समुद्री रणनीति को मिला वैज्ञानिक आधार
भारत ने गोवा स्थित राष्ट्रीय ध्रुवीय और समुद्री अनुसंधान केंद्र (NCPOR) में सागर भवन और पोलर भवन का उद्घाटन कर जलवायु और समुद्र अनुसंधान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह पहल भारत की समुद्री नीति, जलवायु परिवर्तन अनुवीक्षण और वैश्विक नेतृत्व को मजबूती देती है, और राष्ट्रीय विकास के साथ समुद्री विज्ञान को एकीकृत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
एनसीपीओआर में अत्याधुनिक सुविधाएँ
पोलर भवन, जो 11,378 वर्ग मीटर में फैला है, अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं और सम्मेलन कक्षों से युक्त है, जो भारत के ध्रुवीय विज्ञान के प्रमुख केंद्र के रूप में कार्य करेगा। वहीं, सागर भवन 1,772 वर्ग मीटर क्षेत्र में निर्मित है और इसमें आइस–कोर प्रयोगशालाएँ स्थापित की गई हैं। ये दोनों परिसर जलवायु परिवर्तन डेटा के संग्रह और विश्लेषण के लिए अहम होंगे।
ध्रुवीय और समुद्री अनुसंधान का राष्ट्रीय व वैश्विक महत्व
पृथ्वी का लगभग 70% ताजे पानी ध्रुवीय हिम में संग्रहित है, और उसका पिघलना भारत के लंबे तटीय क्षेत्रों और निचले शहरों के लिए बड़ा खतरा है। भारत की यह पहल समुद्र स्तर में वृद्धि, हिमनद पिघलाव, और जलवायु परिवर्तन के अन्य प्रभावों की निगरानी को सशक्त बनाएगी। यह कदम अंटार्कटिक और आर्कटिक अभियानों को भी समर्थन देता है, जिनके लिए भारतीय अंटार्कटिक अधिनियम और आर्कटिक नीति जैसी विधिक नीतियाँ बनी हैं।
डीप ओशन मिशन और ब्लू इकोनॉमी
भारत की ब्लू इकोनॉमी रणनीति के तहत समुद्री संसाधनों के न्यायसंगत उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। डीप ओशन मिशन, जो पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन है, समुद्री संसाधन मानचित्रण, जैव विविधता अध्ययन और सतत गहराई अनुसंधान पर केंद्रित है। यह रणनीति वैश्विक समुद्री शासन और वैज्ञानिक नेतृत्व में भारत की भागीदारी को मजबूत करती है।
वैश्विक साझेदारी और वैज्ञानिक कूटनीति
एनसीपीओआर की यह बुनियादी ढाँचा उन्नयन भारत को वैश्विक अनुसंधान भागीदार के रूप में और सशक्त बनाता है। आर्कटिक और अंटार्कटिक में भारत के शोध केंद्र, जलवायु लचीलापन और जैव विविधता पर अंतरराष्ट्रीय मिशनों में योगदान कर रहे हैं। यह पहल वैश्विक साझेदारी और नीति संवाद के लिए भारत को केंद्रीय भूमिका प्रदान करती है।
STATIC GK SNAPSHOT
विषय | विवरण |
NCPOR का पूरा नाम | नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च |
स्थान | गोवा |
नव उद्घाटित परिसर | पोलर भवन (11,378 वर्ग मी.), सागर भवन (1,772 वर्ग मी.) |
संबंधित मिशन | डीप ओशन मिशन (पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन) |
मुख्य कानूनी ढाँचा | भारतीय अंटार्कटिक अधिनियम, भारत की आर्कटिक नीति |
ध्रुवीय हिम का महत्व | पृथ्वी के ताजे पानी का ~70% संग्रहित |
भारत की समुद्री नीति | ब्लू इकोनॉमी और सतत विकास लक्ष्य |
प्रमुख अनुसंधान संस्था | एनसीपीओआर (पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन) |
दीर्घकालिक दृष्टिकोण | विकसित भारत 2047 (वैज्ञानिक नवाचार और स्थायित्व लक्ष्यों सहित) |