जुलाई 18, 2025 3:17 पूर्वाह्न

भारत ने जीनोमिक स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय बायोबैंक की स्थापना की

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India Sets Up National Biobank for Genomic Health Research

दिल्ली में राष्ट्रीय बायोबैंक का उद्घाटन

6 जुलाई 2025 को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत के पहले राष्ट्रीय बायोबैंक का उद्घाटन नई दिल्ली स्थित CSIR-इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (CSIR-IGIB) में किया। यह पहल भारत के स्वास्थ्य अनुसंधान परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सुविधा Phenome India परियोजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देशभर के 10,000 लोगों से आनुवंशिक, स्वास्थ्य और जीवनशैली डेटा एकत्र करना है।

व्यक्तिगत स्वास्थ्य सेवा की दिशा में पहल

राष्ट्रीय बायोबैंक व्यक्तिगत दवा (personalized medicine) की अवधारणा को समर्थन देता है, जिसमें उपचार व्यक्ति की आनुवंशिक बनावट और जीवनशैली के आधार पर अनुकूलित किया जाता है। डॉ. सिंह ने कहा कि इससे कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोग और दुर्लभ आनुवंशिक विकारों का जल्दी पता लगाना आसान होगा।

Static GK Fact: UK Biobank दुनिया की सबसे प्रसिद्ध बायोबैंक परियोजनाओं में से एक है; भारत का मॉडल इसे जनसंख्या विविधता के अनुसार अनुकूलित करता है।

भारतीय स्वास्थ्य जोखिमों पर विशिष्ट ध्यान

डॉ. सिंह ने कहा कि केंद्रीय मोटापा जैसे कुछ अदृश्य लेकिन गंभीर स्वास्थ्य खतरे भारतीयों में अधिक देखे जाते हैं। इस बायोबैंक के माध्यम से वैज्ञानिक इन जोखिमों को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे। उन्होंने वैज्ञानिकों, मंत्रालयों और उद्योगों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया ताकि शोध का प्रभावी समाधान में रूपांतरण हो सके।

भारत के जीनोमिक अनुसंधान को बढ़ावा

यह परियोजना भारत में जीनोमिक्स और प्रिसिजन मेडिसिन की क्षमताओं को तेज़ी से बढ़ाएगी। एकत्र डेटा का उपयोग CRISPR-आधारित जीनोम संपादन जैसे क्षेत्रों में किया जाएगा, जो सिकल सेल एनीमिया और लिवर फाइब्रोसिस जैसे रोगों में सहायक है। डॉ. सिंह ने भारत की क्वांटम तकनीक, एआई और स्वास्थ्य नवाचारों में बढ़ती भूमिका को रेखांकित किया।

Static GK Tip: CSIR-IGIB की स्थापना 1977 में हुई थी और यह वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के अधीन कार्य करता है।

सीएसआईआर नेतृत्व की राय

CSIR की महानिदेशक डॉ. एन. कलैसेल्वी ने इस बायोबैंक को वैश्विक संभावनाओं से युक्त शिशु कदम बताया। उन्होंने कहा कि क्षेत्रविशिष्ट और समुदायआधारित डेटा सेट ही चिकित्सा अनुसंधान में असली प्रगति ला सकते हैं। CSIR-IGIB के निदेशक डॉ. सौविक माइती ने संस्थान के महिला स्वास्थ्य, कोविड-19 और अंतरिक्ष जीवविज्ञान में पूर्व कार्यों को इस पहल की नींव बताया।

Static Usthadian Current Affairs Table (हिंदी संस्करण)

विषय विवरण
उद्घाटन तिथि 6 जुलाई 2025
उद्घाटनकर्ता डॉ. जितेंद्र सिंह
सुविधा का नाम राष्ट्रीय बायोबैंक
मेज़बान संस्थान CSIR-IGIB, नई दिल्ली
परियोजना का नाम फिनोम इंडिया (Phenome India)
डेटा लक्ष्य 10,000 भारतीय प्रतिभागी
फोकस क्षेत्र आनुवंशिक, स्वास्थ्य और जीवनशैली डेटा
मॉडल आधारित यूके बायोबैंक
प्रमुख शोध क्षेत्र कैंसर, डायबिटीज, CRISPR, दुर्लभ रोग
संचालन निकाय वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR)
India Sets Up National Biobank for Genomic Health Research
  1. भारत का पहला राष्ट्रीय बायोबैंक 6 जुलाई, 2025 को नई दिल्ली में लॉन्च किया गया।
  2. इस सुविधा का उद्घाटन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया।
  3. यह बायोबैंक सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (सीएसआईआर-आईजीआईबी) में स्थित है।
  4. यह फेनोम इंडिया पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य 10,000 व्यक्तियों से डेटा एकत्र करना है।
  5. यह बायोबैंक विविध भारतीय आबादी में आनुवंशिक, स्वास्थ्य और जीवनशैली संबंधी डेटा पर केंद्रित है।
  6. इस पहल का उद्देश्य भारत में व्यक्तिगत स्वास्थ्य सेवा और सटीक चिकित्सा को आगे बढ़ाना है।
  7. यह परियोजना कैंसर, मधुमेह और दुर्लभ आनुवंशिक विकारों जैसी बीमारियों का शीघ्र पता लगाने में सहायता करती है।
  8. केंद्रीय मोटापा, जो एक छिपा हुआ भारतीय स्वास्थ्य जोखिम है, इस शोध का एक प्रमुख केंद्र बिंदु है।
  9. इस पहल का उद्देश्य जीनोमिक प्रोफाइल के आधार पर भारत-विशिष्ट उपचार विकसित करना है।
  10. बायोबैंक सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारियों के लिए CRISPR-आधारित जीनोम संपादन में अनुसंधान को बढ़ावा देगा।
  11. भारत जीनोमिक्स, AI और क्वांटम स्वास्थ्य अनुसंधान में अग्रणी के रूप में अपनी स्थिति बना रहा है।
  12. 1977 में स्थापित CSIR-IGIB, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के अधीन कार्य करता है।
  13. यूके बायोबैंक ने इस राष्ट्रीय संसाधन के भारत के संस्करण के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य किया।
  14. यह परियोजना वैज्ञानिकों, मंत्रालयों और उद्योगों के बीच सहयोग पर ज़ोर देती है।
  15. CSIR के महानिदेशक डॉ. एन. कलैसेल्वी ने इस पहल को “वैश्विक क्षमता वाला एक छोटा कदम” बताया।
  16. क्षेत्र-विशिष्ट और समुदाय-संचालित डेटासेट भारत में स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  17. CSIR-IGIB के पूर्व कार्यों में महिला स्वास्थ्य, COVID-19 और अंतरिक्ष जीव विज्ञान पर अनुसंधान शामिल हैं।
  18. बायोबैंक स्वास्थ्य डेटा संग्रह और रोग मॉडलिंग में एक बड़ी छलांग है।
  19. इसका उद्देश्य सभी भारतीयों के लिए व्यक्तिगत और किफायती उपचार सुलभ कराना है।
  20. यह प्रयास भारत को जीनोमिक स्वास्थ्य अनुसंधान का वैश्विक केंद्र बनने की राह पर अग्रसर करता है।

Q1. भारत का पहला राष्ट्रीय बायोबैंक 2025 में कहाँ उद्घाटित किया गया था?


Q2. राष्ट्रीय बायोबैंक परियोजना किस पहल के अंतर्गत संचालित होती है?


Q3. 2025 में राष्ट्रीय बायोबैंक का उद्घाटन किस केंद्रीय मंत्री ने किया?


Q4. भारतीय राष्ट्रीय बायोबैंक किस वैश्विक मॉडल से प्रेरित है?


Q5. राष्ट्रीय बायोबैंक परियोजना का प्रमुख उद्देश्य क्या है?


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