भारत अब एक समान समय प्रणाली अपनाएगा
सरकार ने भारतीय मानक समय (IST) को पूरे देश के लिए केवल वैध समय के रूप में अनिवार्य बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए विधिक मापन (IST) नियम 2025 को जल्द ही लागू किया जाएगा। इससे रेलवे नेटवर्क से लेकर डिजिटल बैंकिंग तक, सभी क्षेत्रों को एक समान समय प्रोटोकॉल के अंतर्गत लाया जाएगा।
डिजिटल संप्रभुता और सुरक्षा को मिलेगी मजबूती
यह बदलाव सिर्फ घड़ियों को मिलाने के लिए नहीं है, बल्कि इसका लक्ष्य है भारत की डिजिटल संप्रभुता को मजबूत करना। फिलहाल कई भारतीय प्रणालियाँ विदेशी समय स्रोतों (जैसे GPS) पर निर्भर हैं, जो साइबर हमलों और डेटा छेड़छाड़ के लिए संवेदनशील हो सकती हैं। अब स्वदेशी परमाणु घड़ियों और प्रोटोकॉल के माध्यम से IST को लागू कर देश में सुरक्षित और विश्वसनीय समय अवसंरचना विकसित की जाएगी।
इन विभागों की अगुवाई में हो रहा है बदलाव
इस योजना का संचालन उपभोक्ता मामलों का विभाग कर रहा है, जिसमें CSIR-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (NPL) और ISRO भी सहयोग कर रहे हैं। ये संस्थान सुनिश्चित करेंगे कि IST पूरे देश में सटीक और समन्वित रूप से कार्य करे। इसके लिए NTP (Network Time Protocol) और PTP (Precision Time Protocol) जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग होगा, जो मिलीसेकंड से माइक्रोसेकंड तक की सटीकता प्रदान करती हैं।
समय का संचालन कहाँ से होगा?
इसके लिए सरकार ने 5 क्षेत्रीय सन्दर्भ प्रयोगशालाएँ (RRSLs) स्थापित की हैं – अहमदाबाद, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, फरीदाबाद और गुवाहाटी में। इन सभी केंद्रों में परमाणु घड़ियाँ लगाई गई हैं जो विश्व की सबसे सटीक समय मापन प्रणाली मानी जाती हैं।
किन क्षेत्रों के लिए यह नियम अनिवार्य होगा?
नए IST नियमों को निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए अनिवार्य बनाया जाएगा:
- दूरसंचार (Telecom)
- बैंकिंग और वित्त
- परिवहन एवं रेलवे
- विद्युत ग्रिड और डिजिटल सेवाएँ
यदि कोई विशेष तकनीकी कारण हो, तो कुछ स्वीकृत वैकल्पिक समय स्रोतों का प्रयोग किया जा सकता है।
IST के अनिवार्य होने के लाभ
इस कदम से न केवल समय का मिलान होगा बल्कि कई क्षेत्रीय सुधार भी होंगे:
- बिजली ग्रिड और ट्रेन संचालन अधिक कुशल बनेंगे
- बैंकिंग लेनदेन अधिक पारदर्शी और प्रमाणिक होंगे
- डिजिटल सबूतों की जांच में तेजी और सटीकता आएगी
- डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी राष्ट्रीय पहलों को समर्थन मिलेगा
सभी क्षेत्रों से व्यापक समर्थन
इस परिवर्तन पर चर्चा के लिए 100 से अधिक भागीदार सम्मिलित हुए थे। सचिव निधि खरे ने बताया कि समस्त तकनीकी ढांचा तैयार है और इसे शीघ्र लागू करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। यह कदम भारत को समय तकनीक में आत्मनिर्भर और साइबर हमलों से सुरक्षित बनाने की दिशा में निर्णायक है।
Static GK Snapshot (हिंदी में)
विषय | विवरण |
समाचार में क्यों | विधिक मापन (भारतीय मानक समय) नियम, 2025 |
घोषणा करने वाले | प्रह्लाद जोशी, उपभोक्ता मामलों के मंत्री |
उद्देश्य | IST को भारत का एकमात्र वैध समय संदर्भ बनाना |
संबंधित एजेंसियाँ | उपभोक्ता विभाग, CSIR-NPL, ISRO |
समय समन्वय तकनीक | NTP और PTP के साथ परमाणु घड़ियाँ |
क्षेत्रीय प्रयोगशालाएँ | अहमदाबाद, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, फरीदाबाद, गुवाहाटी |
सटीकता स्तर | मिलीसेकंड से माइक्रोसेकंड |
समर्थन करता है | डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत |
रणनीतिक लाभ | साइबर खतरे में कमी, डिजिटल लेन-देन में पारदर्शिता |
प्रभावित क्षेत्र | टेलीकॉम, रेलवे, बैंकिंग, यूटिलिटीज, ट्रांसपोर्ट |