जुलाई 23, 2025 4:24 पूर्वाह्न

भारत में गंगा डॉल्फिन की संख्या 6,327 हुई: देशव्यापी सर्वेक्षण में ऐतिहासिक खुलासा

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India Confirms 6,327 Ganges River Dolphins in Groundbreaking Nationwide Survey

दुर्लभ जलीय जीवों के संरक्षण में मील का पत्थर

एक व्यापक अध्ययन के अनुसार, भारत की नदियों में अब 6,327 गंगा डॉल्फिन पाई जा रही हैं। 2021 से शुरू हुए इस राष्ट्रीय स्तर के सर्वेक्षण में पहली बार डॉल्फिन की गिनती के लिए ध्वनिआधारित निगरानी (एकॉस्टिक हाइड्रोफोन) तकनीक का उपयोग किया गया, जिससे इस जलजीव संरक्षण प्रयास को वैश्विक महत्व प्राप्त हुआ।

ध्वनि के माध्यम से ‘मौन तैराकों’ का पता लगाना

हाइड्रोफोन नामक पानी के भीतर लगे सेंसर डॉल्फिन द्वारा की गई इकोलोकेशन क्लिक्स को रिकॉर्ड करते हैं। 8,500 किमी से अधिक नदी क्षेत्र को कवर करते हुए यह विधि दृश्य गिनती की तुलना में अधिक सटीक मानी गई। इससे दोहराव की संभावना कम हुई और डॉल्फिन की वास्तविक संख्या सामने आ सकी।

डॉल्फिन कहां पाई गईं?

कुल 6,327 में से 6,324 गंगा डॉल्फिन और केवल 3 सिंधु डॉल्फिन हैं। सबसे अधिक डॉल्फिन उत्तर प्रदेश, फिर बिहार, पश्चिम बंगाल और असम में पाई गईं। गंगा की मुख्यधारा में 3,275 डॉल्फिन, और यमुना, घाघरा, गंडक जैसी सहायक नदियों में 2,414 डॉल्फिन दर्ज की गईं। ब्रह्मपुत्र और ब्यास में भी उपस्थिति मिली।

गंगा डॉल्फिन: एक विशेष जल-जीव

Platanista gangetica नामक यह प्रजाति जन्म से अंधी होती है और केवल इकोलोकेशन पर निर्भर होती है। ये 30 से 120 सेकंड में एक बार सांस लेने के लिए सतह पर आती हैं और अक्सर अकेले या छोटे समूहों में तैरती हैं। इनकी प्रजनन दर बेहद धीमी होती है—2 से 3 वर्षों में केवल एक बछड़ा।

नदी स्वास्थ्य का संकेतक जीव

गंगा डॉल्फिन को 2009 में भारत का राष्ट्रीय जलस्थलीय प्राणी घोषित किया गया था। इनकी उपस्थिति स्वच्छ जल, कम प्रदूषण और सीमित मानव हस्तक्षेप का संकेत देती है। यदि इनकी संख्या घटे तो यह पर्यावरणीय संकट की चेतावनी है।

मानव-जनित खतरे

कानूनी संरक्षण के बावजूद, ये डॉल्फिन मछली पकड़ने के जाल में फंसने, शिकार, औद्योगिक प्रदूषण, तट निर्माण, रेत खनन और बांधों के कारण खतरे में हैं। इनके आवास खंडित हो रहे हैं, जिससे इनका अस्तित्व संकट में पड़ गया है।

भारत की संरक्षण पहल

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 2020 में प्रोजेक्ट डॉल्फिन की शुरुआत की गई। बिहार का विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन अभयारण्य इसका केंद्र बिंदु है। हर साल 5 अक्टूबर कोराष्ट्रीय गंगा डॉल्फिन दिवस मनाकर जन जागरूकता फैलाई जाती है।

आगे की राह: निगरानी, नीति और सहभागिता

अगली डॉल्फिन जनगणना 4 वर्षों के भीतर की जाएगी। विशेषज्ञ सतत निगरानी, डेटा संग्रह और जनभागीदारी पर जोर दे रहे हैं। नीतिगत बदलाव, नागरिक विज्ञान, और इकोटूरिज्म प्रयास इस जल-जीव को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

STATIC GK SNAPSHOT (प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु)

विषय विवरण
वैज्ञानिक नाम Platanista gangetica
कुल संख्या (2025) 6,327 (6,324 गंगा डॉल्फिन + 3 सिंधु डॉल्फिन)
प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम
सर्वे अवधि 2021–2025 (8,507 किमी)
तकनीक एकॉस्टिक हाइड्रोफोन
सांस लेने का अंतराल 30–120 सेकंड
राष्ट्रीय जल-प्राणी घोषित 2009
प्रोजेक्ट डॉल्फिन आरंभ 2020
प्रमुख संरक्षण क्षेत्र विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन अभयारण्य (बिहार)
जागरूकता दिवस 5 अक्टूबर – राष्ट्रीय गंगा डॉल्फिन दिवस

 

India Confirms 6,327 Ganges River Dolphins in Groundbreaking Nationwide Survey
  1. भारत ने 2025 की राष्ट्रीय जनगणना में 6,327 गंगा नदी डॉल्फिनों की पुष्टि की है।
  2. सर्वेक्षण में अंडरवाटर इकोलोकेशन क्लिक्स को सुनने के लिए हाइड्रोफोन ध्वनिक तकनीक का उपयोग किया गया।
  3. गंगा डॉल्फिन का वैज्ञानिक नाम Platanista gangetica है।
  4. सर्वेक्षण कुल 8,507 किमी नदी तंत्र को कवर करता है, जो कई राज्यों में फैला है।
  5. इनमें से 6,324 गंगा डॉल्फिन और 3 सिंधु डॉल्फिन दर्ज की गईं।
  6. गंगा डॉल्फिन की मुख्य आबादी उत्तर प्रदेश, उसके बाद बिहार, पश्चिम बंगाल और असम में पाई जाती है।
  7. गंगा नदी के मुख्यधारा में लगभग 3,275 डॉल्फिन पाई गईं।
  8. यमुना, घाघरा और गंडक जैसी सहायक नदियों में 2,414 डॉल्फिन दर्ज की गईं।
  9. यह डॉल्फिन प्रजाति दृष्टिहीन होती है और शिकार के लिए इकोलोकेशन का उपयोग करती है।
  10. गंगा डॉल्फिन हर 30–120 सेकंड में सांस लेने के लिए सतह पर आती है।
  11. इनकी प्रजनन दर धीमी होती है — ये हर 2–3 साल में एक बछड़े को जन्म देती हैं
  12. 2009 में इसे भारत काराष्ट्रीय जल जीव घोषित किया गया था।
  13. Project Dolphin, 2020 में शुरू हुआ था, जिसका उद्देश्य मीठे पानी की डॉल्फिनों का संरक्षण है।
  14. विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन अभयारण्य (बिहार) इस संरक्षण अभियान का मुख्य क्षेत्र है।
  15. 5 अक्टूबर कोराष्ट्रीय गंगा नदी डॉल्फिन दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  16. डॉल्फिन को नदी स्वास्थ्य का जैवसंकेतक (Bioindicator) माना जाता है, जो स्वच्छ जल और कम प्रदूषण का संकेत देती हैं।
  17. इनकी प्रमुख खतरों में मछली पकड़ने के उपकरण, शिकार, प्रदूषण और आवास का विनाश शामिल हैं।
  18. मानवजनित समस्याएं जैसे बालू खनन, नदी बांध बनाना और औद्योगिक अपशिष्ट, इनके अस्तित्व को खतरे में डालते हैं।
  19. भारत अगली डॉल्फिन जनगणना 4 वर्षों में करने की योजना बना रहा है, ताकि दीर्घकालिक निगरानी जारी रखी जा सके।
  20. यह सर्वेक्षण जैव विविधता संरक्षण और नीति नियोजन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

 

Q1. 2025 के राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण में गंगा डॉल्फ़िन की कुल कितनी संख्या दर्ज की गई है?


Q2. डॉल्फ़िन सर्वेक्षण के लिए कौन-सी तकनीक का उपयोग किया गया था?


Q3. गंगा डॉल्फ़िन का वैज्ञानिक नाम क्या है?


Q4. विक्रमशिला गंगा डॉल्फ़िन अभयारण्य किस भारतीय राज्य में स्थित है?


Q5. राष्ट्रीय गंगा डॉल्फ़िन दिवस कब मनाया जाता है?


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