निर्यात वृद्धि में वैश्विक मांग का योगदान
भारत का कॉफी निर्यात 2014–15 के $800 मिलियन से बढ़कर 2024–25 में $1.8 बिलियन हो गया है, यानी पिछले दशक में 125% की वृद्धि दर्ज की गई। अकेले 2023–24 में ही $1.28 बिलियन का निर्यात हुआ, जो भारत की वैश्विक विशेष कॉफी और वैल्यू–एडेड कॉफी बाजार में बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है।
यूरोप और एशिया हैं मुख्य बाजार
यूरोप सबसे बड़ा आयातक बना हुआ है, जहां इटली, जर्मनी और बेल्जियम प्रमुख आयातकर्ता हैं। जापान, कोरिया और मध्य पूर्व जैसे एशियाई देश भी छाया में उगाई गई और स्थायी कॉफी किस्मों की मांग बढ़ा रहे हैं। यह पर्यावरणीय मानकों की सख्ती से जुड़ा हुआ है।
कॉफी बोर्ड का डिजिटल और गुणवत्ता प्रयास
कॉफी बोर्ड ऑफ इंडिया ने RCMC, निर्यात परमिट और मूल प्रमाणपत्रों की डिजिटल प्रोसेसिंग शुरू की है। डिजिटल हस्ताक्षर के ज़रिए यह प्रक्रिया तेजी से और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुकूल पूरी की जा रही है।
Static GK तथ्य: कॉफी बोर्ड की स्थापना 1942 में हुई थी और यह वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
निर्यातकों के लिए रणनीतिक समर्थन
बोर्ड निर्यातकों के साथ नियमित बैठकें करता है, बाजार विश्लेषण, मूल्य प्रवृत्तियों और वैश्विक खपत आंकड़े साझा करता है ताकि कॉफी व्यवसाय निर्णय आधारित तरीके से कार्य कर सकें। इससे व्यापार बाधाओं को हटाने में सहायता मिलती है।
प्रोत्साहनों से बढ़ रहा वैल्यू-एडेड कॉफी का हिस्सा
₹3 प्रति किलो की सीधी सब्सिडी वैल्यू-एडेड उत्पादों पर मिलती है, जबकि ₹2 प्रति किलो उच्च गुणवत्ता वाली ग्रीन कॉफी के लिए दी जाती है, विशेषकर अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे दूर देशों को भेजी गई खेप पर। इसके अलावा, रोस्टिंग और पैकेजिंग मशीनरी पर 40% सब्सिडी (₹15 लाख तक) भी दी जाती है।
वैश्विक कानूनों के अनुकूल स्थायित्व
भारत में कॉफी पेड़ों की छाया में उगाई जाती है, जिससे जैव विविधता और कार्बन कैप्चर को बढ़ावा मिलता है। यह यूरोपीय संघ के वनों की कटाई मुक्त कानून (deforestation-free law) के अनुरूप है, जिससे भारतीय कॉफी वैश्विक स्थायित्व मानकों को पूरा कर पाती है।
निजी कंपनियों और स्टार्टअप्स की भूमिका
South India Coffee Company और Vidi’s Coffee जैसी कंपनियां विशेष निर्यात क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। युवा उद्यमी भारत की विशेष कॉफी प्रोफाइल का उपयोग करके वैश्विक गोरमेट बाजारों को लक्षित कर रहे हैं।
रोजगार और क्षेत्रीय योगदान
भारत में करीब 20 लाख लोग कॉफी खेती और व्यापार से जुड़े हैं। कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु मिलकर भारत के 90% से अधिक कॉफी उत्पादन में योगदान देते हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table (Hindi)
विषय | विवरण |
भारत का कॉफी निर्यात (2024–25) | $1.8 बिलियन |
दशक में वृद्धि | 125% |
प्रमुख आयातक | इटली, जर्मनी, बेल्जियम |
प्रोत्साहन | ₹3/किग्रा वैल्यू-एडेड, ₹2/किग्रा ग्रीन कॉफी |
मशीनरी सब्सिडी | 40% तक ₹15 लाख |
खेती की शैली | छाया में उगाई गई कॉफी |
वैश्विक कॉफी रैंक | उत्पादन में 7वां, निर्यात में 5वां |
वार्षिक उत्पादन | लगभग 3.6 लाख टन |
प्रमुख उत्पादक राज्य | कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु |
रोजगार प्रभाव | 20 लाख लोग निर्भर |