वैश्विक आतंक वित्त मंच में भारत की मज़बूत भागीदारी
म्यूनिख, जर्मनी में आयोजित चौथे ‘नो मनी फॉर टेरर‘ (NMFT) सम्मेलन 2025 में भारत ने आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ अपनी वैश्विक प्रतिबद्धता को दोहराया। 2018 से सक्रिय भागीदार रहे भारत ने डिजिटल वित्तीय उपकरणों, क्रिप्टोकरेंसी और सीमा–पार धन लेन–देन के बढ़ते दुरुपयोग की ओर दुनिया का ध्यान खींचा।
आतंक वित्त पोषण में डिजिटल खतरों का विस्तार
भारत ने बताया कि आतंकवादी नेटवर्क किस तरह एन्क्रिप्टेड प्लेटफ़ॉर्म, क्राउडफंडिंग टूल्स और क्रिप्टो एक्सचेंजों का उपयोग कर रहे हैं। भारत ने वर्चुअल एसेट्स की निगरानी, गहन अंतरराष्ट्रीय सहयोग और डिजिटल भुगतान प्रणालियों पर कड़े नियमों की मांग की।
भारत की कानूनी और संस्थागत रूपरेखा
भारत ने UAPA 1967 और PMLA 2002 के तहत अपने कानूनी ढांचे को प्रस्तुत किया। 2019 में इन कानूनों में किए गए संशोधनों के चलते अब आतंकवाद से संबंधित संपत्तियों को जब्त करने की शक्तियाँ दी गई हैं। साथ ही, NIA के तहत आतंक वित्त और नकली मुद्रा (TFFC) सेल की स्थापना को भी एक प्रमुख प्रयास के रूप में दर्शाया गया।
प्रवर्तन एजेंसियाँ और क्षेत्रीय नियमन
भारत ने बताया कि NIA में तीन नई वर्टिकल्स बनाई गई हैं — साइबर आतंकवाद, विस्फोटक व निषिद्ध हथियार, और मानव तस्करी पर केंद्रित। इसके अतिरिक्त, FIU-IND और RBI ने धन शोधन रोधी ढांचे (AML) को मज़बूत किया है और संदिग्ध लेन–देन की रिपोर्टिंग अनिवार्य कर दी है।
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल संपत्ति विनियमन
भारत ने Virtual Digital Asset Service Providers (VDA SPs) को PMLA के अंतर्गत लाकर उन्हें AML, CFT (Counter Financing of Terrorism), CPF (Counter Proliferation Financing) नियमों के तहत लाया है। अब इन पर KYC, लेन–देन ऑडिट और जोखिम मूल्यांकन की अनिवार्यता लागू है।
प्रौद्योगिकी और खुफिया समन्वय
भारत ने NATGRID का प्रदर्शन किया, जो 10 से अधिक प्रमुख कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों के बीच वास्तविक समय डेटा साझा करने और निगरानी की प्रणाली है। यह सीमा–पार आतंक वित्त की निगरानी और बहु–एजेंसी समन्वय को सशक्त बनाता है।
STATIC GK SNAPSHOT
विशेषता | विवरण |
सम्मेलन का नाम | 4th ‘No Money for Terror’ (NMFT) सम्मेलन |
वर्ष और स्थान | 2025, म्यूनिख, जर्मनी |
भारत की भागीदारी | 2018 से सक्रिय |
मुख्य मुद्दे | सीमा-पार फंडिंग, क्रिप्टो का दुरुपयोग, वैश्विक सहयोग |
प्रमुख कानून | UAPA (1967), PMLA (2002), संशोधन 2019 में |
प्रमुख एजेंसियाँ | NIA, FIU-IND, RBI, FCORD |
क्रिप्टो नियमन | VDA SPs अब PMLA के तहत, AML/CFT/CPF पालन अनिवार्य |
तकनीकी मंच | NATGRID – इंटेलिजेंस साझेदारी के लिए |
नई NIA शाखाएँ | साइबर आतंकवाद, विस्फोटक और हथियार, मानव तस्करी |