भारत की सांस्कृतिक धरोहर घर लौट रही है
2014 से अब तक भारत ने 642 तस्करी की गई प्राचीन वस्तुएँ वापस लाई हैं, जो कि एक असाधारण उपलब्धि है। 2014 से पहले केवल 13 वस्तुएँ ही वापस लाई जा सकी थीं। यह कूटनीतिक प्रयासों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का परिणाम है, जिससे भारत अब अपनी संस्कृति को फिर से प्राप्त करने में सक्रिय हो चुका है।
अमेरिका बना सबसे बड़ा सहयोगी देश
2020 से 2024 के बीच, भारत को 610 सांस्कृतिक वस्तुएँ वापस मिलीं, जिनमें से 297 वस्तुएँ केवल वर्ष 2024 में लौटाई गईं। इनमें से 588 वस्तुएँ अमेरिका से वापस आईं। इसका श्रेय भारत-अमेरिका के बीच हुए सांस्कृतिक संपत्ति समझौते (Cultural Property Agreement) को जाता है, जिसका उद्देश्य भारतीय प्राचीन वस्तुओं की अवैध तस्करी पर रोक लगाना है।
टास्क फोर्स और कानूनी ढाँचे से मिला आधार
सरकार ने हेरिटेज रिकवरी टास्क फोर्स का गठन किया, जिसमें राजनयिकों और कानूनी विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। यह समूह वस्तुओं की पहचान, सत्यापन और पुनः प्राप्ति का कार्य करता है। इनकी भूमिका केवल खोज तक सीमित नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानूनी प्रक्रियाओं में भी सक्रिय भागीदारी शामिल है।
जनसहयोग से वित्तीय आधार को मजबूत किया जा रहा है
हाल ही में एक संसदीय समिति ने ‘हेरिटेज रि-पैट्रिएशन फंड’ स्थापित करने की सिफारिश की है, जिससे निजी नागरिक भी योगदान दे सकें। यह सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल, सरकार पर आर्थिक भार को कम करेगा और कानूनी लड़ाइयों, वस्तुओं की खरीद और उनके रख-रखाव व परिवहन में सहायता करेगा।
अन्य वैश्विक समझौतों के लिए आदर्श मॉडल
अमेरिका के साथ समझौते की सफलता से प्रेरित होकर भारत अब यूके, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस जैसे देशों के साथ भी सांस्कृतिक संपत्ति समझौते करने की योजना बना रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका इन वार्ताओं में निर्णायक हो सकती है।
केवल संख्याओं की बात नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जीवन
यह केवल आँकड़ों की बात नहीं है। हर लौटी हुई मूर्ति, पत्थर की नक्काशी या प्राचीन पांडुलिपि, भारत के गौरवशाली अतीत की कहानी कहती है। इन वस्तुओं की वापसी से भारतीय नागरिक उन्हें फिर से देख सकते हैं, अध्ययन कर सकते हैं और उन्हें अपना कह सकते हैं, बजाय इसके कि वे विदेशों के संग्रहालयों में धूल खाती रहें।
Static GK Snapshot (हिंदी में)
विषय | विवरण |
कुल लौटी प्राचीन वस्तुएँ (2014–2025) | 642 |
2014 से पहले लौटी वस्तुएँ | 13 |
अमेरिका से मिली वस्तुएँ (2020–2024) | 588 |
वर्ष 2024 में प्राप्त वस्तुएँ | 297 |
प्रमुख सहयोगी देश | अमेरिका |
सांस्कृतिक संपत्ति समझौता | भारत-अमेरिका (तस्करी रोकथाम के लिए) |
गठित विशेष समूह | हेरिटेज रिकवरी टास्क फोर्स |
प्रस्तावित निधि मॉडल | हेरिटेज रि-पैट्रिएशन फंड (PPP मॉडल) |
निधि का उपयोग | कानूनी शुल्क, वस्तु खरीद, परिवहन, संरक्षण |