भारत को चुना गया बड़ी बिल्लियों के वैश्विक संरक्षण का केंद्र
भारत को इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (IBCA) के मुख्यालय की मेज़बानी के लिए आधिकारिक रूप से चुना गया है, जो वैश्विक वन्यजीव कूटनीति में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह संगठन 2024 की शुरुआत में एक अंतरराष्ट्रीय संस्था के रूप में गठित हुआ था और भारत द्वारा हस्ताक्षरित समझौता इसके नेतृत्व और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसमें वीज़ा सुविधा, स्टाफ विशेषाधिकार जैसी व्यवस्थाएँ शामिल हैं।
प्रोजेक्ट टाइगर से वैश्विक संरक्षण मंच तक
IBCA का विचार 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत किया गया था और इसे अप्रैल 2023 में प्रोजेक्ट टाइगर की 50वीं वर्षगांठ पर औपचारिक रूप से शुरू किया गया। सितंबर 2023 तक, भारत, लाइबेरिया, एस्वातिनी, सोमालिया और निकारागुआ द्वारा इसकी वैधानिक मान्यता दी गई। भारत की टाइगर संरक्षण सफलता और चीता पुनःस्थापन कार्यक्रम इसे इस अंतरराष्ट्रीय पहल का स्वाभाविक नेतृत्वकर्ता बनाते हैं।
IBCA का मिशन और संरक्षण प्राथमिकताएँ
IBCA का उद्देश्य दुनिया की सात बड़ी बिल्ली प्रजातियों—बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, प्यूमा और जगुआर—का संरक्षण करना है। इनमें से पाँच प्रजातियाँ भारत में पाई जाती हैं, जिससे भारत इस वैश्विक प्रयास का केंद्र बनता है। यह गठबंधन अवैध वन्यजीव व्यापार, आवास पुनर्स्थापन, जलवायु अनुकूलन और स्थानीय समुदायों की भागीदारी को प्राथमिकता देता है, जिससे आजीविका और जैव विविधता का संतुलन कायम हो।
शासन प्रणाली और भारत की भूमिका
इंटरनेशनल सोलर एलायंस की तर्ज पर, IBCA का संचालन सदस्य सभा, स्थायी समिति और भारत स्थित सचिवालय के माध्यम से किया जाएगा। नेतृत्व पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा नियुक्त महानिदेशक के पास रहेगा। भारत ने 2023 से 2029 तक ₹150 करोड़ का बजट आवंटित किया है, जिसमें बुनियादी ढांचा, स्टाफ और संरक्षण कार्यक्रम शामिल हैं—जो इसकी वैश्विक नेतृत्व स्थिति को मजबूत बनाते हैं।
वैश्विक महत्व क्यों रखता है यह कदम
बड़ी बिल्लियाँ पारिस्थितिकी तंत्र की कुंजी प्रजातियाँ हैं, जो पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इनकी उपस्थिति स्वस्थ पारिस्थितिक तंत्र का संकेत होती है, परंतु शिकार, आवास हानि और जलवायु परिवर्तन के कारण इनकी संख्या खतरे में है। दुनिया में सबसे अधिक बाघों की जनसंख्या वाले देश के रूप में भारत के पास अद्वितीय संरक्षण अनुभव है, जिससे यह इस वैश्विक वन्यजीव संरक्षण आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त है।
STATIC GK SNAPSHOT
विषय | विवरण |
संगठन का नाम | इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (IBCA) |
प्रस्ताव वर्ष | 2019 (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा) |
आधिकारिक लॉन्च | अप्रैल 2023 (प्रोजेक्ट टाइगर की 50वीं वर्षगांठ पर) |
वैधानिक दर्जा | सितंबर 2023 |
मुख्यालय | भारत (2025 में समझौता संपन्न) |
भारत में पाई जाने वाली प्रजातियाँ | बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता |
बजट प्रतिबद्धता | ₹150 करोड़ (2023–2029) |
संचालन ढांचा | सदस्य सभा, स्थायी समिति, सचिवालय, MoEFCC |
सदस्य देश | भारत, निकारागुआ, सोमालिया, एस्वातिनी, लाइबेरिया |