PM10 वायु गुणवत्ता आपातकाल की स्थिति
भारत वर्तमान में गंभीर वायु प्रदूषण संकट का सामना कर रहा है, विशेषकर प्रमुख शहरी क्षेत्रों में। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, देश के कई शहरों में PM10 कणों का स्तर राष्ट्रीय सुरक्षित सीमा 60 µg/m³ से कहीं अधिक पाया गया है।
2021 से 2024 के बीच, दिल्ली और पटना जैसे शहरों में यह स्तर 200 µg/m³ से भी अधिक दर्ज किया गया, जो श्वसन रोग, अस्थमा और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए अत्यधिक खतरनाक है।
PM10 क्या है और यह क्यों चिंताजनक है
PM10 कण वे सूक्ष्म धूल कण होते हैं जिनका व्यास 10 माइक्रोमीटर से कम होता है। ये कण शरीर की स्वाभाविक सुरक्षा प्रणालियों को पार करके फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं।
- अल्पकालिक संपर्क अस्थमा को बिगाड़ सकता है।
- दीर्घकालिक संपर्क से हृदय और फेफड़ों से संबंधित बीमारियाँ हो सकती हैं।
बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए यह विशेष रूप से खतरनाक होता है।
PM10 प्रदूषण के प्रमुख कारण
PM10 प्रदूषण की जड़ में कई मानवजनित स्रोत हैं:
- वाहनों से निकलने वाला धुआं,
- निर्माण स्थलों से उड़ती धूल,
- खुले में कचरा जलाना,
- उद्योगों से निकलने वाले धुएं,
- और फसल अवशेष जलाना, विशेषकर उत्तर भारत में।
इंडो–गैंगेटिक मैदान में यह संकट और अधिक गहराया हुआ है, जो विश्व के सबसे घने और प्रदूषित क्षेत्रों में से एक है।
2024 में,
- दिल्ली के आनंद विहार में PM10 स्तर 8 µg/m³,
- पटना के समनपुरा में 7 µg/m³ रिकॉर्ड किया गया—जो तीन गुना से भी अधिक है।
नीतिगत प्रयास और चुनौतियाँ
हालांकि कई शहरों में एक्शन प्लान और राष्ट्रीय मानक मौजूद हैं, लेकिन PM10 के स्तर में सुधार बहुत सीमित रहा है।
Respirer Living Sciences की विशेषज्ञ रिपोर्ट के अनुसार:
- नीतियों का क्रियान्वयन असंगत रहा है,
- लंबी अवधि की दृष्टि की कमी है,
- एयर क्वालिटी निगरानी नेटवर्क अपर्याप्त है,
- और जनसामान्य में जागरूकता की भारी कमी है।
स्वच्छ हवा के लिए आगे की राह
भारत के वायु संकट का समाधान केवल अस्थायी उपायों से संभव नहीं है।
विशेषज्ञों के अनुसार समाधान में होना चाहिए:
- शहरी नियोजन में वायु गुणवत्ता लक्ष्यों का एकीकरण,
- परिवहन व्यवस्था और आवास डिज़ाइन का पुनर्गठन,
- ठोस कचरा प्रबंधन,
- और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना।
स्थायी, दीर्घकालिक और सामुदायिक सहभागिता आधारित रणनीति ही भारत के शहरों को स्वस्थ और स्वच्छ वायुमंडल की ओर ले जा सकती है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान झलक (STATIC GK SNAPSHOT)
विषय | विवरण |
सुरक्षित PM10 सीमा | 60 µg/m³ (राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक) |
सबसे अधिक प्रभावित शहर | दिल्ली, पटना, लखनऊ |
2024 में उच्चतम PM10 स्तर | आनंद विहार, दिल्ली – 313.8 µg/m³ |
प्रमुख स्रोत | वाहन, निर्माण धूल, फसल जलाना, औद्योगिक उत्सर्जन |
शामिल एजेंसियाँ | CPCB, राज्य प्रदूषण बोर्ड, नगर निकाय |
सुझाए गए सुधार | शहरी नियोजन में एकीकरण, सख्त अनुपालन, निगरानी प्रणाली |