जुलाई 18, 2025 1:02 अपराह्न

भारत में सैटेलाइट इंटरनेट शुरू करने के लिए स्टारलिंक को मंज़ूरी

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Starlink Gets Approval to Launch Satellite Internet in India

भारत में स्टारलिंक को मिला आसमान का रास्ता

भारत के इंटरनेट बुनियादी ढांचे में एक बड़ा कदम उठाते हुए, एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स की सैटेलाइट इंटरनेट शाखा Starlink को दूरसंचार विभाग (DoT) से GMPCS लाइसेंस मिल गया है। अब स्टारलिंक भारत में अपना परिचालन शुरू कर सकता है और पूरे देश में तेज़ गति वाला सैटेलाइट ब्रॉडबैंड प्रदान कर सकता है। यह लाइसेंस — Global Mobile Personal Communication by Satellite — अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को भारत में सैटेलाइट सेवाएं देने की कानूनी अनुमति देता है। इससे पहले OneWeb (भारती एयरटेल द्वारा समर्थित) और Jio Satellite Communications को यह मंजूरी मिल चुकी है।

सैटेलाइट इंटरनेट का बढ़ता महत्व

दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले करोड़ों लोगों के लिए पारंपरिक इंटरनेट लाइनें व्यावहारिक नहीं होतीं। ऐसे में Low-Earth Orbit (LEO) सैटेलाइट्स से इंटरनेट सीधे अंतरिक्ष से प्रसारित कर पाना तकनीकी क्रांति है। GMPCS की यह मंजूरी केवल कानूनी प्रक्रिया नहीं, बल्कि सुरक्षा मंजूरियों और डेटा संप्रभुता से संबंधित नियमों को पूरा करने के बाद मिली है। अब स्टारलिंक को परीक्षण स्पेक्ट्रम मिलेगा जिससे वह अपनी तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन कर सकेगा।

मौजूदा प्रतिस्पर्धा का सामना

भारत में यह बाज़ार पहले से खाली नहीं है। OneWeb को अगस्त 2021 में लाइसेंस मिला था और Jio Satellite को मार्च 2022 में। ये कंपनियां पहले से अपनी सेवाओं के लिए संरचना तैयार कर रही हैं। वहीं Amazon Project Kuiper को अभी सरकार की हरी झंडी का इंतज़ार है। उपभोक्ताओं के लिए यह प्रतिस्पर्धा अच्छा संकेत है — जिससे मूल्य, सेवा और नवाचार में सुधार होगा।

किन शर्तों पर मिली मंजूरी?

सरकार ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं। स्टारलिंक को कम से कम 20% ज़मीनी तकनीक भारत में बनानी या स्थापित करनी होगी। इसके अलावा, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए लीगल इंटरसेप्शन अनिवार्य है और उपयोगकर्ता डेटा देश से बाहर नहीं भेजा जा सकता। हब और गेटवे लोकेशनों के लिए भी अलग से सुरक्षा मंजूरी जरूरी होगी।

परीक्षण के बाद ही व्यावसायिक शुरुआत

TRAI ने सैटेलाइट स्पेक्ट्रम की कीमत और आवंटन पर सरकार को सुझाव भेजे हैं, लेकिन आधिकारिक स्पेक्ट्रम आवंटन के बाद ही व्यावसायिक सेवा शुरू हो सकेगी। फिलहाल परीक्षण चरण की शुरुआत जल्द ही अपेक्षित है।

डिजिटल इंडिया और अंतरिक्ष क्षेत्र में योगदान

यह कदम डिजिटल इंडिया मिशन के उद्देश्यों के साथ पूरी तरह मेल खाता है। किसानों को मौसम की जानकारी, छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा और दूरदराज क्षेत्रों में संचार सुविधा देने के लिए सैटेलाइट इंटरनेट बेहद कारगर साबित हो सकता है। जैसे मोबाइल फोन ने लैंडलाइन को पीछे छोड़ दिया, वैसे ही यह तकनीक इंटरनेट के स्वरूप को बदल सकती है। साथ ही, भारत की ISRO जैसी संस्थाएं पहले से अंतरिक्ष क्षेत्र में अग्रणी हैं — ऐसे में निजी कंपनियों को समर्थन देना देश की तकनीकी आत्मनिर्भरता को दर्शाता है।

स्थैतिक उसयन समसामयिक जानकारी तालिका

विषय विवरण
GMPCS का पूर्ण रूप ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट
Starlink की मूल कंपनी SpaceX
Starlink को लाइसेंस प्राप्त वर्ष 2025
भारत में अन्य GMPCS धारक OneWeb, Jio Satellite Communications
OneWeb लाइसेंस वर्ष 2021
Jio Satellite लाइसेंस वर्ष 2022
Project Kuiper स्थिति मंजूरी लंबित
DoT का पूर्ण रूप दूरसंचार विभाग
न्यूनतम ज़मीनी संरचना 20% स्वदेशी बनाना अनिवार्य
TRAI का पूर्ण रूप भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण
Starlink Gets Approval to Launch Satellite Internet in India
  1. Starlink को 2025 में भारत के दूरसंचार विभाग (DoT) से GMPCS लाइसेंस प्राप्त हुआ है।
  2. GMPCS का पूर्ण रूप है: Global Mobile Personal Communication by Satellite (उपग्रह के माध्यम से वैश्विक मोबाइल व्यक्तिगत संचार)।
  3. इस लाइसेंस के माध्यम से उपग्रह आधारित ब्रॉडबैंड सेवाएं भारत में कानूनी रूप से संचालित की जा सकती हैं।
  4. Starlink अब OneWeb (भारती एयरटेल) और Jio Satellite के साथ प्रमुख स्पेस इंटरनेट प्रदाताओं में शामिल हो गया है।
  5. Amazon का Project Kuiper अभी भी भारत सरकार की मंजूरी की प्रतीक्षा कर रहा है।
  6. सैटेलाइट इंटरनेट उन दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच सकता है जहाँ स्थलीय इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध नहीं है।
  7. Starlink लोअर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट्स का उपयोग करेगा, जिससे तेज और व्यापक कवरेज मिल सकेगी।
  8. भारत में सभी लाइसेंस धारकों को 20% ग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर का स्थानीयकरण करना अनिवार्य है।
  9. अनुमोदन के साथ डेटा संप्रभुता और सुरक्षा पर कड़े नियम लागू किए गए हैं।
  10. सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, यूज़र डेटा को भारत के बाहर रूट नहीं किया जा सकता
  11. राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कानूनी इंटरसेप्शन और गेटवे क्लीयरेंस अनिवार्य है।
  12. OneWeb को 2021 में, और Jio को 2022 में GMPCS लाइसेंस मिला था।
  13. Starlink की व्यावसायिक शुरुआत सरकार द्वारा स्पेक्ट्रम आवंटन पर निर्भर करती है।
  14. Starlink का प्रायोगिक चरण जल्द ही टेस्ट स्पेक्ट्रम के साथ शुरू होने की संभावना है।
  15. TRAI ने केंद्र सरकार को स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण और नीतियों पर सिफारिशें भेजी हैं।
  16. सैटेलाइट इंटरनेट डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों में सहायता करेगा, विशेष रूप से कम सेवायुक्त क्षेत्रों को जोड़ने में।
  17. यह सेवा किसानों, छात्रों और ग्रामीण व्यवसायों को बेहतर डिजिटल पहुंच प्रदान कर सकती है।
  18. Starlink के आने से सैटकॉम क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा, नवाचार और किफायती दरों को बढ़ावा मिलेगा।
  19. भारत द्वारा Starlink को समर्थन देना, निजी अंतरिक्ष कंपनियों में विश्वास को दर्शाता है।
  20. ISRO की विरासत के साथ, भारत अब एक विविध और वैश्विक स्पेसटेक इकोसिस्टम की ओर अग्रसर है।

Q1. Starlink को भारत में परिचालन के लिए किस प्रकार का लाइसेंस प्राप्त हुआ है?


Q2. Starlink के अलावा भारत में किन कंपनियों के पास पहले से GMPCS लाइसेंस मौजूद है?


Q3. Starlink को भारत में न्यूनतम कितने प्रतिशत ग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर को स्थानीयकरण (Localization) करना अनिवार्य है?


Q4. भारत में उपग्रह स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण और आवंटन में कौन-सी नियामक संस्था शामिल है?


Q5. भारत में Amazon का प्रोजेक्ट काइपर (Project Kuiper) वर्तमान में किस स्थिति में है?


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