एआई आधारित बैंकिंग का दौर
भारतीय बैंकिंग क्षेत्र तेजी से Artificial Intelligence (AI) की ओर अग्रसर हो रहा है। पहले जहाँ बैंकिंग कार्यों में मैन्युअल दस्तावेज़ीकरण और लंबी प्रक्रियाएँ शामिल थीं, वहीं अब एआई–आधारित सिस्टम तेज़, किफायती और ग्राहक-केंद्रित सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं। SBI, ICICI और HDFC जैसे अग्रणी बैंक रियल–टाइम डेटा प्रोसेसिंग से निर्णय लेने की क्षमता बढ़ा रहे हैं।
ग्राहकों के लिए स्मार्ट सेवा अनुभव
अब ग्राहक पंक्तियों में खड़े हुए बिना सेवाओं का लाभ ले सकते हैं। खाता अपग्रेड से लेकर अनुरोध तक, सभी कार्य एआई संचालित CLM (Customer Lifecycle Management) द्वारा स्वचालित हो रहे हैं। ये सिस्टम ग्राहकों की जरूरतों को पहले ही भांप लेते हैं और कागजी कार्यवाही के बिना सेवाएँ प्रदान करते हैं।
चैटबॉट से आगे बढ़ता एआई
अब बैंकिंग में एआई केवल चैटबॉट तक सीमित नहीं है। यह अब दस्तावेज़ सत्यापन, केवाईसी, ऋण दस्तावेज़ स्कैनिंग, और ग्राहक संतुष्टि विश्लेषण जैसे बैकएंड कार्यों में भी मुख्य भूमिका निभा रहा है। इससे ग्राहक का व्यवहार समझकर उन्हें बेहतर ऑफर सुझाए जा सकते हैं।
Static GK: भारत का पहला बैंकिंग एआई चैटबॉट EVA था, जिसे HDFC बैंक ने 2017 में लॉन्च किया था।
एआई आधारित ऋण मूल्यांकन
एआई अब पारंपरिक CIBIL स्कोर से आगे बढ़कर डिजिटल लेन–देन, नकदी प्रवाह, सोशल मीडिया व्यवहार, और रियल–टाइम आय संकेतों के आधार पर ऋण स्वीकृति में मदद करता है। इससे स्वरोजगार वाले और एमएसएमई वर्ग को भी अधिक आसानी से ऋण मिल रहा है।
Static GK: CIBIL (क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड) की स्थापना 2000 में हुई थी।
साइबर सुरक्षा और धोखाधड़ी नियंत्रण
एआई आधारित सुरक्षा प्रणाली मिलीसेकंड में खतरों की पहचान कर सकती है। ये सिस्टम फिशिंग अटैक, फर्जी खातों की पहचान, और क्रेडेंशियल दुरुपयोग को रोकने में सहायक हैं, जिससे लेन-देन और अधिक सुरक्षित बनते हैं।
वित्तीय योजना में रोबो-सलाहकार
AI-powered Robo Advisors अब स्वचालित निवेश, पोर्टफोलियो प्रबंधन और स्मार्ट बजट ट्रैकिंग जैसे कार्य कर रहे हैं। ये व्यक्ति की आय, खर्च और जोखिम प्रोफ़ाइल के आधार पर व्यक्तिगत वित्तीय सलाह प्रदान करते हैं।
आरबीआई और बैंकों की एआई पहल
आरबीआई का रेगुलेटरी सैंडबॉक्स, भारतीय बैंकों और फिनटेक कंपनियों को AI प्रयोगों और नवाचारों के लिए मंच देता है। PhonePe, Paytm, Axis Bank जैसे संस्थान वॉइस बैंकिंग, भाषाई चैटबॉट, और AI-आधारित ग्राहक सेवा प्रणाली में निवेश कर रहे हैं।
एआई के जोखिम और चुनौतियाँ
हालाँकि एआई से बैंकिंग में क्रांति आ रही है, फिर भी इसमें डेटा गोपनीयता, एल्गोरिदम पक्षपात, विरासत प्रणाली एकीकरण, और नियमों की अद्यतन आवश्यकता जैसी समस्याएँ बनी हुई हैं। बैंकों को एथिकल और पारदर्शी एआई अपनाने की दिशा में कार्य करना होगा।
Static Usthadian Current Affairs Table (Hindi)
तथ्य | विवरण |
पहला बैंकिंग एआई चैटबॉट | EVA, HDFC बैंक द्वारा 2017 में लॉन्च |
प्रमुख एआई निवेशक बैंक | SBI, ICICI, HDFC, Axis Bank, Paytm |
क्रेडिट में एआई उपयोग | व्यवहार आधारित ऋण मूल्यांकन |
धोखाधड़ी पहचान में एआई | रियल-टाइम पैटर्न पहचान |
रोबो सलाहकार | स्वचालित निवेश एवं बजट ट्रैकिंग |
आरबीआई सैंडबॉक्स | AI इनोवेशन के लिए समर्थन प्रणाली |
भाषाई बैंकिंग | भारतीय भाषाओं में एआई चैटबॉट |
एआई जोखिम | एल्गोरिदम पक्षपात और गोपनीयता संकट |
एमएसएमई लाभ | नकदी प्रवाह विश्लेषण से आसान ऋण |
भारत की पहली क्रेडिट एजेंसी | CIBIL, 2000 में स्थापित |