एनपीओपी 8.0: जैविक कृषि को तकनीकी बल
10 जनवरी 2025 को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा नेशनल प्रोग्राम फॉर ऑर्गेनिक प्रोडक्शन (NPOP) के 8वें संस्करण की शुरुआत की गई। यह भारत के सतत कृषि की ओर बदलाव और वैश्विक व्यापार प्रतिस्पर्धा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 2028 तक ₹20,000 करोड़ जैविक निर्यात का लक्ष्य तय करते हुए NPOP 8.0 जैविक खेती को डिजिटल तकनीक, ट्रेसबिलिटी और प्रमाणन सुधारों के ज़रिए नया आकार दे रहा है।
8वें संस्करण में क्या है नया?
2025 के संस्करण में पांच नई डिजिटल पहल शामिल की गई हैं:
- NPOP पोर्टल: किसानों, निर्यातकों और प्रमाणन एजेंसियों के लिए एकल डिजिटल मंच
• ऑर्गेनिक प्रमोशन पोर्टल: एफपीओ और किसानों को वैश्विक खरीदारों से जोड़ता है
• TraceNet 2.0: फसल को सीधे किसान और कटाई तिथि से जोड़ता है – वैश्विक उपभोक्ता विश्वास के लिए महत्वपूर्ण
• APEDA पोर्टल (नवीनतम रूप): निर्यात प्रमाणन और लॉजिस्टिक्स को सरल बनाता है
• AgriXchange: बाजार की मांग, मूल्य और पूर्वानुमान की रीयल-टाइम जानकारी देता है
यह डिजिटल समन्वय पारदर्शिता बढ़ाता है और भारत की जैविक उत्पाद विश्वसनीयता को वैश्विक स्तर पर मज़बूत करता है।
जैविक खेती आज क्यों अधिक ज़रूरी है?
भारत में जैविक किसानों की संख्या विश्व में सबसे अधिक है, लेकिन निर्यात प्रदर्शन अब भी सीमित है। जैविक खेती:
- मृदा और जल गुणवत्ता में सुधार करती है
• रासायनिक इनपुट की आवश्यकता कम करती है
• उत्पादों को प्रीमियम बाज़ारों में बेचने का अवसर देती है
NPOP 8.0 इन प्रयासों को बेहतर प्रमाणन, डेटा और कनेक्टिविटी के माध्यम से गति देने का प्रयास कर रहा है।
प्रमाणन सुधार: किसानों के लिए प्रक्रिया सरल
- रासायनिक रहित भूमि के लिए प्रमाणन की न्यूनतम अवधि अब 3 वर्ष तक सीमित
• ग्रुप फार्मर्स को कानूनी मान्यता मिली, जिससे छोटे किसान सामूहिक रूप से प्रमाणन ले सकते हैं
• सार्वजनिक डेटा उपलब्धता और आईटी–आधारित ऑडिट टूल्स ने लालफीताशाही कम की और जवाबदेही बढ़ाई
पूर्वोत्तर भारत (अदरक, हल्दी) और मध्यप्रदेश (जैविक कपास) जैसे क्षेत्र पहले से ही जैविक निर्यात से बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं।
वैश्विक सहभागिता और समर्थन
- 1,000 से अधिक जैविक किसान लॉन्च में उपस्थित थे
• ऑर्गेनिक इंडिया, अमूल, 24 मंत्रा जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों ने अपने उत्पाद प्रदर्शित किए
• EU, USA, दक्षिण कोरिया, UAE जैसे देशों और FAO, IFOAM, FiBL जैसे संगठनों ने भारत की जैविक योजना का समर्थन किया — जो वैश्विक विश्वास का संकेत है।
STATIC GK SNAPSHOT परीक्षा के लिए
विषय | विवरण |
योजना का नाम | राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (NPOP) |
शुरू किया | APEDA, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय |
संस्करण | 8वां |
लॉन्च तिथि | 10 जनवरी 2025 |
निर्यात लक्ष्य (2028 तक) | ₹20,000 करोड़ |
ट्रेसबिलिटी सिस्टम | ट्रेसनेट 2.0 |
लॉन्च पर किसान | 1,000+ |
व्यापार में रुचि रखने वाले देश | USA, EU, UAE, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया |
प्रमुख संगठन उपस्थित | FAO, FiBL, IFOAM |
किसान पोर्टल | ऑर्गेनिक प्रमोशन पोर्टल, NPOP पोर्टल |
नई प्रमाणन अवधि | अधिकतम 3 वर्ष (भूमि इतिहास के आधार पर) |