नवीनीकृत कूटनीतिक पहल
SCO शिखर सम्मेलन 2025 के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसने भारत-चीन संबंधों में स्थिरता की दिशा में एक नई पहल को रेखांकित किया। यह बातचीत ऐसे समय हुई जब वैश्विक व्यापार और रणनीतिक समीकरणों में बदलाव आ रहा है।
Static GK तथ्य: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक यूरेशियन राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा गठबंधन है, जिसकी स्थापना 2001 में हुई। भारत 2017 में इसका स्थायी सदस्य बना।
प्रतिस्पर्धा पर साझेदारी
दोनों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों को विकास साझेदार के रूप में देखा जाना चाहिए। संदेश स्पष्ट था: मतभेद बने रह सकते हैं, लेकिन उन्हें विवाद में बदलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। एशियाई सहयोग और बहुध्रुवीय वैश्विक ढांचे को बनाए रखने के लिए स्थिर संबंधों को महत्वपूर्ण माना गया।
Static GK तथ्य: चीन, वस्तु व्यापार में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, 2023 में द्विपक्षीय व्यापार 136 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया।
सीमा स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता
नेताओं ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने जोर दिया कि व्यापक संबंधों में प्रगति सीमा प्रश्न के न्यायपूर्ण और स्थायी समाधान पर निर्भर करती है। यह भारत-चीन संवाद में लंबे समय से प्राथमिकता रही है।
Static GK तथ्य: भारत-चीन सीमा 3,488 किमी लंबी है, जो भारत के पाँच राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से होकर गुजरती है।
सांस्कृतिक और सामाजिक पुलों का निर्माण
एक प्रमुख निष्कर्ष यह था कि जन-से-जन आदान-प्रदान को गहरा करने की योजना बनाई गई। चर्चाओं में प्रत्यक्ष उड़ानों को फिर से शुरू करना, वीज़ा प्रक्रिया को सरल बनाना और कैलाश मानसरोवर यात्रा जैसी सांस्कृतिक कड़ियों को पुनर्जीवित करना शामिल था। ऐसी पहलें विश्वास निर्माण के उपायों के रूप में देखी जाती हैं।
आर्थिक सहयोग और व्यापार
व्यापार के मोर्चे पर, नेताओं ने चीन के साथ भारत के बढ़ते घाटे के मुद्दे को स्वीकार किया। उन्होंने एक संतुलित और रणनीतिक आर्थिक सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया, जो निवेश को प्रोत्साहित करे और व्यापार मार्गों का विविधीकरण करे। दोनों अर्थव्यवस्थाओं के आकार को देखते हुए, मजबूत सहयोग क्षेत्रीय और वैश्विक विकास की कुंजी है।
Static GK टिप: 2023-24 के दौरान भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा 100 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया।
वैश्विक मंचों में साझा भूमिका
बैठक ने SCO और BRICS जैसे बहुपक्षीय समूहों के प्रति समर्थन की भी पुष्टि की। दोनों देशों ने सहमति व्यक्त की कि इन संगठनों में समन्वित रुख अपनाने से उनका प्रभाव बढ़ता है और संतुलित विश्व व्यवस्था के निर्माण में योगदान मिलता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
बैठक स्थल | SCO शिखर सम्मेलन 2025 |
उपस्थित नेता | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग |
मुख्य संदेश | प्रतिस्पर्धा पर साझेदारी |
सीमा मुद्दा | LAC विवादों का शांतिपूर्ण समाधान |
P2P पहल | उड़ानें, वीज़ा, कैलाश मानसरोवर यात्रा |
व्यापार फोकस | घाटा कम करना, निवेश को बढ़ावा देना |
बहुपक्षीय मंच | SCO और BRICS |
भारत की SCO सदस्यता | 2017 से |
सीमा की लंबाई | 3,488 किमी |
व्यापार साझेदार के रूप में चीन | भारत का सबसे बड़ा साझेदार |