अटल पेंशन योजना ने पार किया 8 करोड़ नामांकन का आंकड़ा
भारत सरकार की अटल पेंशन योजना (APY) ने 8 करोड़ कुल नामांकन का ऐतिहासिक आंकड़ा पार कर लिया है। यह उपलब्धि सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। योजना की लोकप्रियता टियर 2 और टियर 3 शहरों में विशेष रूप से बढ़ी है, जिससे यह साफ़ होता है कि कम आय वाले वर्ग में इसकी स्वीकार्यता तेज़ी से बढ़ रही है।
असंगठित श्रमिकों के लिए बनी योजना
APY को भारत के असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। यह दो प्रमुख समस्याओं को संबोधित करती है—लंबी आयु का जोखिम और सेवानिवृत्ति के बाद आय का अभाव।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत की 90% से अधिक कार्यबल असंगठित क्षेत्र में है, जिन्हें सामाजिक सुरक्षा लाभ नहीं मिलते।
कौन इस योजना में शामिल हो सकता है
इस योजना में 18 से 40 वर्ष आयु वर्ग के गैर–आयकर दाता भारतीय नागरिक बैंक खाते के साथ नामांकन कर सकते हैं। आयकरदाता योजना में शामिल नहीं हो सकते, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि योजना वास्तव में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए हो।
स्थैतिक जीके तथ्य: APY की शुरुआत 2015 में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के अंतर्गत की गई थी।
सुनिश्चित मासिक पेंशन लाभ
यह योजना 60 वर्ष की आयु से ₹1,000 से ₹5,000 तक की मासिक पेंशन की गारंटी देती है। पेंशन राशि योगदान और प्रवेश की आयु पर निर्भर करती है। सरकार यह सुनिश्चित करती है कि लाभार्थी को निर्धारित राशि समय पर मिले।
योजना का प्रबंधन और कार्यप्रणाली
APY को पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा वित्त मंत्रालय के अधीन संचालित किया जाता है। योजना में बैंक खातों से स्वचालित मासिक कटौती (auto-debit) के ज़रिए योगदान लिया जाता है, जिससे यह प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बनती है।
स्थैतिक जीके टिप: PFRDA की स्थापना 2003 में हुई थी और यह NPS और APY दोनों का प्रबंधन करता है।
सरकारी योगदान और कर स्थिति
शुरुआत में सरकार ने पात्र ग्राहकों के लिए ₹1,000 या कुल योगदान का 50%, जो भी कम हो, सालाना योगदान दिया था, लेकिन यह सुविधा सीमित अवधि के लिए थी और अब बंद हो चुकी है। वर्तमान में योजना में कोई कर लाभ नहीं है और करदाता इसमें शामिल नहीं हो सकते।
ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन
APY ने वित्तीय समावेशन, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, बढ़ाने में मदद की है। बैंकों, डाकघरों और वित्तीय साक्षरता अभियानों के माध्यम से योजना के प्रचार–प्रसार में बढ़ोतरी हुई है।
भविष्य की दिशा
कम योगदान और सुनिश्चित पेंशन के कारण यह योजना भारत की सामाजिक सुरक्षा संरचना का एक अहम स्तंभ बन चुकी है। अब लक्ष्य है कि युवाओं को जल्दी शामिल कर लंबी अवधि तक योगदान कराया जाए जिससे उन्हें अधिक पेंशन प्राप्त हो सके।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
योजना का नाम | अटल पेंशन योजना (APY) |
शुरुआत | 2015 |
मंत्रालय | वित्त मंत्रालय |
क्रियान्वयन संस्था | PFRDA |
पात्रता आयु | 18 से 40 वर्ष |
पेंशन आरंभ आयु | 60 वर्ष |
मासिक पेंशन राशि | ₹1,000 – ₹5,000 |
नामांकन आँकड़ा | 8 करोड़+ कुल नामांकन |
करदाता पात्रता | नहीं शामिल हो सकते |
योगदान माध्यम | बैंक खाता से ऑटो-डेबिट |