जुलाई 27, 2025 8:50 अपराह्न

मद्रास हाईकोर्ट ने पश्चिमी घाट क्षेत्र में 28 प्लास्टिक उत्पादों पर लगाया प्रतिबंध

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Madras High Court Bans 28 Plastic Products Across Western Ghats

पश्चिमी घाट में हरित नियंत्रण का विस्तार

मद्रास उच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक निर्णय में तमिलनाडु के पश्चिमी घाट क्षेत्रों में 28 प्रकार के प्लास्टिक उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह व्यापक आदेश नीलगिरि से लेकर कन्याकुमारी के अगस्थ्यर बायोस्फीयर रिज़र्व तक के सभी हिल स्टेशनों, टाइगर रिज़र्व और वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरीज़ में लागू होगा। यह हाल के वर्षों में पर्यावरण संरक्षण के लिए दिया गया सबसे व्यापक न्यायिक आदेश माना जा रहा है।

किन उत्पादों पर कहां लगा प्रतिबंध?

कोर्ट ने जिन सिंगल यूज़ प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया है, उनमें शामिल हैं: पानी की बोतलें, क्लिंग फिल्म, प्लेटें, कप, थर्माकोल कप, प्लास्टिक-लेपित कैरी बैग, स्ट्रॉ, ईयर बड्स, आइसक्रीम स्टिक, सिगरेट पैकिंग रैप और 100 माइक्रॉन से कम के प्लास्टिक बैनर। आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इन पर्यावरणीय संवेदनशील क्षेत्रों में कोई भी प्लास्टिक पैकिंग या रैपर नहीं दिखना चाहिए, जिससे एक कड़े एंटी-प्लास्टिक नीति की पुष्टि होती है।

पर्यावरण संरक्षण को न्यायिक समर्थन

यह आदेश मद्रास हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच द्वारा पारित किया गया था, जिसने राज्य सरकार के पूर्व प्रयासों—जैसे कि 2018 में राज्यव्यापी प्लास्टिक प्रतिबंध और 2019 में नीलगिरि और कोडईकनाल में विशेष प्रतिबंध—को ध्यान में रखते हुए इसे अब पूरे पश्चिमी घाट क्षेत्र में लागू करने का निर्देश दिया है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि पर्यटन सीज़न के दौरान प्लास्टिक की आवाजाही की निगरानी के लिए मोटर वाहन अधिनियम 2019 का उपयोग किया जा सकता है

सतत पर्यावरणीय पर्यटन की दिशा में एक कदम

पश्चिमी घाट, जिसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है, जैव विविधता की दृष्टि से विश्व के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है। प्लास्टिक कचरा यहां की वन्यजीव प्रजातियों, जल स्रोतों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। यह प्रतिबंध स्थायी और पर्यावरणहितैषी पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक मजबूत कानूनी मिसाल स्थापित करता है और उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल पेश करता है।

स्थैतिक सामान्य ज्ञान झलक (STATIC GK SNAPSHOT)

विषय विवरण
आदेश जारी करने वाला निकाय मद्रास हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच
लागू क्षेत्र पश्चिमी घाट (नीलगिरि से अगस्थ्यर बायोस्फीयर रिज़र्व तक)
प्रतिबंधित उत्पादों की संख्या 28 प्लास्टिक उत्पाद
राज्य का पूर्व प्लास्टिक प्रतिबंध 2018 में राज्यव्यापी प्रतिबंध, 2019 में नीलगिरि/कोडईकनाल में विशेष प्रतिबंध
लागू अधिनियम मोटर वाहन अधिनियम, 2019
विशेष प्रतिबंधित उत्पाद बोतलें, प्लेट, कप, ईयर बड्स, थर्माकोल, पैकिंग रैप्स
प्रभावित संरक्षित क्षेत्र नीलगिरि, कोडईकनाल, अगस्थ्यर बायोस्फीयर रिज़र्व
परीक्षा प्रासंगिकता UPSC पर्यावरण, TNPSC पारिस्थितिकी, SSC सामान्य जागरूकता

 

Madras High Court Bans 28 Plastic Products Across Western Ghats
  1. मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु के पश्चिमी घाट क्षेत्रों में 28 प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
  2. यह निर्णय नीलगिरी से लेकर अगस्त्य मलई जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र तक के इकोसेंसिटिव ज़ोन को कवर करता है।
  3. सभी हिल स्टेशन, वन्यजीव अभयारण्य और बाघ आरक्षित क्षेत्र इस प्रतिबंध के अंतर्गत आते हैं।
  4. सिंगलयूज़ प्लास्टिक जैसे पानी की बोतलें, क्लिंग फिल्म्स, और थर्मोकॉल कप प्रतिबंधित हैं।
  5. प्लास्टिकलेपित कैरी बैग्स, स्ट्रॉ, ईयर बड्स, आइसक्रीम स्टिक जैसे अन्य उत्पाद भी प्रतिबंध में शामिल हैं।
  6. 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक बैनर, संरक्षित क्षेत्रों में निषिद्ध हैं।
  7. यह फैसला मद्रास हाईकोर्ट की एक डिवीजन बेंच द्वारा सुनाया गया।
  8. यह आदेश तमिलनाडु के 2018 राज्यव्यापी प्लास्टिक प्रतिबंध और 2019 में नीलगिरीकोडाइकनाल प्रतिबंध को विस्तार देता है।
  9. पर्यटन वाहनों में प्लास्टिक परिवहन की निगरानी के लिए मोटर वाहन अधिनियम 2019 का उपयोग किया जा सकता है।
  10. यह प्रतिबंध पर्यावरणसंवेदनशील क्षेत्रों की रक्षा और सतत पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु लागू किया गया है।
  11. UNESCO द्वारा मान्यता प्राप्त पश्चिमी घाट, समृद्ध जैव विविधता और जल स्रोतों का घर हैं।
  12. प्लास्टिक कचरा वन्यजीवों के लिए खतरा और पारिस्थितिकी तंत्र को प्रदूषित करता है।
  13. यह प्रतिबंध तमिलनाडु में इकोटूरिज्म प्रयासों को सशक्त बनाता है।
  14. यह कदम प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियमों के तहत भारत के व्यापक पर्यावरणीय लक्ष्यों को समर्थन देता है।
  15. कोडाइकनाल, नीलगिरी और अगस्त्य जैवमंडल जैसे क्षेत्र विशेष रूप से प्रभावित हैं।
  16. प्लास्टिक पैकेजिंग, सैशे और रैपर अब इन क्षेत्रों में पूरी तरह प्रतिबंधित हैं।
  17. अदालत ने संरक्षित क्षेत्रों में प्लास्टिक के प्रतिशून्य सहिष्णुतानीति पर ज़ोर दिया।
  18. यह निर्णय भारत में प्लास्टिक पर सबसे व्यापक न्यायिक प्रतिबंधों में से एक माना जा रहा है।
  19. यह कदम उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों को भी ऐसे कदम उठाने के लिए प्रेरित कर सकता है
  20. यह पहल पर्यावरण संरक्षण के लिए न्यायपालिका के मज़बूत समर्थन का उदाहरण है।

 

Q1. तमिलनाडु के पश्चिमी घाट क्षेत्रों में मद्रास उच्च न्यायालय ने कितने प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया?


Q2. पर्यटन वाहनों के माध्यम से प्लास्टिक की आमद को रोकने के लिए अब अधिकारी किस कानून का उपयोग कर सकते हैं?


Q3. तमिलनाडु का कौन-सा जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र इस प्लास्टिक प्रतिबंध आदेश में शामिल है?


Q4. तमिलनाडु में प्लास्टिक उत्पादों पर मूल रूप से व्यापक प्रतिबंध कब लागू किया गया था?


Q5. मद्रास उच्च न्यायालय के इस प्लास्टिक प्रतिबंध निर्णय का व्यापक पारिस्थितिक उद्देश्य क्या है?


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