भारत के आर्थिक भविष्य को सशक्त बनाने की पहल
केंद्रीय बजट 2025 के दौरान भारत सरकार ने राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य विनिर्माण क्षेत्र का GDP में योगदान (वर्तमान में 16–17%) को बढ़ाकर एक नवाचार–आधारित, प्रतिस्पर्धी और लचीला औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। यह मिशन मेक इन इंडिया दृष्टिकोण से प्रेरित है और नीति ढांचे को परिभाषित करने के लिए एक अंतरमंत्रालयी समिति का गठन भी किया गया है।
मूल उद्देश्य: सुधार, कौशल, नवाचार
मिशन के पाँच प्रमुख स्तंभों में पहला है—व्यापार सुगमता में सुधार, जिसके तहत नियामक लागत में कमी और प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर जोर दिया गया है। दूसरा स्तंभ है तकनीकी रूप से सुसज्जित और भविष्य–तैयार कार्यबल का निर्माण। तीसरा फोकस है MSME क्षेत्र को पुनर्जीवित करना, जो निर्यात और रोजगार का मुख्य आधार है। चौथा स्तंभ है स्वचालन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स जैसी उन्नत तकनीकों तक पहुंच प्रदान करना। पाँचवां और अंतिम उद्देश्य है उत्पाद की गुणवत्ता और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देना।
नीति समर्थन और केंद्र-राज्य समन्वय
मिशन की सफलता के लिए एक मजबूत शासन प्रणाली का निर्माण आवश्यक है। केंद्र सरकार एक केंद्रीकृत निगरानी तंत्र पर काम कर रही है जिसमें राज्य सरकारों की भागीदारी भी होगी। इस प्रणाली के तहत औद्योगिक अवसंरचना सुधार, लक्षित प्रोत्साहन, और अनुकूल विनियामक माहौल को बढ़ावा दिया जाएगा।
हरित विनिर्माण और श्रम-प्रधान क्षेत्र पर विशेष ध्यान
मिशन स्वच्छ तकनीक आधारित निर्माण को बढ़ावा देता है, जैसे—सौर पैनल, EV बैटरी और पवन टर्बाइन का घरेलू उत्पादन। साथ ही, जूते और चमड़ा जैसे श्रम–प्रधान उद्योगों को भी बढ़ावा देने के लिए फोकस प्रोडक्ट स्कीम के तहत विशेष सहायता दी जाएगी, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन संभव हो सके।
MSMEs को सशक्त बनाना और कौशल विकास को बढ़ावा
MSME क्षेत्र मिशन का मुख्य लाभार्थी रहेगा। नए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू किए जाएँगे ताकि कुशल जनशक्ति तैयार हो सके। इंडस्ट्रियल क्लस्टर्स के साथ कौशल केंद्र स्थापित किए जाएँगे, जिससे ऑन–द–जॉब ट्रेनिंग को बल मिलेगा।
खिलौना निर्माण और खाद्य प्रसंस्करण: नए प्राथमिक क्षेत्र
मिशन के तहत राष्ट्रीय खिलौना कार्य योजना को लागू किया जाएगा, जिसका उद्देश्य भारत को वैश्विक खिलौना उत्पादन केंद्र बनाना है। वहीं, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान (NIFTEM) को बिहार में स्थापित किया जा रहा है, जिससे कृषि उत्पादों का मूल्यवर्धन, ग्रामीण उद्यमिता, और युवा रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
Static GK Snapshot
विषय | विवरण |
मिशन का प्रारंभ वर्ष | 2025 |
विनिर्माण का GDP में योगदान (2024) | लगभग 16–17% |
समन्वय संस्था | अंतरमंत्रालयी समिति |
प्रमुख क्षेत्र | MSMEs, स्वच्छ तकनीक, जूता, चमड़ा, खाद्य प्रसंस्करण, खिलौना उद्योग |
प्रमुख योजनाएँ | फोकस प्रोडक्ट स्कीम, राष्ट्रीय खिलौना कार्य योजना |
कौशल संस्थान स्थान | बिहार (NIFTEM – खाद्य प्रौद्योगिकी और उद्यमिता संस्थान) |
राष्ट्रीय नीति लक्ष्य | विनिर्माण में वृद्धि और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना |