2026 से लागू होगा नया ईपीआर ढांचा
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने गैर–लौह धातुओं के स्क्रैप पर केंद्रित एक नया Extended Producer Responsibility (EPR) ढांचा घोषित किया है। यह नियम 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होगा और एल्युमिनियम, तांबा, जिंक तथा उनके मिश्रधातुओं पर लागू होगा। इसका उद्देश्य है कि उत्पादकों को उनके उत्पादों के अंतिम निपटान और पुनर्चक्रण के लिए जवाबदेह ठहराया जाए।
Static GK Fact: CPCB की स्थापना 1974 में जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम के तहत की गई थी।
रीसाइक्लिंग के लिए निर्धारित लक्ष्य
इस नीति के तहत, सभी उत्पादकों को अनिवार्य रीसाइक्लिंग लक्ष्य प्राप्त करने होंगे। यह लक्ष्य 2026-27 में 10% से शुरू होकर 2032-33 तक 75% तक बढ़ाया जाएगा। इससे उद्योगों को जरूरी बुनियादी ढांचा विकसित करने का समय मिलेगा, जबकि पर्यावरणीय लक्ष्यों की ओर निरंतर प्रगति भी सुनिश्चित होगी।
CPCB इस प्रक्रिया की निगरानी करेगा और केंद्रीकृत पोर्टल के माध्यम से EPR प्रमाणपत्र जारी करेगा। प्रत्येक प्रमाणपत्र उस वित्तीय वर्ष के अंत से दो वर्षों तक वैध रहेगा।
गैर-लौह धातुओं की रीसाइक्लिंग का महत्त्व
गैर–लौह धातुएँ, जैसे एल्युमिनियम और तांबा, बार-बार रीसाइक्लिंग किए जाने पर भी गुणवत्ता नहीं खोतीं। इनकी रीसाइक्लिंग से ऊर्जा की बचत, खनन पर निर्भरता में कमी, और वृत्ताकार अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है। यह नीति विद्युत तारों से लेकर निर्माण सामग्री तक कई उत्पादों को कवर करती है।
Static GK Tip: एल्युमिनियम पृथ्वी की सतह में सबसे प्रचुर धातु है और इसका उपयोग विमानन, ऑटोमोबाइल, और पैकेजिंग में व्यापक रूप से होता है।
ईपीआर का मूल उद्देश्य
Extended Producer Responsibility (EPR) एक नीति उपकरण है, जिसके तहत निर्माता अपने उत्पादों के एकत्रीकरण, रीसाइक्लिंग और निपटान के लिए उत्तरदायी होते हैं। भारत में इसे 2011 में ई–कचरा नियमों के माध्यम से पहली बार लागू किया गया। बाद में यह प्लास्टिक और धातु अपशिष्ट पर भी लागू हुआ।
भारत-ब्राजील सहयोग
भारत और ब्राज़ील के बीच 2024-25 में 12.20 अरब डॉलर का व्यापार हुआ जिसमें भारत को सरप्लस मिला। ब्राज़ील ने 2022 में इंटरनेशनल सोलर अलायंस (ISA) को भी रैटिफाई किया और वह ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस का सह-संस्थापक भी है। दोनों देश BRICS, IBSA, और G-20 जैसे मंचों पर सहयोग कर रहे हैं।
Static GK fact: भारत और ब्राज़ील के संबंधों को 2006 में रणनीतिक साझेदारी के रूप में उन्नत किया गया था।
Static Usthadian Current Affairs Table (हिंदी संस्करण)
विषय | विवरण |
ईपीआर लागू तिथि | 1 अप्रैल 2026 |
प्रारंभिक रीसाइक्लिंग लक्ष्य | 10% (2026–27) |
अंतिम लक्ष्य | 75% (2032–33) |
प्रमाणपत्र जारी संस्था | केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) |
प्रमाणपत्र वैधता | वित्तीय वर्ष के अंत से 2 वर्ष |
ईपीआर की शुरुआत भारत में | 2011 (ई-कचरा नियम) |
शामिल धातुएँ | एल्युमिनियम, तांबा, जिंक और मिश्रधातुएँ |
रणनीतिक भागीदार (भारत-ब्राज़ील) | 2006 से |
ब्राज़ील की भूमिका | ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस सह-संस्थापक |
ISA रैटिफिकेशन | ब्राज़ील ने 2022 में किया |