नदीय वन्यजीव संरक्षण में ऐतिहासिक पहल
भारत ने गंगा नदी डॉल्फिन संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए देश का पहला राष्ट्रीय डॉल्फिन अनुसंधान केंद्र (NDRC) पटना, बिहार में फरवरी 2025 में उद्घाटित किया। यह एशिया का अपनी तरह का पहला संस्थान है, जो मीठे पानी की डॉल्फिन (सुसु) के संरक्षण, अनुसंधान और जनजागरूकता के लिए समर्पित है। यह केंद्र गंगा नदी के समीप स्थित है और नदी पारिस्थितिकी और डॉल्फिन व्यवहार पर अनुसंधान का प्रमुख केंद्र बनेगा।
क्यों जरूरी है गंगा डॉल्फिन का संरक्षण
गंगेटिक डॉल्फिन भारत की राष्ट्रीय जलजीव घोषित है और मुख्य रूप से गंगा–ब्रह्मपुत्र–मेघना और कर्णफुली–संगू नदी प्रणालियों में पाई जाती है। यह डॉल्फिन अंधी होती है और इकोलोकेशन (ध्वनि तरंगों) की सहायता से शिकार करती है। प्रदूषण, नदी यातायात और आवास क्षरण के कारण इनकी संख्या में भारी गिरावट आई है। IUCN ने इसे “लुप्तप्राय“ श्रेणी में रखा है और यह वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I में शामिल है, जिससे इसे भारत में सर्वोच्च कानूनी संरक्षण प्राप्त है।
NDRC को विशेष क्यों माना जा रहा है
यह अनुसंधान केंद्र केवल विज्ञान के लिए नहीं, बल्कि प्रजाति के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है। यह डॉल्फिन की जनसंख्या निगरानी, प्रजनन अध्ययन और नदी स्वास्थ्य मूल्यांकन में मदद करेगा। यह एक जन–जागरूकता केंद्र के रूप में भी कार्य करेगा, जहां स्थानीय समुदायों और युवाओं को संरक्षण अभियान से जोड़ा जाएगा। प्रदूषण नियंत्रण दिशा-निर्देश और राज्य-स्तरीय संरक्षण रणनीति का विकास भी यहीं से होगा।
डॉल्फिन संरक्षण को लेकर व्यापक योजना
भारत सरकार ने 2021 में ‘प्रोजेक्ट डॉल्फिन‘ की शुरुआत के साथ संरक्षण को प्राथमिकता दी। इसके तहत बिहार के विक्रमशिला गंगेटिक डॉल्फिन अभयारण्य जैसे संरक्षित क्षेत्र विकसित किए गए हैं। हर वर्ष 5 अक्टूबर को ‘राष्ट्रीय डॉल्फिन दिवस’ मनाया जाता है। साथ ही 2022–2047 के लिए 25 वर्षीय संरक्षण कार्य योजना बनाई गई है, ताकि दीर्घकालिक संरक्षण संभव हो सके।
पटना क्यों बना आदर्श स्थान
पटना, गंगा नदी के किनारे स्थित है जो गंगेटिक डॉल्फिन का मुख्य आवास है। बिहार में पहले से ही विक्रमशिला डॉल्फिन अभयारण्य मौजूद है और यहां संरक्षण प्रयास मजबूत हैं। पटना में केंद्र की स्थापना से वैज्ञानिकों को प्रत्यक्ष अवलोकन और क्षेत्रीय अनुसंधान का लाभ मिलेगा। इससे बिहार का योगदान राष्ट्रीय पर्यावरणीय अनुसंधान नेटवर्क में और सुदृढ़ होगा।
STATIC GK SNAPSHOT: राष्ट्रीय डॉल्फिन अनुसंधान केंद्र 2025
विषय | विवरण |
केंद्र का नाम | राष्ट्रीय डॉल्फिन अनुसंधान केंद्र (NDRC) |
उद्घाटन तिथि | फरवरी 2025 |
स्थान | पटना, बिहार |
लक्षित प्रजाति | गंगेटिक डॉल्फिन (Platanista gangetica) |
संरक्षण स्थिति (IUCN) | लुप्तप्राय (Endangered) |
राष्ट्रीय दर्जा | भारत का राष्ट्रीय जलजीव |
भारत में कानूनी संरक्षण | अनुसूची-I, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 |
CITES स्थिति | परिशिष्ट-I (व्यापार पूर्णतया निषिद्ध) |
संबंधित पहलें | प्रोजेक्ट डॉल्फिन 2021, संरक्षण योजना 2022–2047 |
जागरूकता दिवस | राष्ट्रीय डॉल्फिन दिवस – 5 अक्टूबर |
प्रमुख अभयारण्य | विक्रमशिला गंगेटिक डॉल्फिन अभयारण्य, बिहार |