भारत में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए, सेंट्रल जू अथॉरिटी (CZA) ने देश के पहले सफेद बाघ प्रजनन केंद्र की स्थापना को औपचारिक रूप से रीवा (मध्य प्रदेश) के गोविंदगढ़ में मंजूरी दे दी है। यह केंद्र मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी से मात्र 10 किमी दूरी पर स्थित होगा। इसका उद्देश्य जैव विविधता का संरक्षण, स्थानीय रोजगार सृजन, और ईको–पर्यटन को बढ़ावा देना है। परियोजना की अवधारणा 2011 में की गई थी, लेकिन अब इसे 2025 में अंतिम स्वीकृति मिली है।
रीवा क्यों? एक ऐतिहासिक विरासत का प्रतीक
रीवा भारत के वन्यजीव इतिहास में एक प्रतीकात्मक स्थान रखता है। यही वह क्षेत्र है जहां 1951 में गोविंदगढ़ के जंगलों में महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव ने ‘मोहन‘ नामक अंतिम जंगली सफेद बाघ की खोज की थी। मोहन बाद में दुनियाभर में बंदी सफेद बाघों की वंशावली का स्रोत बना। इस ऐतिहासिक संबंध के कारण रीवा को इस प्रजनन केंद्र के लिए चुना गया है, जिससे भारत अपने बाघ संरक्षण की ऐतिहासिक जड़ों से दोबारा जुड़ रहा है।
केंद्र के प्रमुख घटक और स्थान
यह प्रजनन केंद्र महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी और जू (मुकुंदपुर) के संशोधित मास्टर प्लान के अंतर्गत विकसित किया जाएगा। इसमें आधुनिक बाड़े, वैज्ञानिक प्रजनन कार्यक्रम, और दुर्लभ प्रजातियों पर जागरूकता और अनुसंधान केंद्र शामिल होंगे। यह केंद्र पर्यटन स्थलों के निकट स्थित है, जिससे यह वन्यजीव अनुभव और अनुसंधान दोनों का प्रमुख केंद्र बनेगा।
पर्यटन और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा
मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने पुष्टि की है कि यह योजना राज्य की जैव विविधता संरक्षण नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाना भी है। प्रजनन केंद्र के माध्यम से सफारी प्रबंधन, हॉस्पिटैलिटी, संरक्षण प्रशिक्षण जैसे क्षेत्रों में रोजगार मिलेगा। यह केंद्र घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करेगा जो प्राकृतिक वातावरण में दुर्लभ सफेद बाघों को देखने की इच्छा रखते हैं।
सेंट्रल जू अथॉरिटी की भूमिका
CZA की स्वीकृति इस परियोजना को अंतिम रूप देने में निर्णायक रही है। यह परियोजना भारत सरकार की प्रजाति–विशेष संरक्षण पहल के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह योजना जैव विविधता संधि (CBD) और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के अनुरूप है, जिससे यह राष्ट्रीय और वैश्विक दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण कदम बनती है।
स्टैटिक GK स्नैपशॉट: सफेद बाघ और संरक्षण
तथ्य | विवरण |
अंतिम जंगली सफेद बाघ की खोज | 1951, गोविंदगढ़, रीवा, मध्य प्रदेश (नाम: मोहन) |
प्रथम प्रजनन केंद्र का स्थान | गोविंदगढ़, रीवा जिला, मध्य प्रदेश |
मंजूरी देने वाली संस्था | सेंट्रल जू अथॉरिटी (CZA) |
संबंधित सफारी | मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी (10 किमी दूर) |
परियोजना की घोषणा वर्ष | प्रारंभिक घोषणा 2011, अंतिम स्वीकृति 2025 |
ऐतिहासिक व्यक्ति | महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव |