जुलाई 19, 2025 6:30 अपराह्न

मद्रास हाईकोर्ट ने प्रदूषित वैगई नदी की रक्षा के लिए हस्तक्षेप किया

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Madras High Court Intervenes to Protect the Polluted Vaigai River

वैगई नदी की बिगड़ती स्थिति

तमिलनाडु में 258 किलोमीटर लंबी फैली वैगई नदी कृषि, पेयजल और औद्योगिक उपयोग के लिए जीवनदायिनी स्रोत है। यह वरुसनाडु हिल्स से निकलकर पाक खाड़ी में गिरती है और थेनी, डिंडीगुल, मदुरै, शिवगंगई और रामनाथपुरम जिलों से होकर बहती है। हालाँकि, सीवेज और औद्योगिक कचरे के अनियंत्रित निर्वहन के कारण इसका जलगुणवत्ता इस हद तक गिर गई है कि कुछ स्थानों पर यह सिंचाई के लिए भी अनुपयुक्त हो गई है। यह खतरनाक प्रवृत्ति इस प्राकृतिक संसाधन को एक गंभीर पर्यावरणीय चिंता में बदल रही है।

स्वतः संज्ञान के माध्यम से न्यायिक कार्रवाई की शुरुआत

प्रदूषण की बढ़ती रिपोर्टों पर संज्ञान लेते हुए, मद्रास हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान याचिका दर्ज की और तात्कालिक सुधारात्मक कार्रवाई की मांग की। न्यायमूर्ति जी. आर. स्वामीनाथन और बी. पुगलेंधी की खंडपीठ ने व्यापक कार्य योजना प्रस्तुत करने और राज्य अधिकारियों को नदी के पुनरुद्धार की ज़िम्मेदारी लेने का आदेश दिया। अदालत ने एक नोडल प्राधिकरण नियुक्त करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया, ताकि समन्वित प्रयासों और प्रदूषण नियंत्रण को सुनिश्चित किया जा सके।

प्रदूषण के केंद्र और स्रोत

मदुरै नेचर कल्चरल फाउंडेशन की रिपोर्ट में नदी के पांच जिलों में 177 अवैध अपशिष्ट निकासी बिंदु पाए गए। साथ ही लिए गए 36 जल नमूनों में से अधिकांश D-ग्रेड या उससे भी नीचे की गुणवत्ता के थे। प्रदूषण के स्रोतों में औद्योगिक इकाइयाँ, झींगा पालन केंद्र और घरेलू सीवेज शामिल हैं, जो यह दर्शाते हैं कि वाणिज्यिक और आवासीय दोनों ही स्रोत इस गिरावट में भूमिका निभा रहे हैं।

वैज्ञानिक निगरानी और निरीक्षण को बढ़ावा

हालाँकि राज्य सरकार के पास पर्यावरण निगरानी सेल है, लेकिन वैगई नदी को अब तक इसमें शामिल नहीं किया गया था। हाईकोर्ट ने इसे तुरंत निगरानी में लाने का आदेश दिया है, जिससे नदी की स्थिति वैज्ञानिक रूप से ट्रैक और मूल्यांकन की जा सके। यह निर्णय संस्थागत जवाबदेही बढ़ाने और डेटा-आधारित प्रबंधन को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।

समाज और जीवन पर व्यापक प्रभाव

नदी प्रदूषण का असर केवल पर्यावरण तक सीमित नहीं है। यह सिंचाई प्रणाली, पेयजल आपूर्ति और सार्वजनिक स्वास्थ्य को भी सीधे प्रभावित करता है। जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है और कृषि और मत्स्य पालन पर निर्भर समुदायों की आर्थिक स्थिरता को भी नुकसान पहुँचता है। इसलिए यह एक सार्वजनिक स्वास्थ्य और आर्थिक संकट में बदल चुका है।

टिकाऊ पुनरुद्धार के लिए निर्देश

अदालत के आदेशों में एक समर्पित नोडल अधिकारी की नियुक्ति, बहुविभागीय टास्क फोर्स का गठन और जल प्रदूषण कानूनों के तहत दोषियों पर कार्रवाई शामिल है। अधिकारियों को नियमित प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए भी कहा गया है। यदि इन निर्देशों को सख्ती से लागू किया जाए, तो यह भारत के लिए एक आदर्श नदी पुनर्जीवन मॉडल बन सकता है।

Static GK Snapshot

विषय विवरण
वैगई नदी का उद्गम वरुसनाडु हिल्स, तमिलनाडु
नदी की लंबाई 258 किमी
प्रभावित जिले थेनी, डिंडीगुल, मदुरै, शिवगंगई, रामनाथपुरम
निगरानी स्थिति मद्रास हाईकोर्ट के आदेश से निगरानी सेल में जोड़ा गया
प्रदूषण स्रोत 177 अवैध अपशिष्ट बिंदु; औद्योगिक कचरा, झींगा पालन
जल गुणवत्ता 36 नमूनों की गुणवत्ता D-ग्रेड से भी खराब

Madras High Court Intervenes to Protect the Polluted Vaigai River
  1. मद्रास उच्च न्यायालय ने 2025 में वैकै नदी प्रदूषण के मुद्दे पर स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की।
  2. वैकै नदी 258 किमी लंबी है और तमिलनाडु के 5 जिलों के लिए प्रमुख जल स्रोत है।
  3. यह नदी वरुषनाडु हिल्स से निकलकर पाल्क की खाड़ी में मिलती है।
  4. अनियंत्रित सीवेज और औद्योगिक कचरे ने वैकै नदी के जल को सिंचाई के लिए भी अनुपयुक्त बना दिया है।
  5. न्यायमूर्ति जी. आर. स्वामिनाथन और बी. पुगलेंधी की पीठ ने त्वरित कार्रवाई की मांग की।
  6. न्यायालय ने प्रदूषित नदी के लिए समग्र पुनरुद्धार योजना तैयार करने का आदेश दिया।
  7. प्रदूषण नियंत्रण और समन्वय के लिए नोडल प्राधिकरण नियुक्त करने का निर्देश दिया गया।
  8. एक रिपोर्ट में पाया गया कि पाँच जिलों में वैकै नदी के साथ 177 अवैध अपशिष्ट निकासी बिंदु हैं।
  9. मदुरै नेचर कल्चरल फाउंडेशन ने प्रदूषण वाले क्षेत्रों की सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की।
  10. 36 जल नमूनों में D या उससे नीचे की गुणवत्ता दर्ज की गई — यह गंभीर प्रदूषण को दर्शाता है।
  11. प्रदूषण के स्रोतों में उद्योग, झींगा फार्म और घरेलू सीवेज शामिल हैं।
  12. तमिलनाडु का पर्यावरण निगरानी सेल अब तक वैकै को निगरानी सूची में शामिल नहीं कर पाया था।
  13. अदालत ने वैकै को राज्य वैज्ञानिक निगरानी नेटवर्क में तुरंत शामिल करने का निर्देश दिया।
  14. प्रदूषण का प्रभाव पीने के पानी, कृषि और जलजैव विविधता पर पड़ता है — लाखों लोग प्रभावित होते हैं।
  15. जलजनित रोग और आर्थिक नुकसान सार्वजनिक स्वास्थ्य और आजीविका के लिए खतरा हैं।
  16. अदालत ने बहुविभागीय टास्क फोर्स गठित कर निरंतर निगरानी सुनिश्चित करने को कहा।
  17. प्रदूषकों पर मौजूदा जल प्रदूषण कानूनों के तहत दंड लगाया जाएगा।
  18. राज्य अधिकारियों को नियमित प्रगति रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
  19. यह पहल भारत भर में नदी पुनर्जीवन के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य कर सकती है।
  20. यह मामला तमिलनाडु में पर्यावरणीय न्याय व्यवस्था में एक परिवर्तनकारी मोड़ को दर्शाता है।

Q1. वैगई नदी में प्रदूषण को लेकर मद्रास हाई कोर्ट ने क्या कार्रवाई की?


Q2. वैगई नदी का उद्गम स्थल कौन-से पहाड़ हैं?


Q3. वैगई नदी के किनारे 177 अवैध डिस्चार्ज पॉइंट्स की जानकारी किस संस्था ने दी?


Q4. पर्यावरण निगरानी प्रकोष्ठ (Environmental Monitoring Cell) को लेकर अदालत ने क्या निर्देश दिया?


Q5. वैगई नदी की कुल लंबाई कितनी है?


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