जुलाई 18, 2025 9:27 पूर्वाह्न

भारत की तोपों का नया युग: आत्मनिर्भरता की ओर बड़ी छलांग

करेंट अफेयर्स: भारत तोपखाना आधुनिकीकरण 2025, एटीएजीएस बनाम धनुष बनाम बोफोर्स, डीआरडीओ तोपखाना परियोजना, मेक इन इंडिया डिफेंस, 155 मिमी भारतीय हॉवित्जर, आयुध निर्माणी बोर्ड अपडेट, कारगिल युद्ध तोपखाना, भारतीय सेना आधुनिकीकरण योजना

India’s Big Guns Makeover

आधुनिक सेना के लिए आधुनिक तोपें

भारत अपनी तोप प्रणाली को आधुनिक बना रहा है ताकि बदलते युद्ध के स्वरूपों का प्रभावी ढंग से सामना किया जा सके। दशकों तक बोफोर्स तोप भारतीय सेना की रीढ़ रही, खासकर कारगिल युद्ध में इसके प्रदर्शन की प्रशंसा हुई थी। अब ध्यान केंद्रित है स्वदेशी तोपों जैसे धनुष और एटीएजीएस पर, जो तकनीकी रूप से उन्नत और आत्मनिर्भर भारत के प्रतीक हैं।

भारत को नई तोपों की ज़रूरत क्यों पड़ी?

भूतकाल में भारत को आयात में देरी, बोफोर्स घोटाले (1987) जैसी भ्रष्टाचार समस्याओं, और विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता के कारण तोप प्रणाली में गंभीर कमजोरियों का सामना करना पड़ा। धनुष और एटीएजीएस जैसी स्वदेशी पहल ने इस स्थिति को बदल दिया है और भारत ने अब अपने दम पर समाधान तैयार करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

बोफोर्स की विरासत

बोफोर्स FH-77B तोप स्वीडन से 1980 के दशक में आई थी और कारगिल युद्ध (1999) में इसकी सटीकता ने इतिहास रच दिया।
• यह 155 मिमी गोले चलाती है
30 किमी तक मार करने में सक्षम है
• इसमें 6–8 सैनिकों की टीम लगती है
• यह पहाड़ी इलाकों में बेहतर प्रदर्शन करती है
हालांकि यह अब पुरानी हो रही है, लेकिन भारतीय सेना में अभी भी सीमित रूप से उपयोग में है।

धनुष: पहला स्वदेशी होवित्ज़र

धनुष भारत का पहला पूरी तरह से देश में विकसित किया गया होवित्ज़र है, जिसे आयुध निर्माणी बोर्ड ने तैयार किया। यह बोफोर्स पर आधारित है लेकिन तकनीकी रूप से ज़्यादा उन्नत है।
38 किमी की मारक क्षमता
डिजिटल फायर कंट्रोल सिस्टम
ऊँचाई वाले क्षेत्रों में प्रभावी उपयोग
भारतीय सेना में शामिल किया जा चुका है
यह भारत की इंजीनियरिंग क्षमता का स्वाभिमानी उदाहरण है।

एटीएजीएस: भारत की सबसे शक्तिशाली तोप

एडवांस टोअड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) भारत की सबसे आधुनिक और ताकतवर तोप है। इसे DRDO, टाटा और भारत फोर्ज ने मिलकर बनाया है।
48 किमी से अधिक की मारक क्षमता
स्वचालित लोडिंग सिस्टम
जीपीएस और डिजिटल टारगेटिंग सिस्टम
तेज़ और सटीक हमले करने में सक्षम
हालांकि इसका वज़न ज्यादा है, जिससे इसे ढलान वाले इलाकों में प्रयोग करना मुश्किल है। फिर भी, इसकी ताकत और आधुनिकता इसे भविष्य का हथियार बनाती है।

 

तीनों तोपों की तुलना

तोप का नाम प्रमुख विशेषताएँ वर्तमान स्थिति
बोफोर्स 30 किमी रेंज, अर्ध-स्वचालित, कारगिल में सिद्ध अभी भी सीमित उपयोग में
धनुष 38 किमी रेंज, डिजिटल सिस्टम, स्वदेशी पूरी तरह से ऑपरेशनल
ATAGS 48+ किमी रेंज, पूरी तरह स्वचालित, GPS टारगेटिंग परीक्षण के दौर में

भारत के लिए इसका क्या मतलब है?

अब भारत के पास ऐसी आधुनिक तोपें हैं जो सीमाओं को पार किए बिना दुश्मन पर हमले कर सकती हैं। इससे रक्षा क्षमता, रणनीतिक प्रतिक्रिया समय और सटीकता तीनों में सुधार होता है। साथ ही, धनुष और एटीएजीएस जैसे हथियार यह दर्शाते हैं कि भारत अब विश्वस्तरीय सैन्य तकनीक खुद विकसित कर सकता है।

स्थैतिक ‘Usthadian’ करंट अफेयर्स तालिका

विषय विवरण
बोफोर्स की उत्पत्ति स्वीडन, 1980 के दशक में अधिग्रहण
कारगिल युद्ध वर्ष 1999
गोला प्रकार 155 मिमी नाटो मानक
DRDO पूरा नाम रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन
धनुष निर्माता आयुध निर्माणी बोर्ड
ATAGS निर्माता DRDO, टाटा, भारत फोर्ज
मेक इन इंडिया शुरुआत 2014
तोप रेंज तुलना ATAGS > धनुष > बोफोर्स
आत्मनिर्भर भारत योजना मई 2020
बोफोर्स घोटाले का वर्ष 1987

 

India’s Big Guns Makeover
  1. भारत अपने तोपखाना तंत्र का आधुनिक रूपांतरण कर रहा है, जिसके तहत इंडिया आर्टिलरी मॉडर्नाइजेशन 2025’ योजना के अंतर्गत स्वदेशी हथियार प्रणालियाँ लाई जा रही हैं।
  2. स्वीडन की बोफोर्स FH-77B तोप, कारगिल युद्ध (1999) के दौरान भारत की मुख्य शक्ति रही थी।
  3. धनुष तोप, बोफोर्स डिज़ाइन पर आधारित, भारत की पहली स्वदेशी हॉवित्ज़र तोप है।
  4. एटीएजीएस (ATAGS) भारत की सबसे शक्तिशाली टॉउड आर्टिलरी गन है, जिसकी मारक सीमा 48+ किलोमीटर है।
  5. बोफोर्स तोप 155 मिमी नाटो मानक गोले का प्रयोग करती है, जिसकी फायरिंग रेंज 30 किमी है।
  6. धनुष तोप की सीमा 38 किमी तक विस्तारित की गई है और इसमें डिजिटल फायर कंट्रोल सिस्टम है।
  7. ATAGS में स्वचालित गोला लोडिंग प्रणाली और GPS-आधारित निशाना साधने की प्रणाली है।
  8. यह बदलाव मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियानों से प्रेरित है, जो रक्षा उत्पादन में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देते हैं।
  9. DRDO, टाटा और भारत फोर्ज ने मिलकर ATAGS का सहविकास किया है।
  10. 1987 का बोफोर्स घोटाला भारत की तोपखाना आधुनिकीकरण योजना में वर्षों की देरी का कारण बना।
  11. भारत की विस्तृत और संवेदनशील सीमाएं एक मजबूत और आधुनिक तोपखाना बल की आवश्यकता को दर्शाती हैं।
  12. कारगिल युद्ध में बोफोर्स की पर्वतीय युद्धक्षेत्र में प्रभावी भूमिका ने इसकी विश्वसनीयता को मजबूत किया
  13. ऑर्डनेंस फैक्टरी बोर्ड ने धनुष को कई उन्नयन के साथ विकसित किया है।
  14. ATAGS अंतिम परीक्षण चरण में है और इसे जल्द ही सेवा में शामिल किया जाएगा
  15. नई तोप प्रणालियाँ सीमा पार किए बिना सटीक निशाना साधने में सक्षम हैं, जो रक्षात्मक अभियानों के लिए आदर्श हैं।
  16. ATAGS का भारी वजन इसे ऊँचाई वाले क्षेत्रों में तैनात करने में चुनौतीपूर्ण बनाता है।
  17. आधुनिक प्रणालियाँ तेजी से तैनाती, उच्च सटीकता और अधिक अग्निशक्ति प्रदान करती हैं।
  18. DRDO और निजी कंपनियों की साझेदारी से भारत का नया रक्षा प्रौद्योगिकी मॉडल विकसित हो रहा है।
  19. धनुष और ATAGS में प्रयुक्त डिजिटल तकनीकें भारत को स्मार्ट आर्टिलरी युद्ध प्रणाली की ओर ले जा रही हैं।
  20. भारत का यह आधुनिकीकरण आयात पर निर्भरता से निकलकर रक्षा नवाचार नेतृत्व की दिशा में एक मजबूत कदम है।

Q1. भारत में किस तोपखाना प्रणाली को सबसे अधिक फायरिंग रेंज के लिए जाना जाता है?


Q2. धनुष तोप की अधिकतम फायरिंग रेंज कितनी है?


Q3. निम्न में से कौन-सी संस्था ATAGS तोप विकसित करने में शामिल नहीं है?


Q4. निम्नलिखित में से किस तोप प्रणाली की कारगिल युद्ध में भूमिका के लिए सराहना की गई थी?


Q5. ATAGS तोप की एक प्रमुख विशेषता क्या है?


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Daily Current Affairs June 6

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