बांग्लादेश से जूट आयात पर तत्काल रोक
भारत ने 27 जून 2025 को बांग्लादेश से आने वाले जूट और उससे संबंधित उत्पादों के आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) द्वारा जारी अधिसूचना के माध्यम से लागू हुआ। अब केवल मुंबई स्थित न्हावा शेवा पोर्ट से ही इन वस्तुओं का आयात संभव होगा, जबकि सभी भूमि सीमाएं और अन्य बंदरगाह बंद कर दिए गए हैं।
प्रतिबंध का कारण
सरकारी सूत्रों के अनुसार, बांग्लादेश अपनी जूट निर्यात कंपनियों को वित्तीय सहायता (सब्सिडी) देता रहा है, जिससे उनके उत्पादों की कीमतें भारतीय बाजार में कृत्रिम रूप से कम हो जाती हैं। इस वजह से भारतीय जूट उत्पादक और मिलें प्रतिस्पर्धा में पिछड़ रही हैं और उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
घरेलू श्रमिकों को राहत
यह कदम भारत के लगभग 4 लाख जूट श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है, जिनमें बड़ी संख्या में पूर्वी भारत के ग्रामीण उद्योगों से जुड़े लोग हैं। यह प्रतिबंध उन्हें बाजार में प्रतिस्पर्धी बढ़त दिलाने में मदद करेगा।
Static GK तथ्य: पश्चिम बंगाल भारत का सबसे बड़ा जूट उत्पादक राज्य है और यह राष्ट्रीय उत्पादन का 75% से अधिक योगदान देता है।
किन उत्पादों पर लगा प्रतिबंध
इस आदेश के तहत जिन जूट आधारित वस्तुओं पर प्रतिबंध लगा है, उनमें शामिल हैं:
• फ्लैक्स टो और यार्न वेस्ट
• कच्चे और प्रसंस्कृत जूट रेशे
• जूट यार्न
• बुना हुआ या बिना ब्लीच किया हुआ जूट कपड़ा
इन वस्तुओं को अब केवल न्हावा शेवा पोर्ट से ही भारत में लाया जा सकता है।
किन राज्यों को मिलेगा लाभ
इस प्रतिबंध से पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा और मेघालय जैसे राज्यों के किसानों और जूट श्रमिकों को सीधा लाभ होगा, जहां जूट की खेती और प्रसंस्करण बड़े पैमाने पर होता है।
Static GK तथ्य: भारत दुनिया में कच्चे जूट का सबसे बड़ा उत्पादक है, जबकि बांग्लादेश जूट उत्पादों का प्रमुख निर्यातक है।
पहले से चल रहे व्यापार प्रतिबंधों की श्रृंखला
यह कदम 17 मई 2025 को लागू हुए परिधान आयात प्रतिबंध की अगली कड़ी है, जब भारत ने बांग्लादेश से कपड़ों का भू-सीमा के माध्यम से आयात रोक दिया था। ये निर्णय स्थानीय उत्पादकों के हितों की रक्षा और संतुलित व्यापार नीति को सुनिश्चित करने के लिए लिए जा रहे हैं।
मौजूदा चुनौतियां और डंपिंग के प्रभाव
हालांकि भारत में एंटी डंपिंग ड्यूटी पहले से लागू है, फिर भी सस्ते जूट उत्पादों की बाढ़ से भारतीय जूट उद्योग को नुकसान पहुंच रहा है, जैसे:
• मिलों की उत्पादन क्षमता ठप होना
• घरेलू उत्पादकों की आमदनी में गिरावट
• ग्रामीण उद्योगों में रोजगार घटाना
भारत की सरकारी स्थिति
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, भारत की खुली व्यापार नीति का गलत फायदा उठाया जा रहा है। इसीलिए सरकार ने स्थानीय अर्थव्यवस्था और श्रमिक हितों की रक्षा के लिए कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया है।
Static GK टिप: DGFT भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है और देश के आयात–निर्यात नियमों का संचालन करता है।
Static Usthadian Current Affairs Table (Hindi)
विषय | विवरण |
प्रभावी तिथि | 27 जून 2025 |
अधिकृत प्राधिकरण | विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) |
अनुमत पोर्ट | न्हावा शेवा, मुंबई |
प्रतिबंधित मार्ग | सभी भू-सीमा और अन्य समुद्री बंदरगाह |
प्रतिबंधित वस्तुएं | फ्लैक्स टो, जूट फाइबर, यार्न, फैब्रिक |
लाभान्वित राज्य | WB, बिहार, असम, ओडिशा, त्रिपुरा, AP, मेघालय |
बांग्लादेश की गलती | सब्सिडी व डंपिंग नीति |
प्रभावित क्षेत्र | भारतीय जूट किसान व मिलें |
पूर्व प्रतिबंध | 17 मई 2025 – परिधान आयात पर रोक |
भारत की स्थिति | विश्व में सबसे बड़ा कच्चा जूट उत्पादक |