जुलाई 17, 2025 5:52 पूर्वाह्न

भारत ने वैश्विक भाषा समर्थन के लिए Unicode Consortium में दोबारा सदस्यता ली

समसामयिक विषय: यूनिकोड कंसोर्टियम, MeitY, भारतीय भाषाएँ, डिजिटल लिपियाँ, यूनिकोड मानक, तमिल वर्चुअल अकादमी, TDIL कार्यक्रम, वैश्विक प्रतिनिधित्व, इमोजी, तकनीकी समिति

India Rejoins Unicode Consortium for Global Language Support

भाषाई तकनीक में भारत की नई प्रतिबद्धता

भारत ने यूनिकोड कंसोर्टियम मेंसपोर्टिंग मेंबरके रूप में पुनः सदस्यता ली है, जो इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के माध्यम से की गई है। यह कदम डिजिटल टेक्स्ट मानकीकरण और बहुभाषीय कंप्यूटिंग के वैश्विक विमर्श में भारत की भागीदारी को और मज़बूत करता है।

यूनिकोड कंसोर्टियम क्या करता है?

यूनिकोड कंसोर्टियम एक गैर-लाभकारी संस्था है जो यूनिकोड मानक को तैयार और बनाए रखती है। यह मानक दुनिया की सभी लिपियों के अक्षरों को दर्शाने की सुविधा देता है, जिससे सभी डिवाइसों और प्लेटफॉर्म्स पर एकरूपता से टेक्स्ट दिखाना संभव होता है।

Static GK तथ्य: यूनिकोड मानक की पहली रिलीज़ 1991 में हुई थी, और अब यह 150 से अधिक आधुनिक और ऐतिहासिक लिपियों को कवर करता है।

भारत की प्रारंभिक भागीदारी

भारत की यूनिकोड से भागीदारी 2000 में शुरू हुई थी, जब TDIL (Technology Development for Indian Languages) कार्यक्रम के तहत इसे डिजिटल दुनिया से जोड़ा गया। इसका उद्देश्य भारतीय भाषाओं को डिजिटल रूप से सक्षम बनाना था।

Static GK टिप: TDIL कार्यक्रम, MeitY की एक पुरानी पहल है जो देवनागरी, तमिल, तेलुगु, बांग्ला जैसी भाषाओं के लिए कंप्यूटिंग टूल्स के विकास को बढ़ावा देती है।

नई सदस्यता की मुख्य बातें

Supporting Member के रूप में, भारत हर साल $20,000 (लगभग ₹17 लाख) का सदस्यता शुल्क देता है। इसके तहत MeitY को Unicode Technical Committee में आधा वोट मिलता है, जो नए अक्षरों और इमोजी मानकों पर निर्णय लेती है।

Static GK तथ्य: यूनिकोड तकनीकी समिति वह प्रमुख निकाय है जो नए लिपि संकेतों, इमोजी और भाषा सुधार प्रस्तावों को मंजूरी देती है।

भागीदारी की चुनौतियाँ

भारत की भागीदारी फिर से सक्रिय इसलिए की गई है क्योंकि पहले की निष्क्रियता की आलोचना हुई थी। उदाहरण के लिए, तमिल वर्चुअल अकादमी, जो 2003 से सदस्य है, 2016 से सक्रिय नहीं रही है, जिससे भारत की यूनिकोड में प्रभावशीलता कम हुई।

भारत के लिए रणनीतिक महत्त्व

भारत अब उन दो सरकारों में से एक है जिनके पास यूनिकोड में वोटिंग अधिकार हैं। यह भारत को स्वदेशी भाषाओं, लिपियों, इमोजी और तकनीकी सुधारों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शामिल कराने का अवसर देता है। इससे क्षेत्रीय भाषाओं की डिजिटल उपस्थिति को मज़बूती मिलेगी।

आगे की दिशा

इस पहल से राज्य सरकारें और शैक्षणिक संस्थान भी यूनिकोड कार्यों में भाग लेने के लिए प्रेरित हो सकते हैं। यह भारत की डिजिटल माध्यमों से भाषाई विविधता के संरक्षण के लक्ष्य के अनुरूप है।

Static GK टिप: भारत में 22 आधिकारिक भाषाएं और 120 से अधिक प्रमुख भाषाएं हैं, इसलिए डिजिटल प्रतिनिधित्व सुलभता और समावेशन के लिए बेहद जरूरी है।

Static Usthadian Current Affairs Table (Hindi)

विषय विवरण
दोबारा सदस्यता ली गई संस्था यूनिकोड कंसोर्टियम
सदस्यता स्थिति Supporting Member
निगरानी संस्था इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY)
वार्षिक शुल्क $20,000 (लगभग ₹17 लाख)
वोटिंग अधिकार तकनीकी समिति में आधा वोट
प्रारंभिक भागीदारी वर्ष 2000
प्रमुख कार्यक्रम भारतीय भाषाओं के लिए TDIL
चिंता का विषय तमिल वर्चुअल अकादमी (2016 से निष्क्रिय)
महत्त्व भारतीय लिपियों को वैश्विक मानकों में स्थान दिलाना
वैश्विक भूमिका वोटिंग अधिकार रखने वाली दो सरकारों में एक
India Rejoins Unicode Consortium for Global Language Support
  1. भारत MeitY के माध्यम से सहायक सदस्य के रूप में यूनिकोड कंसोर्टियम में फिर से शामिल हो गया है।
  2. यह कदम वैश्विक डिजिटल टेक्स्ट मानकीकरण में भारत की भूमिका को मजबूत करता है।
  3. यूनिकोड कंसोर्टियम सुसंगत टेक्स्ट एन्कोडिंग के लिए यूनिकोड मानक को बनाए रखता है।
  4. 1991 में लॉन्च किए गए यूनिकोड मानक में 150 से अधिक वैश्विक स्क्रिप्ट शामिल हैं।
  5. भारत पहली बार TDIL कार्यक्रम के तहत 2000 में यूनिकोड में शामिल हुआ था।
  6. TDIL (भारतीय भाषाओं के लिए प्रौद्योगिकी विकास) भारतीय भाषा कंप्यूटिंग को बढ़ावा देता है।
  7. सदस्यता के लिए वार्षिक शुल्क $20,000 (~₹17 लाख) है।
  8. भारत के पास अब यूनिकोड तकनीकी समिति में आधा वोट है।
  9. तकनीकी समिति इमोजी, वर्ण और स्क्रिप्ट समावेशन पर निर्णय लेती है।
  10. भारत वैश्विक स्तर पर केवल दो सरकारों में से एक है जिसके पास यूनिकोड मतदान अधिकार हैं।
  11. यह कदम भारत को क्षेत्रीय लिपि समावेशन और इमोजी अपडेट की वकालत करने में सक्षम बनाता है।
  12. यूनिकोड की तकनीकी चर्चाओं में MeitY भारत का प्रतिनिधित्व करता है।
  13. तमिल वर्चुअल अकादमी, जो 2003 से यूनिकोड सदस्य है, 2016 से निष्क्रिय है।
  14. भारत की नवीनीकृत सदस्यता गैर-भागीदारी पर पिछली आलोचना को संबोधित करती है।
  15. इससे भारत की 22 आधिकारिक भाषाओं के लिए डिजिटल पहुँच को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
  16. भारत में 120 से अधिक प्रमुख भाषाएँ हैं, जिससे संचार के लिए यूनिकोड का समावेश महत्वपूर्ण हो जाता है।
  17. यूनिकोड भागीदारी ऑनलाइन भाषाई विविधता और समावेशिता को बढ़ावा देती है।
  18. यह निर्णय राज्य निकायों और शैक्षणिक संस्थानों को यूनिकोड से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।
  19. यह भारत के व्यापक डिजिटल इंडिया और भाषा संरक्षण लक्ष्यों के साथ संरेखित है।
  20. सक्रिय सदस्यता लिपि और इमोजी मानकों पर भारत के वैश्विक डिजिटल प्रभाव को बेहतर बनाती है।

Q1. भारत ने Unicode Consortium में Supporting Member के रूप में किस मंत्रालय के माध्यम से पुनः प्रवेश किया है?


Q2. Unicode Consortium का मुख्य कार्य क्या है?


Q3. Unicode का Supporting Member बनने के लिए भारत द्वारा प्रतिवर्ष कितना शुल्क अदा किया जाता है?


Q4. भारत ने सबसे पहले 2000 में Unicode Consortium में किस कार्यक्रम के तहत भाग लिया था?


Q5. Unicode तकनीकी समिति में भारत का मतदान अधिकार क्यों महत्वपूर्ण माना जाता है?


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