल
मध्य प्रदेश वन विभाग 2016 से वैज्ञानिक पद्धति से गिद्ध गणना कर रहा है। 2025 का सर्वेक्षण दो चरणों में आयोजित किया गया—पहला चरण 17–19 फरवरी, और दूसरा चरण 29 अप्रैल को निर्धारित है। सर्वेक्षण 16 वन वृत्तों, 64 वन मंडलों और 9 संरक्षित क्षेत्रों (राष्ट्रीय उद्यान, बाघ अभयारण्य और वन्यजीव अभयारण्य सहित) में किया गया, जिससे स्थायी और प्रवासी दोनों गिद्ध प्रजातियों की सटीक गणना संभव हो पाई।
सात प्रमुख प्रजातियों की उपस्थिति
मध्य प्रदेश में भारत में पाई जाने वाली 9 गिद्ध प्रजातियों में से 7 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इसमें 4 निवासी प्रजातियाँ—लॉन्ग–बिल्ड गिद्ध, व्हाइट–रंप्ड गिद्ध, इजिप्शियन गिद्ध और रेड–हेडेड गिद्ध—और 3 प्रवासी प्रजातियाँ—हिमालयन ग्रिफॉन, यूरेशियन ग्रिफॉन और सिनेरेअस गिद्ध—शामिल हैं। इससे यह राज्य गिद्ध जैव विविधता का प्रमुख केंद्र बन गया है।
संकट से पुनरुत्थान की कहानी
2000 के दशक की शुरुआत में गिद्धों की जनसंख्या में भारी गिरावट डाइक्लोफेनाक नामक पशु दर्द निवारक दवा के कारण हुई थी, जिससे मरे पशुओं का मांस खाने वाले गिद्धों की गुर्दे फेल हो जाते थे। 2006 में इस दवा पर प्रतिबंध और सख्त प्रवर्तन, जनजागरूकता और सुरक्षित क्षेत्रों की स्थापना ने गिद्धों की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाई। समुदाय–आधारित संरक्षण प्रयासों के चलते अब गिद्धों की संख्या में स्थायी सुधार देखा जा रहा है।
पारिस्थितिकी में गिद्धों की भूमिका
गिद्ध मृत पशुओं को खाकर वातावरण को स्वच्छ रखते हैं, जिससे एंथ्रैक्स और रेबीज जैसे रोगों के प्रसार को रोका जा सकता है। इनकी जनसंख्या में वृद्धि केवल वन्यजीव संरक्षण की सफलता नहीं, बल्कि पारिस्थितिक संतुलन के सुधार का संकेत भी है। निरंतर संरक्षण प्रयास आवश्यक हैं ताकि यह प्राकृतिक सफाई सेवा सुरक्षित रह सके।
STATIC GK SNAPSHOT – प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जानकारी सारांश
विषय | तथ्य |
भारत में सबसे अधिक गिद्ध किस राज्य में | मध्य प्रदेश |
2025 की जनगणना (प्रथम चरण) में संख्या | 12,981 |
पिछली गणनाएँ | 10,845 (2024), 8,397 (2019) |
गणना आरंभ वर्ष | 2016 |
कवरेज क्षेत्र | 16 वृत्त, 64 वन मंडल, 9 संरक्षित क्षेत्र |
एमपी में पाई जाने वाली प्रजातियाँ | 9 में से 7 प्रजातियाँ |
प्रमुख निवासी प्रजातियाँ | लॉन्ग-बिल्ड, व्हाइट-रंप्ड, इजिप्शियन, रेड-हेडेड |
प्रवासी प्रजातियाँ | हिमालयन ग्रिफॉन, यूरेशियन ग्रिफॉन, सिनेरेअस गिद्ध |
गिरावट का मुख्य कारण | डाइक्लोफेनाक (प्रतिबंधित पशु दवा) |
डाइक्लोफेनाक प्रतिबंध वर्ष | 2006 |
गिद्धों की भूमिका | मृत जानवरों की सफाई कर रोग नियंत्रण |