जुलाई 17, 2025 8:08 अपराह्न

भारत में एक राष्ट्र, एक समय: IST को सभी क्षेत्रों में अनिवार्य बनाने की तैयारी

करेंट अफेयर्स: एक राष्ट्र एक समय, लीगल मेट्रोलॉजी आईएसटी नियम 2025, भारतीय मानक समय अनिवार्य, आईएसटी और साइबर सुरक्षा, सीएसआईआर-एनपीएल परमाणु घड़ियां, इसरो समय प्रोटोकॉल, डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत

India Moves to One Nation One Time

भारत अब एक समान समय प्रणाली अपनाएगा

सरकार ने भारतीय मानक समय (IST) को पूरे देश के लिए केवल वैध समय के रूप में अनिवार्य बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए विधिक मापन (IST) नियम 2025 को जल्द ही लागू किया जाएगा। इससे रेलवे नेटवर्क से लेकर डिजिटल बैंकिंग तक, सभी क्षेत्रों को एक समान समय प्रोटोकॉल के अंतर्गत लाया जाएगा।

डिजिटल संप्रभुता और सुरक्षा को मिलेगी मजबूती

यह बदलाव सिर्फ घड़ियों को मिलाने के लिए नहीं है, बल्कि इसका लक्ष्य है भारत की डिजिटल संप्रभुता को मजबूत करना। फिलहाल कई भारतीय प्रणालियाँ विदेशी समय स्रोतों (जैसे GPS) पर निर्भर हैं, जो साइबर हमलों और डेटा छेड़छाड़ के लिए संवेदनशील हो सकती हैं। अब स्वदेशी परमाणु घड़ियों और प्रोटोकॉल के माध्यम से IST को लागू कर देश में सुरक्षित और विश्वसनीय समय अवसंरचना विकसित की जाएगी।

इन विभागों की अगुवाई में हो रहा है बदलाव

इस योजना का संचालन उपभोक्ता मामलों का विभाग कर रहा है, जिसमें CSIR-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (NPL) और ISRO भी सहयोग कर रहे हैं। ये संस्थान सुनिश्चित करेंगे कि IST पूरे देश में सटीक और समन्वित रूप से कार्य करे। इसके लिए NTP (Network Time Protocol) और PTP (Precision Time Protocol) जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग होगा, जो मिलीसेकंड से माइक्रोसेकंड तक की सटीकता प्रदान करती हैं।

समय का संचालन कहाँ से होगा?

इसके लिए सरकार ने 5 क्षेत्रीय सन्दर्भ प्रयोगशालाएँ (RRSLs) स्थापित की हैं – अहमदाबाद, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, फरीदाबाद और गुवाहाटी में। इन सभी केंद्रों में परमाणु घड़ियाँ लगाई गई हैं जो विश्व की सबसे सटीक समय मापन प्रणाली मानी जाती हैं।

किन क्षेत्रों के लिए यह नियम अनिवार्य होगा?

नए IST नियमों को निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए अनिवार्य बनाया जाएगा:

  • दूरसंचार (Telecom)
  • बैंकिंग और वित्त
  • परिवहन एवं रेलवे
  • विद्युत ग्रिड और डिजिटल सेवाएँ

यदि कोई विशेष तकनीकी कारण हो, तो कुछ स्वीकृत वैकल्पिक समय स्रोतों का प्रयोग किया जा सकता है।

IST के अनिवार्य होने के लाभ

इस कदम से न केवल समय का मिलान होगा बल्कि कई क्षेत्रीय सुधार भी होंगे:

  • बिजली ग्रिड और ट्रेन संचालन अधिक कुशल बनेंगे
  • बैंकिंग लेनदेन अधिक पारदर्शी और प्रमाणिक होंगे
  • डिजिटल सबूतों की जांच में तेजी और सटीकता आएगी
  • डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी राष्ट्रीय पहलों को समर्थन मिलेगा

सभी क्षेत्रों से व्यापक समर्थन

इस परिवर्तन पर चर्चा के लिए 100 से अधिक भागीदार सम्मिलित हुए थे। सचिव निधि खरे ने बताया कि समस्त तकनीकी ढांचा तैयार है और इसे शीघ्र लागू करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। यह कदम भारत को समय तकनीक में आत्मनिर्भर और साइबर हमलों से सुरक्षित बनाने की दिशा में निर्णायक है।

Static GK Snapshot (हिंदी में)

विषय विवरण
समाचार में क्यों विधिक मापन (भारतीय मानक समय) नियम, 2025
घोषणा करने वाले प्रह्लाद जोशी, उपभोक्ता मामलों के मंत्री
उद्देश्य IST को भारत का एकमात्र वैध समय संदर्भ बनाना
संबंधित एजेंसियाँ उपभोक्ता विभाग, CSIR-NPL, ISRO
समय समन्वय तकनीक NTP और PTP के साथ परमाणु घड़ियाँ
क्षेत्रीय प्रयोगशालाएँ अहमदाबाद, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, फरीदाबाद, गुवाहाटी
सटीकता स्तर मिलीसेकंड से माइक्रोसेकंड
समर्थन करता है डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत
रणनीतिक लाभ साइबर खतरे में कमी, डिजिटल लेन-देन में पारदर्शिता
प्रभावित क्षेत्र टेलीकॉम, रेलवे, बैंकिंग, यूटिलिटीज, ट्रांसपोर्ट

 

India Moves to One Nation One Time
  1. लीगल मेट्रोलॉजी (भारतीय मानक समय) नियम, 2025 भारत में IST को एकमात्र कानूनी समय संदर्भ बनाता है।
  2. इस कदम का उद्देश्य परिवहन से लेकर डिजिटल बैंकिंग तक सभी क्षेत्रों में समय को मानकीकृत करना है।
  3. भारत GPS जैसे विदेशी समय स्रोतों को प्रतिस्थापित करके डिजिटल संप्रभुता को बढ़ावा देना चाहता है।
  4. CSIR-NPL और ISRO सटीक IST की डिलीवरी का समन्वय करेंगे।
  5. परमाणु घड़ियाँ समय की गणना में मिलीसेकंड से लेकर माइक्रोसेकंड तक की सटीकता सुनिश्चित करेंगी।
  6. पाँच क्षेत्रीय संदर्भ मानक प्रयोगशालाएँ (RRSL) IST डेटा का प्रबंधन करेंगी।
  7. RRSL अहमदाबाद, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, फरीदाबाद और गुवाहाटी में स्थित हैं।
  8. नेटवर्क टाइम प्रोटोकॉल (NTP) और प्रेसिजन टाइम प्रोटोकॉल (PTP) का उपयोग सिंक्रोनाइज़ेशन के लिए किया जाएगा।
  9. बैंकिंग, दूरसंचार, बिजली और परिवहन सहित सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों को IST का पालन करना होगा।
  10. विशेष मामलों में केवल अधिकृत समय विकल्पों की अनुमति दी जाएगी।
  11. एक समान IST प्रणाली से पावर ग्रिड समन्वय में सुधार होगा।
  12. डिजिटल लेनदेन टाइमस्टैम्प अधिक विश्वसनीय और सुरक्षित हो जाएंगे।
  13. सुसंगत समय लॉग के साथ तेज़ और अधिक सटीक डिजिटल जांच सक्षम होगी।
  14. यह कदम डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल का समर्थन करता है।
  15. टाइम स्पूफिंग से साइबर सुरक्षा जोखिम कम हो जाएगा।
  16. नियमों को अंतिम रूप देने से पहले 100 से अधिक हितधारकों से परामर्श किया गया।
  17. सचिव निधि खरे ने पुष्टि की कि IST रोलआउट के लिए बुनियादी ढांचा तैयार है।
  18. एकीकृत समय डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करेगा।
  19. रेलवे संचालन और शेड्यूलिंग को सिंक्रोनाइज़्ड टाइमिंग से लाभ होगा।
  20. वन नेशन वन टाइम की ओर भारत का कदम आत्मनिर्भर डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत करता है।

Q1. विधिक मापनशास्त्र (भारतीय मानक समय) नियम, 2025 का मुख्य उद्देश्य क्या है?


Q2. नए नियमों के तहत IST के क्रियान्वयन और अनुरक्षण के लिए मुख्य रूप से कौन से संगठन उत्तरदायी हैं?


Q3. डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर IST का सटीक समन्वय सुनिश्चित करने के लिए किन तकनीकों का उपयोग किया जाएगा?


Q4. समय समन्वय के लिए पाँच क्षेत्रीय संदर्भ मानक प्रयोगशालाएँ (RRSLs) कहाँ स्थित हैं?


Q5. इस एकीकृत समय व्यवस्था से कौन-से राष्ट्रीय मिशनों को सीधे लाभ होगा?


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