व्यापार नीति में भागीदारी की नई शुरुआत
भारत ने विदेशी व्यापार नीति (FTP) 2023 को और अधिक समावेशी और प्रतिक्रियाशील बनाने के लिए 4 जनवरी 2025 को महत्वपूर्ण बदलाव किए। महानिदेशालय विदेशी व्यापार (DGFT) द्वारा किए गए इन संशोधनों का मुख्य उद्देश्य है कि नीतिगत बदलावों में सीधे प्रभावित हितधारकों को शामिल किया जाए – जैसे निर्यातक, आयातक और उद्योग विशेषज्ञ।
यह बदलाव सिर्फ प्रक्रियात्मक नहीं, बल्कि व्यापार नीति के निर्माण में भागीदारी आधारित दृष्टिकोण की शुरुआत है।
हितधारकों से परामर्श अनिवार्य
नीति में नए अनुच्छेद 1.07A और 1.07B जोड़े गए हैं, जिनके अनुसार अब किसी भी नीति संशोधन से पहले हितधारकों से परामर्श लेना आवश्यक है। इसका मतलब है कि अब निर्यात नियमों में कोई भी बदलाव बिना व्यापार समुदाय की राय लिए नहीं किया जा सकेगा। इससे नीति अधिक प्रासंगिक, व्यावहारिक और संतुलित बनेगी।
पारदर्शी फीडबैक तंत्र
पहले व्यापारियों द्वारा भेजे गए सुझावों पर प्रतिक्रिया नहीं मिलती थी। अब डीजीएफटी को यह स्पष्ट करना होगा कि किसी सुझाव को स्वीकार या अस्वीकार क्यों किया गया। इससे सरकार और व्यापार समुदाय के बीच विश्वास और संवाद को बढ़ावा मिलेगा।
स्वप्रेरित निर्णय की शक्ति बरकरार
सरकार ने आपातकालीन स्थितियों के लिए स्वप्रेरित (Suo Moto) निर्णय लेने की शक्ति भी सुरक्षित रखी है। इसका अर्थ है कि वैश्विक संकट या आर्थिक आपात स्थिति में सरकार तेज़ निर्णय ले सकती है, चाहे हितधारकों से चर्चा न हुई हो।
FTP 2023 की चार प्रमुख आधारशिलाएं
यह नीति केवल नियमों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक दूरदृष्टि है, जो चार स्तंभों पर आधारित है:
- प्रोत्साहन के स्थान पर प्रतिपूर्ति प्रणाली
- सहयोग के ज़रिए निर्यात संवर्धन
- व्यापार करने में आसानी (Ease of Doing Business)
- ई-कॉमर्स और नई अर्थव्यवस्था क्षेत्रों को समर्थन
निर्यात का $2 ट्रिलियन लक्ष्य
भारत का लक्ष्य है कि 2030 तक कुल निर्यात $2 ट्रिलियन तक पहुंचाया जाए। इसके लिए माल निर्यात में 10.86% और सेवा निर्यात में 17.15% वार्षिक वृद्धि आवश्यक होगी। FTP 2023 में इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए डिजिटल व्यापार अवसंरचना, लालफीताशाही में कटौती, और निर्यातकों को बेहतर सहायता देने पर जोर दिया गया है।
व्यापार नीति में भागीदारी का युग
अब व्यापार नीति बंद दरवाजों के पीछे नहीं बनेगी। यह नया ढांचा व्यापारियों को नीति निर्माताओं का भागीदार मानता है, केवल उपयोगकर्ता नहीं। इस प्रकार, यह नीति तेज़ी से बदलती वैश्विक परिस्थितियों और तकनीकी प्रगति के अनुरूप लचीलापन प्रदान करती है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
व्यापार नीति 2023 | हितधारक परामर्श के लिए अपडेट की गई |
नए अनुच्छेद | 1.07A और 1.07B – परामर्श अनिवार्य |
फीडबैक तंत्र | सुझाव स्वीकार/अस्वीकार करने का कारण देना अनिवार्य |
स्वप्रेरित शक्ति | आपातकालीन परिस्थितियों में सरकार निर्णय ले सकती है |
निर्यात लक्ष्य | 2030 तक $2 ट्रिलियन कुल निर्यात |
वृद्धि दर | माल: 10.86% |
नीति के चार स्तंभ | प्रतिपूर्ति, सहयोग, व्यापार सुगमता, ई-कॉमर्स |
पहले का ढांचा | 5-वर्षीय चक्र |
DGFT की भूमिका | नीति निर्माण और निर्यात-आयात नियंत्रण |
व्यापार सुगमता | प्रक्रियाएं सरल और पारदर्शी बनाना |