जुलाई 19, 2025 4:47 पूर्वाह्न

भारत को अंतरराष्ट्रीय समुद्री नौवहन संगठन में उपाध्यक्ष पद मिला

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India Elected Vice President of International Aids to Marine Navigation Body

वैश्विक समुद्री मामलों में भारत की बढ़ती भूमिका

भारत को सिंगापुर में आयोजित IALA (इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ मरीन एड्स टू नेविगेशन एंड लाइटहाउस अथॉरिटीज) की पहली महासभा के दौरान उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया है। यह उपलब्धि न केवल एक राजनयिक सफलता है, बल्कि यह वैश्विक समुद्री सुरक्षा और तकनीकी मानकों के विकास में भारत के योगदान को भी मान्यता देती है। अब भारत वैश्विक नौवहन नीतियों को आकार देने में सक्रिय भागीदारी निभा सकेगा।

IALA का विकास और नया दायित्व

IALA की स्थापना 1957 में एक गैर-सरकारी संगठन के रूप में हुई थी, जिसका उद्देश्य दुनियाभर के नौवहन सहायता प्राधिकरणों को एक मंच पर लाना था। यह विशेषज्ञों, निर्माताओं और नीति संस्थानों के लिए ज्ञान-विनिमय का केंद्र रहा। अगस्त 2024 में, IALA ने 34 सदस्य देशों द्वारा अनुमोदित होकर अंतरसरकारी संगठन (IGO) का दर्जा प्राप्त कर लिया, जिससे इसे वैश्विक मानक तय करने की कानूनी शक्ति मिल गई।

भारत की रणनीतिक भूमिका

उपाध्यक्ष पद पर भारत का चयन यह दर्शाता है कि देश डिजिटल नौवहन तकनीक और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बन रहा है। इस भूमिका में भारत IALA की रणनीतिक योजनाओं को आकार देने में भागीदारी करेगा और निकट भविष्य में IALA की बैठकों की मेजबानी भी करेगा, जिससे भारत की इंडोपैसिफिक समुद्री नेतृत्व की भूमिका और सशक्त होगी।

IALA के प्रमुख उद्देश्य

IALA का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में नौवहन सहायता प्रणालियों का मानकीकरण करना है। यह समुद्री सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देता है। यह संगठन विभिन्न सरकारों, अनुसंधान संस्थानों और निजी उद्योगों के साथ मिलकर बॉयज सिस्टम, चार्ट्स और ट्रैफिक मैनेजमेंट टूल्स पर कार्य करता है।

मानक निर्धारण और तकनीकी विशेषज्ञता

IALA की तकनीकी समितियाँ दुनिया भर के समुद्री विशेषज्ञों से बनी होती हैं। ये समितियाँ मार्गदर्शक सिद्धांत और सर्वोत्तम अभ्यास जारी करती हैं। इसके मुख्य योगदानों में IALA समुद्री बॉयज प्रणाली और ऑटोमैटिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (AIS) शामिल हैं, जो आज वैश्विक नौवहन का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं।

समुद्री सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा

IALA का IGO में रूपांतरण वैश्विक समुद्री शासन को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे अब यह संगठन जहाजों की सुरक्षा, संचालन दक्षता, और पर्यावरणीय क्षति में कमी लाने की दिशा में अधिक प्रभावशाली भूमिका निभा सकेगा। उपाध्यक्ष के रूप में भारत अब वैश्विक रणनीतियों को प्रभावित कर सकेगा, जो SAGAR (Security and Growth for All in the Region) के तहत भारत के समुद्री दृष्टिकोण से जुड़ा हुआ है।

STATIC GK SNAPSHOT: भारत – IALA उपाध्यक्ष 2025

विषय विवरण
संगठन का नाम इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ मरीन एड्स टू नेविगेशन एंड लाइटहाउस अथॉरिटीज (IALA)
स्थापना वर्ष 1957
IGO का दर्जा अगस्त 2024 (34 देशों द्वारा अनुमोदन)
भारत की वर्तमान स्थिति उपाध्यक्ष (2025 से)
मुख्यालय सेंट-जर्मेन-एन-ले, फ्रांस
प्रमुख योगदान मैरीटाइम बॉयज सिस्टम, AIS, वेसल ट्रैफिक सर्विसेस
भारत की समुद्री नीति SAGAR – सभी के लिए सुरक्षा और विकास
संबंधित मंत्रालय (भारत) पोत, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय
आगामी बैठकें भारत द्वारा आयोजित की जाएंगी (तारीख TBD)
India Elected Vice President of International Aids to Marine Navigation Body
  1. भारत को IALA की पहली महासभा में उपाध्यक्ष के रूप में सिंगापुर में चुना गया।
  2. IALA का पूर्ण रूप है – International Association of Marine Aids to Navigation and Lighthouse Authorities
  3. यह नियुक्ति वैश्विक समुद्री शासन में भारत की कूटनीतिक उपलब्धि का प्रतीक है।
  4. यह चुनाव समुद्री सुरक्षा और नेविगेशन मानकों में भारत की भूमिका को दर्शाता है।
  5. IALA की स्थापना 1957 में एक गैर-सरकारी संगठन के रूप में हुई थी।
  6. अगस्त 2024 में, IALA को 34 देशों द्वारा अनुमोदित एक अंतर-सरकारी संगठन का दर्जा प्राप्त हुआ।
  7. IALA का मुख्यालय सेंट-जर्मेन-एन-ले, फ्रांस में स्थित है।
  8. अब भारत के भविष्य के IALA सम्मेलनों की मेज़बानी करने की संभावना है।
  9. IALA का उद्देश्य समुद्री नेविगेशन प्रणाली और पर्यावरण संरक्षण को एकरूप बनाना है।
  10. भारत का चुनाव हिंद-प्रशांत समुद्री क्षेत्र में उसकी प्रभावशाली भूमिका को बढ़ाता है।
  11. IALA के प्रमुख प्रणालियों में समुद्री बुआयज प्रणाली और स्वचालित पहचान प्रणाली (AIS) शामिल हैं।
  12. IALA की तकनीकी समितियाँ पोत ट्रैकिंग और नेविगेशन सुरक्षा के लिए वैश्विक मानक बनाती हैं।
  13. भारत की समुद्री नीति में SAGAR – क्षेत्र के लिए सुरक्षा और विकास शामिल है।
  14. IALA राष्ट्रीय सरकारों, निजी उद्योगों और शोध संस्थानों के साथ साझेदारी करता है।
  15. भारत की यह नेतृत्व भूमिका वैश्विक नौवहन शासन में उसकी आवाज को मज़बूती देती है।
  16. IALA का अंतर-सरकारी रूपांतरण अब उसे बाध्यकारी नेविगेशन मानक जारी करने की अनुमति देता है।
  17. IALA समुद्री दुर्घटनाओं को कम करने और पोत दक्षता सुधारने में योगदान देता है।
  18. इससे संबंधित भारतीय मंत्रालय है – पत्तन, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय
  19. इस चुनाव से अंतरराष्ट्रीय समुद्री मामलों में भारत की कूटनीतिक छवि को बल मिला है।
  20. भारत की भागीदारी भविष्य की समुद्री नेविगेशन तकनीक और नीतियों को आकार देगी।

Q1. भारत को समुद्री नौवहन और लाइटहाउस प्राधिकरणों के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ (IALA) में किस पद के लिए चुना गया?


Q2. IGO का दर्जा प्राप्त करने के बाद IALA की पहली महासभा कहाँ आयोजित की गई थी?


Q3. IALA को औपचारिक रूप से अंतर-सरकारी संगठन (IGO) का दर्जा किस वर्ष प्राप्त हुआ?


Q4. IALA का मुख्यालय कहाँ स्थित है?


Q5. IALA में भारत की भूमिका किस भारतीय समुद्री सिद्धांत के अनुरूप है?


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