कोरिंगा में ऐतिहासिक संरक्षण पहल
वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने आंध्र प्रदेश के कोरिंगा वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी में भारत की पहली फिशिंग कैट कॉलरिंग परियोजना शुरू की है। यह अभयारण्य गोदावरी नदी के मुहाने पर स्थित है, जहाँ यह नदी बंगाल की खाड़ी से मिलती है। परियोजना का उद्देश्य इन दुर्लभ बिल्ली प्रजातियों की गतिविधियों, निवास पसंद और खतरों को समझना है।
क्या है फिशिंग कैट?
फिशिंग कैट (Prionailurus viverrinus) एक जंगली बिल्ली है जो सामान्य घरेलू बिल्ली से दुगुनी बड़ी होती है। यह बिल्ली पानी से डरती नहीं बल्कि जलाशयों, दलदलों और मैन्ग्रोव क्षेत्रों में फलती-फूलती है। भारत में ये बिल्लियाँ मुख्यतः सुंदरबन, गंगा–ब्रह्मपुत्र घाटी, और वेस्टर्न घाट में पाई जाती हैं। इनकी उपस्थिति वेटलैंड इकोसिस्टम की सेहत का संकेतक मानी जाती है।
अनोखी शिकारी आदतें
यह बिल्ली रात में शिकार करती है और इसका भोजन होता है — मछलियाँ, मेंढक, सांप, पक्षी, और कभी-कभी सड़ी गली चीजें भी। इसके जाल–जैसे पंजे और धारदार नाखून इसे पानी में तैरकर शिकार करने में सक्षम बनाते हैं — जो बिल्लियों में दुर्लभ विशेषता है।
लेकिन बढ़ती मानव गतिविधियों, आद्रभूमि विनाश और अत्यधिक मछली पकड़ने के कारण इसकी प्राकृतिक आहार श्रृंखला में गिरावट आई है। विकास कार्यों और कृषि विस्तार के चलते इसके निवास स्थल तेजी से सिकुड़ रहे हैं।
कानूनी संरक्षण और परियोजना का महत्व
फिशिंग कैट को IUCN रेड लिस्ट में ‘वल्नरेबल‘ (असुरक्षित) श्रेणी में रखा गया है। भारत में यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के अनुसूची-I में शामिल है, यानी इसे वही संरक्षण प्राप्त है जो बाघ और हाथी को मिलता है।
इस नई परियोजना में इन बिल्लियों को GPS कॉलर पहनाए जाएंगे ताकि उनकी गतिविधियों का रिकॉर्ड रखा जा सके। इससे खास संरक्षण रणनीतियाँ बनाई जा सकेंगी।
जैव विविधता संरक्षण के व्यापक लक्ष्यों से जुड़ाव
यह पहल भारत की जैव विविधता, वेटलैंड संरक्षण, और प्रजाति सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का हिस्सा है। साथ ही, यह दर्शाती है कि मुहाने जैसे पारिस्थितिक तंत्र वन्यजीवों के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
कोरिंगा सैंक्चुरी का स्थान | गोदावरी नदी का मुहाना, आंध्र प्रदेश |
प्रजाति | फिशिंग कैट (Prionailurus viverrinus) |
निवास स्थान | वेटलैंड, मैन्ग्रोव क्षेत्र |
आहार | मछली, मेंढक, सांप, पक्षी, केकड़ा |
मुख्य खतरे | वेटलैंड विनाश, अत्यधिक मछली पकड़ना |
संरक्षण स्थिति (IUCN) | वल्नरेबल (असुरक्षित) |
कानूनी दर्जा | वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972, अनुसूची I |
परियोजना संस्था | वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया |
विशेष अनुकूलन | तैराकी के लिए झिल्लीदार पंजे |
भारत में उपस्थिति | सुंदरबन, गंगा-ब्रह्मपुत्र घाटी, वेस्टर्न घाट |