बढ़ते तनाव के बीच एक जरूरी विराम
लगातार कई दिनों की गोलाबारी और ड्रोन हमलों के बाद, भारत और पाकिस्तान ने 10 मई 2025 को शाम 5:00 बजे से प्रभावी पूर्ण संघर्षविराम की घोषणा की है। यह समझौता संयुक्त राज्य अमेरिका की मध्यस्थता से हुआ है और लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर जारी हिंसा को रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
अमेरिका की भूमिका: मध्यस्थता की वापसी
इस संघर्षविराम को खास बनाता है अमेरिका की सीधी भूमिका, जिसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने व्यक्तिगत रूप से Truth Social पर इसका ऐलान किया। विदेश मंत्री मार्को रूबियो और उप राष्ट्रपति जे.डी. वांस ने पर्दे के पीछे से वार्ता को आगे बढ़ाया। यह घटना दर्शाती है कि अमेरिका आज भी दक्षिण एशियाई शांति प्रयासों में प्रभावी भूमिका निभा रहा है।
आधिकारिक पुष्टि और समझौते की शर्तें
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पाकिस्तानी DGMO ने 10 मई को दोपहर 3:35 बजे भारतीय DGMO को फोन करके अंतिम सहमति दी। वहीं, पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने भी इस घोषणा को दोहराते हुए शांति की आवश्यकता पर बल दिया। समझौते में थल, वायु और समुद्री गतिविधियों को पूर्णतः रोकने पर सहमति बनी है।
नाजुक लेकिन आशावान शुरुआत
भारत और पाकिस्तान के बीच यह पहला संघर्षविराम नहीं है—फरवरी 2021 में भी एक ऐसा समझौता हुआ था, लेकिन वह 2023–24 के दौरान टूट गया। मगर 2025 की यह सहमति अत्यधिक हिंसा के बाद आई है, जिससे इसकी प्रभावशीलता और आवश्यकता दोनों अधिक हो जाती हैं। 12 मई को प्रस्तावित DGMO बैठक इस दिशा में अगला कदम हो सकती है।
STATIC GK SNAPSHOT
विषय | विवरण |
संघर्षविराम की तिथि | 10 मई 2025 |
मध्यस्थता द्वारा संचालित | संयुक्त राज्य अमेरिका (डोनाल्ड ट्रम्प, मार्को रूबियो, जे.डी. वांस) |
भारतीय पुष्टि | विदेश सचिव विक्रम मिस्री |
पाकिस्तानी पुष्टि | विदेश मंत्री इशाक डार |
अंतिम DGMO संपर्क | 10 मई 2025, दोपहर 3:35 बजे (पाक DGMO द्वारा भारतीय DGMO को कॉल) |
भारत-पाक सीमा की लंबाई | 3,323 किमी (LoC – 742 किमी) |
पिछला संघर्षविराम | फरवरी 2021 (2023–24 में टूटा) |
रणनीतिक महत्त्व | भारत-पाक तनाव में कमी और शांति प्रक्रिया को पुनः आरंभ करने की संभावना |
अगली DGMO बैठक | 12 मई 2025 (स्थल घोषित नहीं) |