अंग्युलेट्स और वन संतुलन
अंग्युलेट्स (Ungulates)—जैसे कि हिरण, सूअर, मृग, और गौर—सिर्फ शिकारी जानवरों का भोजन नहीं हैं। ये वन पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये खुर वाले स्तनधारी बीज फैलाते हैं, वनस्पति का संतुलन बनाए रखते हैं, और अपने चलने तथा मल-मूत्र से मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं। यदि इनकी संख्या घटती है, तो इसका असर पूरे खाद्य श्रृंखला पर पड़ता है।
बाघों की आबादी का स्वास्थ्य सीधे इन जानवरों की संख्या पर निर्भर करता है।
बाघों के लिए भोजन संकट
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा 2022 की ऑल-इंडिया टाइगर एस्टीमेशन रिपोर्ट के आधार पर विश्लेषण किया गया। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के विभिन्न हिस्सों में शिकार जानवरों की संख्या असमान है।
चीतल, सांभर, और गौर जैसे अंग्युलेट बाघों के लिए प्रमुख भोजन हैं। हालांकि कुछ क्षेत्रों में इनकी संख्या ठीक है, परंतु ओडिशा, झारखंड, और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भारी कमी देखी गई।
अंग्युलेट्स क्यों गायब हो रहे हैं?
इस गिरावट के कई कारण हैं—वनों की कटाई, सड़क और उद्योग निर्माण, आदिवासी क्षेत्रों में शिकार, और वामपंथी उग्रवाद, जो संरक्षण कार्यों में बाधा उत्पन्न करता है। इससे इन जानवरों के आवास क्षेत्र घटते जा रहे हैं।
संकटग्रस्त प्रजातियाँ
हालांकि चीतल अब भी सबसे सामान्य प्रजाति है और बदलते पर्यावरण में अच्छी तरह ढल जाता है। सांभर की स्थिति मध्य भारत और पश्चिमी घाट में बेहतर है। लेकिन हॉग डियर और बारहसिंगा बहुत संकट में हैं। उनके आवास बुरी तरह सिकुड़ गए हैं और वे अब केवल छोटे क्षेत्रों में सीमित रह गए हैं।
क्या आप जानते हैं? बारहसिंगा, जिसे स्वैम्प डियर भी कहा जाता है, मध्य प्रदेश का राज्य पशु है और एक समय विलुप्ति के कगार पर था। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में किए गए संरक्षण प्रयासों ने इसे बचाया।
बाघों पर इसका असर
जब अंग्युलेट्स की संख्या कम हो जाती है, तो बाघों को जंगल में पर्याप्त भोजन नहीं मिलता। वे अक्सर जंगलों से निकलकर गांवों में घुसते हैं और मवेशियों का शिकार करते हैं। इससे मानव–वन्यजीव संघर्ष बढ़ता है, और कई बार गांव वाले बाघों को मार देते हैं।
अब क्या किया जा सकता है?
रिपोर्ट के अनुसार, अंग्युलेट प्रजातियों को बढ़ाने के लिए प्रजनन कार्यक्रम शुरू करने चाहिए, खासकर संरक्षित क्षेत्रों में। आवास की गुणवत्ता सुधारना और वन्यजीव गलियारों को सुरक्षित रखना भी आवश्यक है। साथ ही, गांवों के आसपास बाड़बंदी और जनजागरूकता से संघर्ष को कम किया जा सकता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
सबसे सामान्य अंग्युलेट | चीतल (Axis axis) |
मुख्य बाघ शिकार प्रजातियाँ | सांभर, चीतल, गौर |
रिपोर्ट द्वारा तैयार | राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एवं भारतीय वन्यजीव संस्थान |
डेटा स्रोत | ऑल-इंडिया टाइगर एस्टीमेशन 2022 |
संकटग्रस्त प्रजातियाँ | हॉग डियर, बारहसिंगा |
सांभर की स्थिति बेहतर | मध्य प्रदेश, पश्चिमी घाट |
मध्य प्रदेश का राज्य पशु | बारहसिंगा (स्वैम्प डियर) |
अंग्युलेट गिरावट के कारण | आवास हानि, शिकार, उग्रवाद |
संघर्ष का कारण | बाघों का जंगल से बाहर निकलना |
सुझाए गए समाधान | प्रजनन कार्यक्रम, आवास सुधार, संघर्ष नियंत्रण |