जुलाई 19, 2025 1:14 पूर्वाह्न

भारत द्वारा कामिकाज़ी ड्रोन की तैनाती: युद्ध तकनीक में नया अध्याय

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India Inducts Kamikaze Drones: A New Frontier in Battlefield Technology

कामिकाज़ी ड्रोन से युद्ध की परिभाषा में क्रांति

भारतीय सेना ने अपनी तकनीकी शक्ति को बढ़ाते हुए First Person View (FPV) वाले कामिकाज़ी ड्रोन को शामिल किया है, जो एंटी-टैंक हथियारों से लैस हैं। ये केवल निगरानी ड्रोन नहीं, बल्कि सटीक लक्ष्यभेदी हथियार हैं जो टकराने पर लक्ष्य को नष्ट कर देते हैं। यह कदम आधुनिक युद्ध रणनीतियों की दिशा में बड़ा बदलाव दर्शाता है।

कामिकाज़ी ड्रोन को खास क्या बनाता है?

कामिकाज़ी ड्रोन, जिन्हें लोटरिंग म्यूनिशन या सुसाइड ड्रोन भी कहा जाता है, मिसाइल और मानव रहित हवाई वाहन (UAV) दोनों की क्षमताओं का मेल हैं। इन्हें मोबाइल लॉन्चर से दागा जाता है, उड़ान के बाद इसके पंख और पूंछ खुल जाते हैं। सैनिक टैबलेट जैसे उपकरण से वास्तविक समय में First Person View (FPV) के ज़रिए इन्हें नियंत्रित करते हैं। ये ड्रोन 45 मिनट तक हवा में मंडरा सकते हैं और सटीक समय पर हमला करने में सक्षम होते हैं।

युद्ध में सिद्ध, भारत अब तैयार

यूक्रेन-रूस युद्ध के दौरान इन ड्रोन की वैश्विक चर्चा हुई, जहां इन्हें गेम चेंजर माना गया। इसी को देखते हुए भारत ने अगस्त 2024 में Terminal Ballistics Research Laboratory (TBRL), चंडीगढ़ के सहयोग से अपना संस्करण विकसित करना शुरू किया। अब ये ड्रोन भारत की रक्षा रणनीति का हिस्सा हैं, जो टैंकों, बंकरों और बख्तरबंद वाहनों को 115 मील प्रति घंटे की टक्कर पर विस्फोटक वारहेड से नष्ट करने में सक्षम हैं।

कैसे करते हैं काम: सरल लेकिन प्रभावशाली तकनीक

ड्रोन को मोबाइल लॉन्चर में लोड किया जाता है। लॉन्च होते ही इसके पंख खुलते हैं, और यह लक्ष्य स्कैन करना शुरू करता है। सैनिक इसे रियल टाइम में नियंत्रित करते हैं और जैसे ही लक्ष्य निर्धारित होता है, वारहेड को सक्रिय किया जाता है। टक्कर से पहले ड्रोन पंख समेटता है और सटीकता से वार करता है, जिससे साइड डैमेज न्यूनतम होता है।

भारत के लिए रणनीतिक महत्व

भारत की लंबी सीमाएं और विविध भौगोलिक भूभाग ऐसी तकनीक को आवश्यक बनाते हैं। ये ड्रोन हल्के, कम लागत वाले हैं और ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्रों, शहरी युद्ध, तथा टैंक विरोधी अभियानों के लिए अत्यंत उपयुक्त हैं। ये पारंपरिक मिसाइलों की तरह नहीं हैं—ये आखिरी पल में भी लक्ष्य बदल सकते हैं, जिससे ये बहुत अधिक विश्वसनीय बनते हैं।

Static GK Snapshot (हिंदी में)

विषय विवरण
ड्रोन प्रकार कामिकाज़ी / लोटरिंग म्यूनिशन
भारतीय विकास साझेदार टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लैब (TBRL), चंडीगढ़
शामिल करने का वर्ष 2025
हवा में मंडराने की अवधि अधिकतम 45 मिनट
टक्कर के समय गति 115 मील प्रति घंटा (लगभग 185 किमी/घंटा)
नियंत्रण प्रणाली टैबलेट डिवाइस से First Person View (FPV)
वारहेड प्रकार एंटी-टैंक, आर्मर-पीयरसिंग
वैश्विक प्रयोग उदाहरण यूक्रेन-रूस युद्ध
भारत में उपयोगिता टैंक विनाश, बंकर हमले, सीमावर्ती अभियान

 

India Inducts Kamikaze Drones: A New Frontier in Battlefield Technology
  1. 2025 में भारतीय सेना ने एंटीटैंक क्षमता वाले कामिकाज़ी ड्रोन को शामिल किया।
  2. ये ड्रोन लॉयटरिंग म्यूनिशन या सुसाइड ड्रोन के रूप में भी जाने जाते हैं।
  3. कामिकाज़ी ड्रोन में फर्स्ट पर्सन व्यू (FPV) होता है और इन्हें टैबलेट जैसे उपकरण से नियंत्रित किया जाता है।
  4. ये मिसाइल और यूएवी दोनों की भूमिका निभाते हैं, जिससे सटीक रियलटाइम हमला संभव होता है।
  5. इन्हें टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लैबोरेटरी (TBRL), चंडीगढ़ की सहायता से विकसित किया गया।
  6. ये ड्रोन 45 मिनट तक हवा में मंडरा सकते हैं, जो लक्ष्य पर सटीक हमले के लिए आदर्श है।
  7. टारगेट से टकराने के समय इनकी गति 115 मील प्रति घंटा (लगभग 185 किमी/घंटा) होती है।
  8. इन्हें मोबाइल लॉन्चर्स से छोड़ा जाता है, और उड़ान के दौरान इनके पंख खुलते हैं
  9. FPV प्रणाली के ज़रिए अंतिम क्षण तक लक्ष्य को समायोजित किया जा सकता है।
  10. इनका आर्मरपियर्सिंग वॉरहेड लक्ष्य से टकराते ही विस्फोट करता है
  11. ये ड्रोन टैंकों, बंकरों और बख्तरबंद वाहनों को ध्वस्त करने में सक्षम हैं।
  12. इनकी तैनाती यूक्रेनरूस युद्ध में ड्रोन की सफलता के बाद की गई।
  13. ये ड्रोन ऊँचाई वाले युद्ध क्षेत्रों और शहरी युद्ध के लिए उपयुक्त हैं।
  14. ये सिस्टम हल्के, किफायती और पोर्टेबल हैं।
  15. भारत ने इस परियोजना की शुरुआत अगस्त 2024 में रक्षा अनुसंधान पहल के तहत की थी।
  16. ड्रोन का पंख मोड़ने वाला तंत्र अंतिम हमले में लक्ष्य पर सटीकता बढ़ाता है।
  17. कामिकाज़ी ड्रोन, भारत की उन्नत ड्रोन युद्ध रणनीति का हिस्सा हैं।
  18. ये ड्रोन सैन्य अभियानों में कोलेटरल डैमेज (सहायक हानि) को काफी हद तक घटाते हैं।
  19. यह तकनीक सीमापार संघर्षों में तेजी से प्रतिक्रिया देने में मदद करती है।
  20. कामिकाज़ी ड्रोन, भारत के अगलेपीढ़ी के मानव रहित हमलावर सिस्टम में प्रवेश का प्रतीक हैं।

 

Q1. भारत ने किस वर्ष आधिकारिक रूप से कामिकाज़े ड्रोन को अपनी सेना में शामिल किया?


Q2. भारत द्वारा उपयोग किए जा रहे FPV कामिकाज़े ड्रोन की अधिकतम होवरिंग (स्थिर उड़ान) समय कितनी है?


Q3. भारत के कामिकाज़े ड्रोन विकसित करने में किस अनुसंधान संस्था ने भागीदारी निभाई?


Q4. भारतीय कामिकाज़े ड्रोन किस प्रकार के वारहेड से लैस होते हैं?


Q5. किस वैश्विक संघर्ष ने कामिकाज़े ड्रोन की प्रभावशीलता को दर्शाया, जिससे भारत ने इन्हें अपनाने का निर्णय लिया?


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