ऐतिहासिक संबंधों का नवीनीकरण
जुलाई 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया का दौरा किया, यह लगभग 30 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। इस यात्रा में बुनियादी ढांचे, तकनीक, स्वास्थ्य और रक्षा के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया गया। भारत ने अफ्रीका के संसाधन–समृद्ध देशों, खासकर नामीबिया के साथ रणनीतिक संबंध मजबूत करने की मंशा जताई।
साझा इतिहास और एकजुटता
भारत और नामीबिया के रिश्ते दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ संघर्ष के समय से गहरे रहे हैं। भारत ने 1946 में सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र में नामीबिया की स्वतंत्रता का मुद्दा उठाया था। SWAPO (South West Africa People’s Organisation) ने 1986 में नई दिल्ली में अपना पहला दूतावास खोला।
भारत ने नामीबियाई स्वतंत्रता सेनानियों को सैन्य प्रशिक्षण और सामग्री भी प्रदान की थी। नामीबिया की 1990 में स्वतंत्रता के बाद, दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित हुए।
विकास और प्रशिक्षण सहयोग
भारत ने नामीबिया को ITEC (Indian Technical and Economic Cooperation) जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से तकनीकी और प्रशासनिक प्रशिक्षण उपलब्ध कराया है। राजनयिक, स्वास्थ्य अधिकारी और रक्षा कर्मी भारत में प्रशिक्षित हुए हैं। कोविड-19 महामारी और आपदाओं के समय भारत ने टीके और राहत सामग्री भेजकर मानवीय सहायता भी दी।
Static GK टिप: ITEC योजना 1964 में शुरू की गई थी और यह 160 से अधिक देशों को सहयोग प्रदान करती है।
व्यापार और आर्थिक सहयोग में वृद्धि
नामीबिया में लिथियम, यूरेनियम, रियर अर्थ तत्व और जिंक जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के बड़े भंडार हैं, जो भारत की ऊर्जा जरूरतों और हरित परिवर्तन के लिए अहम हैं। 2023 में भारत–नामीबिया व्यापार $654 मिलियन तक पहुंचा। भारत ने $800 मिलियन से अधिक का निवेश, खासकर खनन और हीरा प्रसंस्करण में किया है।
University of Namibia में ‘India Wing’ की स्थापना से शैक्षणिक सहयोग को भी बढ़ावा मिला है।
वन्यजीव कूटनीति की ऐतिहासिक पहल
2022 में भारत ने नामीबिया से चीतों को स्थानांतरित किया था — यह दुनिया का पहला महाद्वीपीय मांसाहारी पुनर्स्थापन परियोजना था। इससे जैव विविधता संरक्षण में दोनों देशों की साझेदारी दिखती है।
Static GK जानकारी: स्थानांतरित चीते मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े गए थे, जहां से वे 1952 में विलुप्त हो गए थे।
वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत की बढ़त
भारत की अफ्रीका रणनीति चीन के ऋण आधारित निवेश मॉडल से भिन्न है। भारत का जोर सतत साझेदारी, क्षमता निर्माण और संप्रभुता के सम्मान पर है। भारत का अफ्रीका से व्यापार $100 अरब, जबकि चीन का $200 अरब से अधिक है। फिर भी भारत का मॉडल स्थायी और विश्वसनीय माना जाता है।
भारत 2030 तक अफ्रीका में अपने निवेश को दोगुना करने की योजना बना रहा है।
रक्षा और राजनीतिक समन्वय
नामीबिया ने AF-INDEX और भारत–अफ्रीका रक्षा संवाद जैसे मंचों में सक्रिय भागीदारी निभाई है। SAGAR (Security and Growth for All in the Region) नीति भारत और अफ्रीकी देशों के बीच समुद्री सुरक्षा साझेदारी को बढ़ाती है।
नामीबिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन भी किया है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
पीएम मोदी की नामीबिया यात्रा | जुलाई 2025, 30 वर्षों में पहली भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा |
ऐतिहासिक समर्थन | भारत ने 1946 में संयुक्त राष्ट्र में नामीबिया की आज़ादी का मुद्दा उठाया |
SWAPO दूतावास | 1986 में नई दिल्ली में स्थापित |
द्विपक्षीय व्यापार (2023) | $654 मिलियन |
भारतीय निवेश | $800 मिलियन (मुख्यतः खनन और हीरा व्यापार) |
वन्यजीव परियोजना | 2022 में नामीबिया से चीते भारत लाए गए |
प्रमुख खनिज संसाधन | यूरेनियम, लिथियम, रियर अर्थ, जिंक |
रणनीतिक पहल | SAGAR – अफ्रीकी देशों के साथ समुद्री सुरक्षा सहयोग |
शिक्षा सहयोग | University of Namibia में ‘India Wing’ स्थापित |
UNSC समर्थन | नामीबिया भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करता है |