चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीज़ा बहाल
लगभग पांच वर्षों के अंतराल के बाद, भारत ने एक महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव करते हुए चीनी नागरिकों को पर्यटक वीज़ा देना फिर से शुरू कर दिया है। यह घोषणा 24 जुलाई 2025 को की गई। वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी और गलवान संघर्ष के बाद वीज़ा सेवा स्थगित कर दी गई थी। अब बीजिंग, शंघाई और ग्वांगझू स्थित भारतीय वीज़ा केंद्रों पर चीनी नागरिक ऑनलाइन आवेदन करके प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
पर्यटन के माध्यम से सांस्कृतिक कूटनीति का पुनर्निर्माण
यह निर्णय 30 जून 2025 को फिर से शुरू हुई कैलाश मानसरोवर यात्रा के समय के साथ जुड़ा है, जो हिन्दू और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र तीर्थयात्रा है। इससे यह कदम केवल प्रशासनिक नीतिगत नहीं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक संकेतों से भी युक्त है।
Static GK fact: कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील, तिब्बत में स्थित हैं और हिंदू, बौद्ध, जैन और बोन अनुयायियों के लिए पवित्र माने जाते हैं।
पूर्व-कोविड जन-संपर्क को बहाल करना
कोविड से पहले भारत और चीन के बीच पर्यटन और शैक्षणिक आदान–प्रदान नियमित थे। चीनी पर्यटक अक्सर बोधगया, सारनाथ, नालंदा जैसे बौद्ध स्थलों का भ्रमण करते थे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलता था। अब पर्यटक वीज़ा बहाली के माध्यम से भारत फिर से ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को जोड़ने की कोशिश कर रहा है।
Static GK Tip: नालंदा विश्वविद्यालय, बिहार में स्थित है और यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है।
आर्थिक लाभ और वैश्विक छवि निर्माण
चीन दुनिया का सबसे बड़ा पर्यटक प्रदाता है, और उसके पर्यटक उच्च खर्च वाले माने जाते हैं। भारत अब खुद को एक सुरक्षित और खुला पर्यटन स्थल के रूप में प्रस्तुत कर रहा है ताकि आतिथ्य, परिवहन और खुदरा जैसे क्षेत्रों को आर्थिक लाभ मिल सके, विशेषकर उन स्थानों पर जहां विदेशी पर्यटक अक्सर जाते हैं।
राजनयिक संकेत और विश्वास बहाली
हालांकि भारत–चीन संबंधों में सीमा विवाद जैसे मुद्दों पर तनाव बना हुआ है, लेकिन यह निर्णय एक नियंत्रित राजनयिक नरमी का संकेत देता है। यह एक गैर–राजनीतिक सहयोग को बढ़ावा देने का प्रयास है, जिससे दोनों देशों के बीच विश्वास और जन–संपर्क बढ़ाया जा सके। यह नीति भविष्य में सार्वजनिक कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय छवि निर्माण के नए रास्ते खोल सकती है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
वीज़ा प्रतिबंध की शुरुआत | 2020 |
प्रतिबंध का कारण | कोविड-19 और गलवान संघर्ष |
वीज़ा सेवा बहाली | 24 जुलाई 2025 |
वीज़ा आवेदन स्थल | बीजिंग, शंघाई, ग्वांगझू |
संबंधित तीर्थ यात्रा | कैलाश मानसरोवर यात्रा |
यात्रा पुनः आरंभ तिथि | 30 जून 2025 |
चीनी तीर्थयात्रियों के स्थल | बोधगया, सारनाथ, नालंदा |
आर्थिक प्रभाव वाले क्षेत्र | पर्यटन, खुदरा, परिवहन |
मुख्य उद्देश्य | सांस्कृतिक कूटनीति |
दीर्घकालिक लक्ष्य | द्विपक्षीय विश्वास निर्माण |