जुलाई 18, 2025 9:37 पूर्वाह्न

भारत की चुनावी पारदर्शिता ने स्टॉकहोम सम्मेलन में बटोरी सराहना

समसामयिक मामले: सीईसी ज्ञानेश कुमार, स्टॉकहोम इलेक्टोरल इंटीग्रिटी कॉन्फ्रेंस 2025, भारत इलेक्टोरल रोल सिस्टम, इंटरनेशनल आईडीईए स्वीडन, वार्षिक इलेक्टोरल रिवीजन, राजनीतिक पार्टी रोल एक्सेस, इलेक्टोरल क्षमता निर्माण, डायस्पोरा वोटिंग इंडिया, वैश्विक इलेक्टोरल रिफॉर्म्स 2025

India’s Electoral Transparency Shines at Stockholm Conference

भारत की चुनावी प्रक्रिया को मिला वैश्विक मंच पर सम्मान

भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने हाल ही में स्टॉकहोम इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन इलेक्टोरल इंटीग्रिटी में भारत की चुनावी प्रणाली को पारदर्शिता का आदर्श मॉडल बताते हुए प्रस्तुत किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत में मतदाता सूचियों का हर साल अद्यतन और राजनीतिक दलों के साथ साझा किया जाना एक अनोखी और लोकतांत्रिक परंपरा है। यह प्रक्रिया 1960 से लागू है, जिससे जनसहभागिता और जवाबदेही सुनिश्चित होती है।

मतदाता सूची पुनरीक्षण का कानूनी आधार

भारत में यह परंपरा केवल व्यवहारिक नहीं बल्कि कानूनी प्रावधानों द्वारा संरक्षित है। मतदाता सूची में आपत्तियां और दावे दर्ज कराने का अधिकार, साथ ही अपील का अवसर भी मौजूद है। यह सुनिश्चित करता है कि सूची सटीक और समावेशी बनी रहे। वर्ष 2024 के अनुसार, भारत में 95 करोड़ से अधिक योग्य मतदाता हैं, जिनकी निष्पक्ष और अद्यतन सूची बनाए रखना चुनावी निष्पक्षता के लिए आवश्यक है।

वैश्विक मंच पर भारत की भागीदारी

इस सम्मेलन का आयोजन इंटरनेशनल IDEA (इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस) द्वारा किया गया, जिसमें 50 से अधिक देशों के 100 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। ज्ञानेश कुमार ने न केवल भारत की सफलता को साझा किया, बल्कि चुनावी सुधारों में वैश्विक सहयोग का संकल्प भी जताया। भारत ने अन्य लोकतांत्रिक देशों के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रमों, ज्ञान आदानप्रदान और क्षमता निर्माण कार्यशालाओं में भागीदारी का आश्वासन दिया।

अन्य देशों के साथ चर्चा के मुख्य विषय

सम्मेलन में भारत ने मेक्सिको, इंडोनेशिया, मोल्दोवा, स्विट्ज़रलैंड, मंगोलिया और यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों के निर्वाचन अधिकारियों के साथ बातचीत की। चर्चा के विषयों में शामिल थे:

  • मतदाता भागीदारी बढ़ाना
    चुनाव प्रक्रिया में तकनीक का एकीकरण
    प्रवासी भारतीयों के लिए मतदान मॉडल
    संस्थागत ढांचे को सुदृढ़ बनाना

इन चर्चाओं ने भारत को लोकतांत्रिक सिद्धांतों में वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में प्रस्तुत किया।

Static Usthadian Current Affairs Table

प्रमुख विषय विवरण
कार्यक्रम स्टॉकहोम अंतरराष्ट्रीय चुनावी अखंडता सम्मेलन
आयोजक संस्था इंटरनेशनल IDEA
भारतीय प्रतिनिधि मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार
भारत की विशेषता 1960 से प्रतिवर्ष मतदाता सूची साझा करने की परंपरा
भाग लेने वाले देश 50+ राष्ट्र (यूके, मेक्सिको, जर्मनी, इंडोनेशिया सहित)
कानूनी ढांचा दावा, आपत्ति और अपील की व्यवस्था
चर्चा के मुख्य विषय मतदान प्रतिशत, तकनीक, प्रवासी मतदान
भारत की वैश्विक भूमिका प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण सहयोग
Static GK तथ्य भारत का निर्वाचन आयोग अनुच्छेद 324 के अंतर्गत 1950 में स्थापित
भारतीय मतदाता (2024) 95 करोड़ से अधिक योग्य मतदाता

 

India’s Electoral Transparency Shines at Stockholm Conference
  1. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने भारत का प्रतिनिधित्व स्टॉकहोम चुनाव अखंडता सम्मेलन 2025 में किया।
  2. उन्होंने भारत की मतदाता सूची प्रणाली को पारदर्शिता और जनभागीदारी का वैश्विक मॉडल बताया।
  3. भारत 1960 से वार्षिक मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रणाली का पालन कर रहा है।
  4. मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को हर वर्ष मतदाता सूचियां दी जाती हैं ताकि वे जांच और सुझाव दे सकें।
  5. यह प्रक्रिया जवाबदेही, विश्वास और निष्पक्ष प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करती है।
  6. भारत की सूची पुनरीक्षण प्रणाली की मजबूत कानूनी आधारशिला है, जिसमें दावे, आपत्तियाँ और अपील की व्यवस्था है।
  7. भारत का चुनाव आयोग इस प्रक्रिया को कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत संचालित करता है।
  8. 2024 तक भारत में 95 करोड़ से अधिक पात्र मतदाता हैं, जिससे मतदाता सूची की सटीकता बनाए रखना अनिवार्य है।
  9. सम्मेलन का आयोजन स्वीडन में इंटरनेशनल IDEA द्वारा किया गया, जिसमें 50 से अधिक देशों ने भाग लिया।
  10. भारत ने वैश्विक लोकतंत्रों को क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से समर्थन देने का संकल्प लिया।
  11. ज्ञानेश कुमार ने UK, इंडोनेशिया, मैक्सिको और स्विट्ज़रलैंड के समकक्ष अधिकारियों से मुलाकात की।
  12. चर्चाओं में मतदाता भागीदारी, चुनाव तकनीक और प्रवासी वोटिंग मॉडल शामिल रहे।
  13. भारत के प्रयासों से वह चुनाव सुधारों और पारदर्शिता में वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में उभर रहा है।
  14. वार्षिक सूची साझा करने से भारत की प्रणाली समावेशी और मतदाताअनुकूल बनती है।
  15. मतदाता सूची अद्यतन से डुप्लिकेट, अयोग्य या गायब नामों को हटाने में मदद मिलती है।
  16. चुनाव आयोग की स्थापना 1950 में संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत की गई थी।
  17. भारत चुनाव संबंधी श्रेष्ठ प्रथाओं में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दे रहा है।
  18. सूची पुनरीक्षण प्रणाली कानूनी सुरक्षा और लोकतांत्रिक सहभागिता में संतुलन बनाए रखती है।
  19. भारत की चुनावी पद्धतियों को विकासशील लोकतंत्रों के लिए मानक माना जा रहा है।
  20. इस सम्मेलन ने वैश्विक लोकतांत्रिक नवाचारों के निर्माण में भारत की भूमिका को और सशक्त किया।

Q1. स्टॉकहोम अंतर्राष्ट्रीय चुनावी अखंडता सम्मेलन 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व किसने किया?


Q2. स्टॉकहोम चुनावी अखंडता सम्मेलन 2025 का आयोजन किस संस्था ने किया?


Q3. भारत किस वर्ष से राजनीतिक दलों के साथ वार्षिक रूप से मतदाता सूची साझा कर रहा है?


Q4. स्टॉकहोम सम्मेलन में भारत ने क्या प्रमुख प्रतिबद्धता जताई?


Q5. भारत का चुनाव आयोग किस अनुच्छेद के तहत स्थापित किया गया था?


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